स्टॉक मार्केट में margin trading explained in hindi मार्जिन ट्रेडिंग कैसे कर सकते हैं? क्या मार्जिन ट्रेडिंग सही है? इस लेख में इन सारे सवालों के जवाब देंगे।
Introduction

नमस्कार दोस्तों, स्वागत है आपका हमारे ब्लॉग में जो इंवेस्टिंग और ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी पर बेस्ड है। अगर आप इंवेस्टिंग में इंटरेस्टेड हैं, इंवेस्टिंग सीखना चाहते हैं तो हमारा ब्लॉग ज़रूर विजिट करें।
इस लेख में what is margin trading, margin trading कैसे काम करता है? margin trading for beginners, margin trading का stock market में क्या प्रभाव होता है? इन सभी विषय पर आज के लेख में विस्तृत जानकारी देने वाले है।
margin trading explained in hindi

आईये चलते हैं पहले सवाल पर लेवरेज या जिसे हम मार्जिन ट्रेडिंग भी कहते हैं, क्या होती हैं? दोस्तों, मार्जिन ट्रेडिंग एक फैसिलिटी होती है जो हर ब्रोकर्स अपने कस्टमर्स को देते हैं। इसकी हेल्प से हम कम पैसों में ज्यादा शेयर्स बाय कर सकते हैं। एग्जाम्पल के लिए, अगर एक ब्रोकर किसी शेयर पर 10 टाइम्स का मार्जिन देता है। तो हम उस ब्रोकर के पास एक शेयर की प्राइस पर 10 शेयर्स बाय कर सकते हैं। तो दोस्तों अगर एक ब्रोकर SBI के स्टॉक पर 10 टाइम्स का मार्जिन या लेवरेज दे रहा है।
अगर SBI की एक शेयर की प्राइस 100 रुपये है। तो हम 100 रुपये में एक शेयर के बजाय SBI के 10 शेयर बाय कर सकते हैं। इसका मतलब हुआ कि, हम 100 रुपये में 1000 रुपये के SBI शेयर्स बाय कर सकते हैं। दोस्तों, ध्यान देने वाली बात ये है कि, ज्यादातर ब्रोकर्स मार्जिन या लेवरेज बस इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए ही देते हैं। और बहुत कम ऐसे ब्रोकर्स हैं जो हमे पोजीशन या स्विंग ट्रेडिंग के लिए लेवरेज देते हैं। और दोस्तों, लॉन्ग टर्म इंवेस्टिंग के लिए कोई भी ब्रोकर लेवरेज नही देता। साथ ही साथ दोस्तों, हर स्टॉक पर मार्जिन अलग-अलग होता है।
जेनरली अच्छी और बड़ी कंपनियों के शेयर पर मार्जिन ज्यादा होता है। वहीं छोटी कंपनियों के शेयर पर मार्जिन कम होता है। और किसी स्टॉक पर मार्जिन देना या ना देना या कितने टाइम्स का देना ये हर ब्रोकर अपने हिसाब से डिसाइड करता है। तो दोस्तों आप मार्जिन ट्रेडिंग करने से पहले अपने ब्रोकर से सारे मार्जिन ज़रूर कन्फर्म कर लें।
दोस्तों, अब सवाल है कि ब्रोकर्स ऐसा क्यों करते हैं? क्यों ब्रोकर्स हमे 100 रुपये में 1000 रुपये के शेयर्स बाय करने देते हैं? इसका सीधा जवाब है ब्रोकरेज। दोस्तों, ब्रोकर्स हर बाय और सेल ऑर्डर पर ब्रोकरेज लेते हैं। और ब्रोकरेज बाय या सेल किये गए स्टॉक की टोटल वैल्यू पर लगती है। अगर किसी ब्रोकर का कमीशन 1% है और हम टोटल 100 रुपये के स्टॉक बाय करते हैं। तो वो ब्रोकर हमसे 100 रुपये का 1% यानी 1 रुपया ब्रोकरेज चार्ज करेगा। पर जब हम 10 टाइम्स का मार्जिन लेकर 100 रुपये में 1000 रुपये के शेयर्स बाय करते हैं।
तो अब ब्रोकरेज शेयर्स की टोटल बाय वैल्यू यानी 1000 रुपये का 1%, मतलब 10 रुपये हो जाएगा। बस इसी वजह से दोस्तों, ब्रोकर्स मार्जिन या लेवरेज प्रोवाइड करते हैं। ताकि हम ज्यादा वैल्यू के स्टॉक्स बाय और सेल करें और ब्रोकर्स हमसे ज्यादा ब्रोकरेज ले सके।
Margin Trading Kaise Kare?

आईये अब हम चलते हैं दूसरे सवाल पर। हम मार्जिन ट्रेडिंग कैसे कर सकते हैं? दोस्तों, मार्जिन ट्रेडिंग के लिए सबसे पहले हमें चाहिए ट्रेडिंग एकाउंट। अगर आप ट्रेडिंग एकाउंट के बारे में नही जानते हैं।
तो हमने ट्रेडिंग और डिमैट एकाउंट दोनों पर वीडियो बनाया हुआ है। आप उन्हें ज़रूर देखें। ट्रेडिंग एकाउंट बनाने के बाद हमे उस एकाउंट में पैसे ऐड करने होंगे। और फिर हम जिस भी स्टॉक या डेरिवेटिव्स में मार्जिन ट्रेडिंग करना चाहते हैं हमे उसका मार्जिन चेक करना होगा। फिर हम उस स्टॉक के मार्जिन के अकॉर्डिंग इंट्राडे ट्रेडिंग कर सकते हैं।
ध्यान रखें दोस्तों, मार्जिन ट्रेडिंग करने से पहले अपने ब्रोकर्स से मार्जिन अच्छी तरह पता कर लें। अब हम आ गए हैं अपने आखिरी सवाल पर। क्या मार्जिन ट्रेडिंग करना सही है?
Advantages and risks of margin trading

दोस्तों, मार्जिन लेकर ट्रेडिंग करना एक दोधारी तलवार की तरह है। हम मार्जिन ट्रेडिंग से बहुत कम समय मे बहुत कम पैसे लगाकर बहुत ज्यादा प्रॉफिट कमा सकते हैं। पर अगर हमारा ट्रेड गलत हुआ तो हमे बड़ा नुकसान भी हो सकता है।
मान लेते हैं हमारे पास 1 लाख रुपये हैं। और हम इंट्राडे में मार्जिन ट्रेडिंग करना चाहते हैं। हमने एक स्टॉक XY चूज़ किया जिसकी शेयर प्राइस है 1000 रुपये। और इस स्टॉक पर हमें अपने ब्रोकर से 10 टाइम्स का मार्जिन मिल रहा है।
- तो दोस्तों, अगर हमे मार्जिन ना मिलता तो हम 1 लाख में XY कंपनी के 100 शेयर ही बाय कर पाते पर क्योंकि हमें XY कंपनी के शेयर पर 10 टाइम्स का मार्जिन मिल रहा है। तो अब हम उसी 1 लाख रुपये से XY कंपनी के 1000 शेयर्स इंट्राडे में बाय कर लेते हैं।
- अब दोस्तों, अगर XY की शेयर प्राइस कुछ घंटो में 10% से बढ़कर 1000 से 1100 रुपये हो जाये तो क्या होगा? तो दोस्तों, क्योंकि हमने 10 लाख के शेयर्स बाय करके रखे हैं। इसलिए हमारे शेयर्स की वैल्यू भी 10 लाख से 10% बढ़कर 11 लाख हो जाएगी और अगर हम अपने सारे शेयर्स 1100 की प्राइस पर सेल कर दे तो हमे 1 लाख का प्रॉफिट हो जाएगा।
- जी हाँ दोस्तों, 1 लाख रुपये से मार्जिन ट्रेडिंग कर के हम इसी तरह कुछ घंटो में अपने इन्वेस्टमेंट पर 100% प्रॉफिट कमा कर अपने पैसो कोशिश डबल कर सकते हैं।
- अगर XY कंपनी की शेयर प्राइस 10% से बढ़ने के बजाय 10% से घट जाए तो फिर हमें 1 लाख के प्रॉफिट के बजाय 1 लाख का लॉस होगा। हमे अपने इन्वेस्टमेंट पर 100% प्रॉफिट के बजाय 100% का लॉस हो जाएगा।
तो दोस्तों, मार्जिन ट्रेडिंग अपने आप में ना अच्छी है ना बुरी। ये हमारे ऊपर डिपेंड करता है कि, हम मार्जिन का यूज़ करके कैसी ट्रेडिंग करते हैं। अगर हम अच्छे से देखकर और समझकर बिना लालच में आये मार्जिन का यूज़ करेंगे तो हमारे लिए मार्जिन ट्रेडिंग बहुत अच्छा हो सकता है। पर अगर हम मार्जिन लेकर लालच में बिना टेक्निकल एनालिसिस करके ट्रेडिंग करेंगे, तो मार्जिन ट्रेडिंग हमारे लिए नुकसानदायक हो सकता है।
Ending

राहुल कुमार सोनी एक वित्तीय बाजार लेखक हैं, जिन्हें शेयर बाजार, ट्रेडिंग और निवेश में 6 साल से अधिक का अनुभव है। वह बी.टेक सिविल इंजीनियरिंग में ऑनर्स डिग्री के साथ एक बाजार निवेशक भी हैं।