नमस्कार दोस्तों, Financial Edify के इस लेख में हम stock market knowledge in hindi के तहत शेयर बाजार की पूरी जानकारी तथा ऐसे लोग जो नए हैं और डरे हुए हैं, उनके लिए हम स्टेप बाय स्टेप गाइड करने वाले है ताकि आप अपनी स्टॉक मार्केट की इस यात्रा को शुरू कर सके।
stock market knowledge in hindi
आज इंटरनेट की दुनिया में इतने सारे वीडियोस, लेख, सोशल मीडिया के माध्यम से इतना ज्यादा ज्ञान परोसा जा रहा है, कि आप स्टॉक मार्केट में इन्वेस्ट कर सकते है, रियाल स्टेट में निवेश कर सकते है, डिजिटल गोल्ड, म्यूच्यूअल फण्ड इतियादि।
हमें लगता कि ज़्यदा इनफार्मेशन फायदेमंद है, लेकिन ऐसा नहीं है। आपको कुछ समय बाद अनुभव होगा कि जितना ज्यादा इनफार्मेशन एक इन्वेस्टर को मिलेगा वह उतना ही डरेगा। क्योकि वह इतने इनफार्मेशन के दवाव में है कि उसे ये भी सही लग रहा है और वो भी।
आपके इसी ड़र को दूर करने के लिए हम आपको 5 तरीके से स्टेप बाय स्टेप गाइड करेंगे। इस लेख को पढ़ने के बाद आप इतने काबिल हो पाएंगे कि आप स्वयं चुन पाएंगे की आपको किसमे निवेश करना है।
शेयर बाज़ार में निवेश के मुख्य 5 तरीके।
1) इन्वेस्टमेंट और ट्रेडिंग के बीच अंतर।
इन्वेस्टिंग का मतलब यह होता है कि आप किसी भी कंपनी के स्टॉक्स को खरीदते है, या अपने पोर्टफोलियो में स्टॉक्स को खरीदते है। जिससे आप उस कंपनी के मालिक बनते है। इसे ही डिलेवरी कहते है। डिलेवरी, ट्रेडिंग से पूरी तरह से अलग होता है। क्योकि ट्रेडिंग में आपको स्टॉक्स को खरीदकर उसी दिन बेचना होता है। क्योकि ट्रेडर प्राइस मूवमेंट पर निर्भर होते है।
मान लीजिये कोई एक ट्रेडर 100 रुपए में स्टॉक्स को ख़रीदा और उसे 101 में बेच दिया। आप सोचेंगे कि 1 रुपए के लिए क्यू? नहीं ऐसा नहीं है, वह ऐसा कर के 1 प्रतिशत का लाभ कामयेगा। आपको जानकर बड़ी हैरानी होगी कि अगर कोई ट्रेडर सिर्फ 1 प्रतिशत प्रतिदिन कमा पायेगा, तो साल के अंत तक वह अपने पैसो को 38 गुना कर चुका होगा। लेकिन ऐसा करना पॉसिबल न के बराबर है। लेकिन यही लालच बहुत ट्रेडर्स को ट्रेड लेने को मजबूर करता है।
साथ ही ट्रेडिंग बहुत टेक्निकल, बहुत समय का दोहन और साथ ही आपको बहुत रिसर्च करना पड़ेगा ताकि आप यह पता लगा सके कि आपको कब इंट्री, कब एग्जिट,कितनी क्वांटिटी,कब भाव बढ़ेगा, कब घटेगा इतियादी। मतलब साफ है कि आपको सक्रिय होकर मार्केट को ट्रैक करते रहना होगा। इसलिए ट्रेडिंग एक नए इन्वेस्टर के लिए तो थोड़ा भी सही नहीं है।
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2) स्टॉक में निवेश से पहले आवश्यक शर्तें।
पहला तो आपके पास पैन कार्ड होना चाहिए और दूसरा आपके पास एक डीमैट खाता होना चाहिए। पैन कार्ड इसलिए भी जरुरी है क्योकि हर एक चीज जो भी आप खरीद या बेच रहे है उस पर टैक्स लगेगा। जो आपकी टैक्स की जानकारी प्रदर्शित करेगा।
वही दूसरी ओर डीमैट एक बैंक खाते की तरह ही है जिसमे आपके शेयर रहेंगे। जैसे आपका पैसा आपके बैंक खाते में होता है वैसे ही आपके स्टॉक्स आपके डीमैट खाते में होंगे। ताकि जब भी आप कुछ शेयर खरीदते या बेचते है तो वह डीमैट खाते से ही लेन-देन होगा। पैन कार्ड बनवाने की कोई आयु सीमा नहीं है।
आप पैदा होने के बाद भी पैन कार्ड बनवा सकते है लेकिन डीमैट आप सिर्फ 18 साल की उम्र के बाद ही बनवा सकते है। तो ऐसी स्थिति में आप अपने पैरेन्ट के डीमैट अकाउंट का उपयोग कर सकते है। हम जिस डीमैट अकाउंट को ज़्यदातर उपयोग करते है उसका नाम है ज़ेरोधा।
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आप भी निम्नलिखत लिंक के प्रयोग से अपना डीमैट खाता खोल सकते है।
3) जोखिम उठाने का छमता।
यह महत्वपूर्ण बिंदु है जहा आपके जोखिम उठाने का छमता के बारे में विचार किया जाना जरुरी है। आप स्टॉक मार्केट में कम जोखिम के साथ तथा अधिक जोखिम वाले स्टॉक्स के साथ भी इन्वेस्टमेंट कर सकते है।
बहुत लोग ऐसे होते है जो जोखिम लेने से डरते नहीं है उन्हें जोखिम से प्यार होता है लेकिन जोखिम का मतलब यह नहीं होता कि आप स्टॉक मार्केट में भी low risk के साथ भी और high risk के साथ भी निवेश कर सकते है। और ये सबकुछ आपके पैसो को लेकर क्या सोच है उस पर ही पूरा निर्भर है।
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4) स्टॉक्स में कितने पैसे निवेश करें?
100-x सिद्यांत के अनुसार मान लीजिए कि आप की उम्र x वर्ष हैं तो आपका निवेश मूल्य 100-x होगा। तो अगर आप महीने के 10000 रुपए निवेश कर सकते हैं और आपकी उम्र 20 वर्ष हैं तो 100 -20 = 80 प्रतिशत पैसा आपको शेयर मार्केट में निवेश करना चाहिए।
अर्थात आपको 10000 रुपयों में से 8000 रुपए स्टॉक मार्केट में निवेश करना चाहिए। बाकि के बचे हुए 2000 रुपए आप low risk जैसे कि PPF, EPF, FD, GOLD इतियादी स्थानों पर निवेश कर सकते हैं।
5) स्टॉक मार्केट में निवेश कहाँ करें।
स्टॉक मार्केट में कहाँ निवेश करना हैं, यह पूरी तरह से आपके स्वभाव पर निर्भर करता हैं। स्टॉक मार्केट में मुख्यतः 3 प्रकार से निवेश कर सकते हैं।
- Low Risk.
- Medium Risk.
- High Risk.
लोगो की पसंदीदा इन्वेस्टमेंट FD में सिर्फ आपको 5 से 6 प्रतिशत का ही रिटर्न्स प्राप्त होता हैं। एक Low risk इन्वेस्टमेंट कम से कम आपको 12 प्रतिशत का रिटर्न्स एक लम्बे समय मतलब 5 से 10 साल के बाद जरूर दे सकता हैं। Medium risk में आप 15 प्रतिशत का रिटर्न्स और high risk इन्वेस्टमेंट में कम से कम 18 प्रतिशत का रिटर्न्स संभव हैं।
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72 का नियम से समझें, कि कितने वर्षों में आपका पैसा होगा दोगुना?
72 के नियम को समझने से पहले आपको यह अपने पैसो को शेयर बाजार में दोगुना या 10 गुना करने की आपके अंदर प्रबल शक्ति होनी चाहिए। 72 का सूत्र निम्लिखित हैं।
72/Rate of returns = years to double the money
Low risk इन्वेस्टमेंट के 12 प्रतिशत रिटर्न्स को इस सूत्र में रखें तब 72/12 = 6 वर्ष। अगर आप अपने 1 लाख रूपये को 12 प्रतिशत रिटर्न्स और 20 सालो तक निवेश करने से आपको पहले 6 साल में 2 लाख और दूसरे 6 साल में यह राशि 4 लाख और तीसरे 6 साल बाद यही राशि 8 लाख रुपए हो जाएगी। मतलब साफ हैं कि आपके low risk इन्वेस्टमेंट पर भी आपको 8 लाख से ज़्यदा ही पैसे मिलेंगें।
वही दूसरी तरफ अगर आप medium risk वाले स्टॉक्स में 1 लाख रुपए 15 प्रतिशत के साथ 20 सालों के लिए निवेश करे तब 72/15 = 5 साल। इसका मतलब आपका 1 लाख 5 सालों में 2 लाख रुपए बन जायेगा। अगले 5 साल में 4 लाख। फिर अगले 5 साल में 8 लाख। और आखिरी के 5 सालों में 16 लाख रुपए बन जायेगा।
तीसरे कंडीशन high risk इन्वेस्टमेंट में अगर वही 1 लाख रुपए 20 सालों के लिए 18 प्रतिशत के रिटर्न्स के साथ किया जाये तब 72/18 = 4 वर्ष। इसका तातपर्य यह हुआ कि आपका 1 लाख 4 सालों बाद 2 लाख में बदल जायेगा। फिर अगला 2 से 4 लाख मात्र 8 सालों में, और 4 से 8 लाख बनने में मात्र 12 वर्ष में, 8 से 16 लाख मात्र 4 साल में और आखिरी 16 से 32 लाख सिर्फ 4 सालों में बन जायँगे। कुल मिलाकर 1 लाख को 32 लाख बनने में मात्र 20 साल ही लगे।
यही हैं फंडामेन्टल अंतर एक low, medium और high risk इन्वेस्टमेंट में। जो low इन्वेस्टमेंट वाले लोग हैं वे स्टॉक मार्केट में ऐसी सोच के साथ इन्वेस्टमेंट करेंगे जिसमे प्राइस का मूवनेंट बिलकुल ना के बराबर मतलव बहुत ही धीरे-धीरे बढ़ेगी या घटेगी।
इसी के विपरीत high risk इन्वेस्टमेंट वाले लोग जिन कंपनी के स्टॉक्स ने निवेश करेंगे। उनके भाव बहुत तेजी से मूवमेंट करेंगे कभी वे 20 प्रतिशत गिर जायेंगे या कभी 10 प्रतिशत भाग जायेंगे। मतलब रोजाना कुछ भी हो सकता हैं प्राइस के मूवमेंट में।
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रिस्क के हिसाब से स्टॉक मार्केट में निवेश कैसे करें?
अगर आप low risk के साथ निवेश का सोच रहे हैं, मतलब आप ज़्यदा risk ना लेकर 12 प्रतिशत रिटर्न्स में ही ख़ुश हैं तब आपको निफ़्टी 50 के अंदर में ही लिस्टेड 50 कपनीयों में निवेश करना चाहिए। लम्बे समय के अंतराल में अगर आपको अपने देश की इकॉनमी पर और कंपनी में भरोसा हैं तो निश्चित ही आपको 12 प्रतिशत का रिटर्न्स प्राप्त होगा।
आप nifty 50 के ही बहुत सारे म्यूच्यूअल फंड्स हैं। आप उनके जरिये भी उन 50 कंपनियों में इन्वेस्टमेंट कर सकते हैं। मान लीजिये अगर आप 100 रुपए स्टॉक मार्केट में डालने वाले हैं तो उसमे से 85 रुपए आपको nifty 50 में से ही इन्वेस्टमेंट करना चाहिए।
बाकि के बचे हुए 15 प्रतिशत पैसे आप mid cap index में निवेश कर सकते हैं। Nifty 50 की कंपनियों में धीरे-धीरे ग्रोथ संभव हैं क्योकि वे कंपनी पहले से ही ग्रो हो चुकी हैं, उनके भाव में धीरे-धीरे ही कम या ज़्यदा होंगे।
अगर आप medium risk के साथ इन्वेस्टमेंट करने का सोच रहे हैं तब आपको 80 प्रतिशत nifty 50, 15 प्रतिशत mid cap और बाकि के 5 प्रतिशत small cap कम्पनीयों में निवेश करना चाहिए। Small cap में वे कंपनियों को शामिल किया जाता हैं जिनका market cap जरूर कम होता हैं लेकिन सबसे ज़्यदा रिटर्न्स देने की भी सम्भवना ज़्यदा होती हैं।
हाँ अगर आप एक high risk के साथ निवेश करने का सोच रहे हैं तब आपको कम से कम 65 प्रतिशत nifty 50, 25 प्रतिशत mid cap और 20 प्रतिशत small cap वाली कम्पनीयों में निवेश करना चाहिए। इसमें अगर पिछले कुछ 10-20 सालों का इतिहास देखे तो 18 प्रतिशत का रिटर्न्स संभव बड़ी ही आसानी से हुआ हैं।
Low risk तथा high risk की पहचान।
आपको अपनी सोच ऐसी बनानी होगी जैसे कि आप स्टॉक मार्केट में पैसा नहीं डाल रहे हैं। बल्कि आप स्टॉक मार्केट में किस चीज में पैसा डाल रहे हैं, ये आपका स्वभाव होना चाहिए। यही स्वभाव आपके निर्णय पर प्रभाव डालेगा कि आपका रिस्क लेने की छमता कितनी हैं?
अगर आप यह सोच रहे हैं कि आपको रिस्क नहीं लेना हैं जिंदगी में, तो आपको बस थोड़ा रिटर्न्स चाहिए, एक लम्बे समय के बाद। चाहे भले ही वह रिटर्न्स कम हो।
इसके विपरीत अगर आप सोचते हैं कि मुझे किसी स्टॉक्स में शार्ट टर्म में कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। लेकिन हाँ मुझे एक लम्बे समय के बाद मुझे ज्यादा ही रिटर्न्स मिलना चाहिए।
स्टॉक मार्केट में जोखिम क्या हैं?
स्टॉक मार्केट में जोखिम को समझने से पहले आप अपने लिए गए निर्णय पर विचार करे। जिसे आप निम्नलिखित 3 स्टेप्स के जरिये समझ सकते हैं।
- कम से कम 4 सालों तक अपने स्टॉक्स में निवेशित रहें।
- स्थिर परिसंपत्तियों में निवेश करें।
(1) कम से कम 4 सालों तक अपने स्टॉक्स में निवेशित रहें।
आपको यह ध्यान रखना होगा कि आपके निवेश में short term risk रहेगा ही रहेगा। क्योकि स्टॉक मार्केट एक सीधी रेखा में ना चलकर zig-zag के रूप में आगे बढ़ती हैं। किसी विपत्ति के समय तो पूरा स्टॉक मार्केट ही क्रैश हो जाता हैं। तो जो लोग पिछले कई सालों से निवेश किये होंगे तो उनके रिटर्न्स के प्रतिशत कम हो गये होंगे। इसीलिए कम से कम आप 4 साल या उससे अधिक वर्षो तक निवेशित रहें।
(2) स्थिर परिसंपत्तियों में निवेश करें।
जब भी आप स्टॉक मार्केट में निवेश करे तो इस लेख में बताये हुए 100-X नियम के अनुसार जो X वर्ष आपकी उम्र हैं। उतने ही प्रतिशत पैसा आपको कुछ स्थिर परिसंपत्तियों में निवेश करना चाहिए। जैसे कि PPF, EPF, Bonds, Digital Gold हर एक ऐसी चीज जिसमे कम रिस्क हो, आप निवेश कर सकते हैं।
स्टॉक मार्केट के साथ-साथ 3 मुख्य निवेश छेत्र।
- आपातकालीन निधि।
- स्वास्थ्य बीमा।
- जीवन बीमा।
निष्कर्ष।
इस लेख से आपको स्टॉक मार्केट में शुरुआत से ही एक अच्छा रास्ता हो जायेगा। लेख में बताये गए 5 नियम को सीखकर आपको किसी भी समय कोई निर्णय लेने में हिचकिचाहट नहीं होगी। 72 के नियम, 100-X नियम के साथ-साथ 5 प्रकार के ऐसे नियम जो आपके फाइनेंसियल ज्ञान को बढाकर आपके वित्त विकास में सहयोग प्रदान करेगी। मार्केट ट्रेंड्स, निवेश के अन्य छेत्र, स्थिर सम्पतियों में निवेश के उपाय, जोखिम के साथ निवेश इतियादी के बारे में विस्तार से समझाने का प्रयास किया हैं।
FAQ
Q.1 एक शुरुआत करने वाले को शेयर बाजार में कितना पैसा लगाना चाहिए?
शेयर बाजार में आप जितना पैसा लगाए उतना कम हैं। क्योंकि यहाँ रिटर्न्स की सम्भावना अधिक होती हैं। सही रिसर्च के साथ आप अच्छे मज़बूत फंडामेन्टल वाली कंपनी में ही निवेश करे। जब-जब मार्केट में अच्छी गिरावट हो, तब-तब अपने निवेश को बढ़ते रहें।
Q.2 50/30/20 नियम क्या है?
इस नियम के अनुसार, आपकी आय का 50% जरूरतों पर, चाहतो पर 30% और बचत पर 20% ही ख़र्च में विभाजित किया जाता हैं।
Q.3 क्या मैं 100 रुपए से ट्रेडिंग शुरू कर सकता हूं?
शेयर बाजार में ट्रेडिंग या निवेश के लिए किसी भी प्रकार की न्यूनतम सीमा निर्धारित नहीं हैं। आप 1 रुपए से लेकर 10,000 या इससे भी अधिक रुपयों से शुरुआत कर सकते हैं। निवेश और ट्रेडिंग के भाव का निर्धारण शेयर के आज के भाव या उस पर मिलने वाला मार्जिन पर निर्भर करता हैं।
Q.4 क्या मैं 5000 रुपये से ट्रेडिंग शुरू कर सकता हूं?
जी हाँ बिलकुल, आप 5000 रुपए से भी ट्रेडिंग की शुरुआत कर सकते हैं। कई सफल ट्रेडर 5000 से शुरुआत करने के बाद आज करोडो की सम्पति बना चुके हैं। आपको अपनी कैपिटल को सुरछित रखते हुए और सही रणनीति के साथ ट्रेड लेना होगा।
Q.5 शुरुआती के रूप में मुझे कितने शेयरों में निवेश करना चाहिए?
बड़े-बड़े अनुभवी निवेशकों की सलाह यही हैं, कि आपके पोर्टफोलियो में 25 से 30 शेयर होने चाहिए। लेकिन यह इस बात पर भी निर्भर करता हैं, कि आपकी उम्र कितनी हैं और आप कितना रिक्स ले सकते हैं।
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