इस लेख के अंदर हम लोग बात करने वाले हैं, f&o की taxes on stock options trading के बारे में। इंडिया के अंदर अगर आप F&O या फ्यूचर एंड ऑप्शन के अंदर ट्रेडिंग करते हैं। चाहे आप प्रॉफिट कमाते हो या चाहे फिर लॉस बुक करते हो। तो उसके ऊपर टैक्स कैसे इंपोज होता है उसके साथ ही कैलकुलेशन कैसे होती है? F&O टर्नओवर की क्योंकि इस नियम के अंदर बदलाव आ चुका है, और अगर आपको लॉस भी हुआ है।
तो स्टिल आपको आईटीआर के अंदर क्यों दिखाना चाहिए क्योंकि उसका एक बहुत ही बड़ा बेनिफिट आपको देखने को मिलता है। प्रैक्टिकली stock options taxes के बारे में बात करेंगे साथ ही कौन सा फॉर्म आपको फाइल करना होता है ITR के लिए? कैसे आप अपनी रिपोर्ट को डाउनलोड कर सकते हो? कैसे आईटीआर के अंदर शो कर सकते हो? तो ये सारी चीज जानने को मिलेगी।
taxes on stock options trading

पहले देखिए बात करते हैं कि, F&O के ऊपर आखिर टैक्स कैसे लगता है? या फिर टैक्सेशन कैसे काम करता है? तो F&O का जो भी प्रॉफिट होता है चाहे लॉस होता है उसको एक बिजनेस इनकम और लॉस की तरह ट्रीट किया जाता है मतलब नॉर्मली जो आप बिजनेस कर रहे होते हो, उसको वैसे ही ट्रीट किया जाता है। इसके ऊपर जो टैक्स होता है व स्लैब रेट के अकॉर्डिंग चलता है।
तो हमारे इंडिया के अंदर दो स्कीम चलती है न्यू टैक्स स्कीम और ओल्ड टैक्स स्कीम। तो इस साल से बाय डिफॉल्ट आप न्यू टैक्स स्कीम के अंदर फॉल करने वाले हैं। तो अगर मैं एक ओवरऑल बताऊं अगर आपकी नेट इनकम जो है ₹5 लाख के नीचे है, न्यू टैक्स स्कीम के अंदर तो आपके ऊपर कोई भी टैक्स नहीं लगता है और गवर्नमेंट आपको प्रॉपर रिबेट यहां पर प्रोवाइड करती है।
तो इसका एक सिंपल सा मतलब बताऊं मान लीजिए कि, taxation of options के तहत आपकी कोई इनकम कुछ भी नहीं है और अगर F&O के ऊपर अगर आपको पांच लाख का भी प्रॉफिट हुआ है तो स्टिल आपको अपनी जेब से कोई भी टैक्स वगैरह कुछ भी जमा नहीं करना होगा।
F&O Trading Tax In India

अब देखिए F&O के ऊपर आपको दो चीजें चाहिए होती है एक तो F&O का टर्नओवर कितना है? और प्रॉफिट एंड लॉस कितना है? यहां पर अगर मैं टर्नओवर की बात करूं तो यहां पर अब से एक नया रूल यहां पर एप्लीकेबल हो चुका है। अब से कैलकुलेशन कैसे होती है?
जैस मान लो कि, F&O के अंदर आपका जो भी प्रॉफिट है आपका जो भी लॉस है उसको एक एब्सलूट वैल्यू मान लिया जाता है और उन सभी को ऐड कर दिया जाता है। जैसे HDFC BANK ₹40,00,000 का लॉस हुआ तो ₹50,00,000 मेरा टर्न ओवर हो गया और इस तरह से जब आप ऐड करेंगे तो टोटल आपका टर्नओवर निकल के आ जाता है।
अब ये देखिए capital gains tax on options जो है आपको ये कभी भी मैनुअली कैलकुलेशन करने की जरूरत नहीं है। इसके लिए आप बकायदा रिपोर्ट्स अपने पोर्टल से ही डाउनलोड कर सकते हैं।
How Tax Imposed On F&O Profit Or Loss

- एग्जांपल के लिए जैसे कि, मैं अगर ज़ेरोधा (ZERODHA) की बात करो तो आप कंसोल के अंदर जाएंगे तो यहां पर आपको टैक्स पर एंडल मिल जाता है।
- तो अपना फाइनेंशियल ईयर सिंपली सेलेक्ट करो क्वार्टर वन से क्वार्टर फोर की रिपोर्ट आप डाउनलोड कर लो। तो जो कैलकुलेशन मैंने आपको टर्नओवर की बताई वो कैलकुलेशन आपको खुद नहीं करनी पड़ती है।
- यहां पर आप देख सकते हैं कोई भी यहां पर ब्रोकर हो आपको ये कैलकुलेशन करके देता है कि, आपका ऑप्शन का कितना टर्न ओवर है? आपका फ्यूचर का कितना टर्न ओवर है और दोनों के ऊपर कितना प्रॉफिट एंड लॉस हो रखा है।
- एग्जांपल के लिए अगर आप मेरी ज़ेरोधा की रिपोर्ट चेक करेंगे, तो उसके अंदर भी उतना ही मेरा टर्न ओवर आ रहा है, तो यहां पे आपको खुद कैलकुलेशन लगाने की जरूरत नहीं है सिस्टम सारी चीजें करके देता है।
Calculation Of The F&O Turnover

अब बात करते हैं कि ये जो टर्नओवर होता है उसके ऊपर टैक्स ऑडिट कब एप्लीकेबल होती है? यानी एक चार्टर्ड अकाउंटेंट से आपको कब जो है टैक्स ऑडिट करानी पड़ती है? कब पीएल अकाउंट, ट्रेडिंग अकाउंट, बैलेंस शीट जो है उनके ऊपर आपको साइन वगैरह करवाने पड़ते हैं। तो देखिए अगर आप आपकी टर्नओवर की जो लिमिट है अगर 10 करोड़ के बियोंड चल जाती है। तो उस केस में निश्चित रूप से कंपलसरी हो जाता है कि, आपको टैक्स ऑडिट करानी ही पड़ेगी।
इसके अलावा अगर मैं 2 से 10 करोड़ के बीच में बात करूं तो वहां पे टैक्स ऑडिट तो एप्लीकेबल नहीं होती है लेकिन आपको बुक्स ऑफ अकाउंट मेंटेन करने पड़ते हैं और आपको प्रॉपर तरीके से बैलेंस शीट पंडल अकाउंट ट्रेडिंग अकाउंट उसके थ्रू आपको अपना प्रॉफिट या लॉस बुक करना पड़ता है इसके अलावा अगर आपका 2 करोड़ के नीचे है और अगर आप मान लीजिए प्रॉफिट है आपका एफ एंडो के अंदर तो उस केस में आप प्रेजेंटेटजन जा सकते हैं। वहां पे आप अपना प्रॉफिट शो कर सकते हैं, लेकिन अगर मैं लॉस की बात करूं तो अगेन आपको बुक्स ऑफ अकाउंट्स के मेथड के थ्रू यहां पे जाना पड़ता है।
Slab Rates on Taxable Income of options trading
Taxable Income | Slab Rate |
---|---|
Up to 3,00,000 | NIL |
3,00,001 to 6,00,000 | 5% |
6,00,001 to 9,00,000 | 10% |
More than 15,00,000 | 30% |
Benefits Of F&O Losses

अब कई लोग यहां पे गलती क्या करते हैं वैसे आप लोगों को भी पता होगा हमारे इंडिया में केवल 1 पर ट्रेडर ही जो है एफ एंडो के अंदर भाई प्रॉफिट बुक कर पाते हैं और ये एक्चुअली एकदम फैक्ट है तो देखिए यहां पे जितने भी लॉसेस होते हैं इवन हमारे भी कई सारे जो क्लाइंट्स होते हैं उनके काफी सारे लॉसेस होते हैं तो कई बार क्या करते हैं क्लाइंट्स जो है बेसिकली अ आप उनका जो लॉसेस होता है वो कैरी फॉरवर्ड नहीं करते अब उनसे नुकसान यह होता है कि मैं आपको बता बताना चाहूंगा जैसे हमने बताया कि, F&O का जो प्रॉफिट या लॉस होगा उसको बिजनेस प्रॉफिट एंड लॉस की तरह ट्रीट किया जाता है।
तो इन लॉसेस को भाई आप 8 साल तक कैरी फॉरवर्ड कर सकते हो इसका बेनिफिट क्या मिलता है कि बिजनेस लॉस को आप किसी भी इनकम के साथ में सेट ऑफ कर सकते हो एक्सेप्ट द सैलरी जी हां यानी कि, मान लो आपने लॉन्ग टर्म इन्वेस्टिंग की उससे आपको कैपिटल गेन हुआ शॉर्ट टर्म इन्वेस्टिंग की उससे आपको शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन हुआ तो ये भी सेट ऑफ हो जाएगा। इसके साथ ही हमने stock options tax guide के जरिये आपको सभी प्रकार के सिचुएशन में क्या-क्या करना होगा इसकी विस्तृत जानकरी आपको बता रहे है।
आपका बैंक इंटरेस्ट सेट ऑफ हो जाएगा रेंटल इनकम सेट ऑफ हो जाएगी कोई दूसरा बिजनेस कर रहे हो या फ्रीलांसिंग जॉब कर रहे हो कहीं पे कुछ कर रहे हो। तो वहां से जो इनकम आपको रिसीव हो रही है वो भी सेट ऑफ हो जाएगी। यानी उसके अगेंस्ट में आपको इनकम टैक्स नहीं पे करना पड़ता। तो ये काफी बड़ा एडवांटेज हो जाता है लेकिन कैरी फॉरवर्ड भाई आप तभी कर पाओगे।
जब आप आईटीआर (ITR) के अंदर उसको दिखाओगे तो जब भी आपको F&O के लोस होते हैं। आप भाई हर साल जो है अपनी इनकम टैक्स रिटर्न के अंदर F&O के लॉसेस को जरूर दिखाओ और उसको जरूर कैरी फॉरवर्ड करो। आज नहीं तो कल वो जरूर यहां पर काम में आने वाला है। इवन अगर आपने ट्रेडिंग भी छोड़ दी तब भी भाई वो आपको बेनिफिट देने वाला है।
Which Form Has To Be File ITR-3

अब बात करते हैं कि, यहां पर F&O के जो लॉसेस होते हैं या जो प्रॉफिट्स वगैरह जो चीजें होती है। उसके लिए आपको कौन सा ITR फॉर्म फाइल करना पड़ता है? तो इसके लिए आपको हर साल आईटीआर 3 (ITR-3) फॉर्म फाइल करना पड़ता है। ये लॉसेस भी ध्यान रखिएगा 31 जुलाई से पहले आपको फाइल करना पड़ता है। उसके बाद में फाइल करोगे तो फिर कैरी फॉरवर्ड वगैरह नहीं कर पाओगे तो निश्चिंत कीजिए कि, ITR- 3 के अंदर आपको 31 जुलाई से पहले ये चीजें दिखानी पड़ती है।
तो देखिए अगर आपका टर्नओवर जो है 2 करोड़ के नीचे और F&O के अंदर आपने प्रॉफिट कर रखा है। कोई बुक्स ऑफ अकाउंट वगैरह मेंटेन नहीं करते, तो सिंपली यहां पर अपने पीएल वाले सेक्शन के अंदर जा सकते हैं। इसके अलावा अगर आप बुक्स ऑफ अकाउंट मेंटेन नहीं करते है तो प्रेजेंट बेसिस पर भी नहीं दिखाना चाहते तो यहां पर आपको एक नो अकाउंट का केस का भी कॉलम देखने को मिल जाता है। इसके अंदर भी जो है आपको बिजनेस का कॉलम देखने को मिल जाएगा।
जहां पे आप अपने F&O का टर्नओवर और अपना प्रॉफिट वगैरह यहां पर बुक कर सकते हो। इसके अलावा अगर मैं F&O लॉस वगैरह की बात करूं तो वहां पे प्रॉपर आपको जो है बुक्स ऑफ अकाउंट्स के थ्रू यहां पे जो उस मेथड के थ्रू यहां पे जाना पड़ता है और आईटीआर वैसे भी फिल अप करने में कॉम्प्लिकेटेड होती है क्योंकि इसमें बैलेंस शीट का भी पार्ट होता है। आपको सोर्स ऑफ दी फंड एप्लीकेशन ऑफ द फंड्स दिखाना पड़ता है।
इसके अलावा फिर ट्रेडिंग अकाउंट के अंदर यहां पर रेवेन्यू फ्रॉम ऑपरेशन यानी कि, ऑप्शन ट्रेडिंग से कितना आपका कितने में आपने बेसिकली यहां पर बेचा है। कितने में आपकी कॉस्ट आई है? आपके कौन-कौन से एक्सपेंसेस है? कितना आपको लॉस हुआ है? तो ये चीजें आपको ट्रेडिंग अकाउंट के अंदर मेंटेन करनी पड़ती है। अगर ओवरऑल बात करूं तो तीन मेथड हो जाते या तो अगर आपका प्रॉफिट जो है 6 प्रतिशत से या 8 प्रतिशत से ज्यादा है। तो आप प्रेजेंट बेसिस पे दिखा सकते हैं नो अकाउंट की इसके अंदर दिखा सकते हैं या फिर आपको बुक्स ऑफ अकाउंट्स मेथड के थ्रू यहां पर जाना पड़ेगा।
Conclusion
सो गाइज होप यू लाइक दिस आर्टिकल प्लीज सब्सक्राइब आवर वेबसाइट। अगर आप एक अफोर्डेबल कॉस्ट के ऊपर अपनी आईटीआर फाइलिंग (ITR Filing) कराना चाहते हो। अपने f&o के लॉसेस को कैरी फॉरवर्ड करना चाहते हो।
तो अगर आप लोग के कोई भी डाउट्स है कमेंट बॉक्स के अंदर जरूर बताइए थैंक यू गाइज।
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