आज के इस लेख में हम swing trading vs day trading in hindi में सम्पूर्ण लाभ-हानि और विशेषताएं सहित जानकारी प्रदान करने का प्रयास किया है। स्विंग ट्रेडिंग और डे ट्रेडिंग दोनों ही एक प्रकार से लोगो की सबसे पसंदीदा ट्रेडिंग की रणनीति है, जो शुरुआत के ट्रेडर और निवेशकों के लिए एक अलग ही प्रकार के अनुभव प्रदान करते है।
➡️ swing trading vs day trading for beginners
आज के इस ले स्विंग ट्रेडिंग में आप कुछ दिनों से लेकर कुछ हप्तो या कुछ महीनो तक के लिए स्टॉक को अपने पास रखते है।
जिसकी वजह से आपको रोजाना बाजार के उतार-चढाव से हटकर लाभ उठाने का मौका मिलता है। जबकि डे ट्रेडिंग के दौरान आपको आज के दिन भर के अंदर ही आपको लाभ या हानि को स्वीकार करना होगा। यह रणनीति आमतौर पर बहुत ही कम समय के साथ आपको मानसिक तनाव भी प्रदान करती है।
डे ट्रेडिंग में आपको तेज़ी से निर्णय लेने की जरुरत होती है। जिसकी वजह से इसमें जोखिम की सम्भावना काफी हद तक बढ़ जाती है। शुरुआती ट्रेडर या निवेशक को अपनी जोखिम सहनशीलता और आपके पास कितना समय है इसके आधार पर इन दोनों में से किसी एक को चुन सकते है।
➡️ स्विंग ट्रेडिंग क्या होता है? (What is Swing Trading?)
स्विंग ट्रेडिंग, यह एक ऐसी रणनीति है जिसमें निवेशक और ट्रेडर कुछ समय के लिए स्टॉक्स, फ्यूचर या अन्य वित्तीय संसाधनों को ख़रीदा या बेचा जाता है। स्विंग ट्रेडिंग को किसी ट्रेडर द्वारा कुछ दिनों से लेकर कुछ हफ्तों तक की ट्रेडिंग कर सकता है। स्विंग ट्रेडिंग का मुख्य उद्देश्य शेयर की कीमत छोटे और कम समय के उतार-चढ़ाव से लाभ उठाना।
स्विंग ट्रेडिंग में एक निवेशक टेक्निकल एनालिसिस का उपयोग करते हुए ऐसे संभावित स्विंग बिंदु की पहचान करने का प्रयास करता है, जहां से कीमतें एक दिशा में बदलने की संभावना अधिक होती है। इसके लिए चार्ट, ट्रेंड लाइन और अन्य टेक्निकल इंडिकेटर का इस्तेमाल करते हैं।
➡️ स्विंग ट्रेडिंग की मुख्य विशेषताएँ (Features of Swing Trading)
- समय की अवधि – स्विंग ट्रेडिंग में ट्रेडर को कुछ दिनों से लेकर कुछ हफ्तों तक ट्रेड को अपने पास रखना होता है। यह डे ट्रेडिंग और लॉन्ग टर्म इन्वेस्टिंग के बीच की स्थिति कहलाती है।
- लाभ की संभावना – स्विंग ट्रेडिंग के दौरान एक निवेदक को छोटे से लेकर मध्य कालीन मूल्य के परिवर्तन में से ही अपने लाभ को प्राप्त करने का प्रयास करना होता है।
- लाभ और जोखिम का संतुलन – स्विंग ट्रेडिंग में चाहे बाजार में तेजी हो या फिर मंदी दोनों ही प्रकार से लाभ प्राप्त करने की संभावना होती है। लेकिन इसके साथ ही जोखिम भी बहुत अधिक होता है। शेयर बाजार में कीमतों के अचानक उतार-चढ़ाव से घबरा कर या फिर अनुभव की कमी से शुरुआती ट्रेडर को अधिक जोखिम उठाना पड़ सकता है।
➡️ स्विंग ट्रेडिंग से लाभ (Advantages of Swing Trading)
1) कम समय के लिए निवेश।
किसी ट्रेडर को स्विंग ट्रेडिंग के लिए लगातार शेयर बाजार की निगरानी करने की आवश्यकता नहीं होती है, जिस प्रकार से डे ट्रेडिंग में आपको दिनभर बाजार के उतार-चढ़ाव पर नजर बनाए रखना पड़ता है।
स्विंग ट्रेडिंग उन लोगों के लिए सबसे अच्छा है, जिसके पास ट्रेडिंग के लिए ज्यादा समय उपलब्ध नहीं है, लेकिन फिर भी वे शेयर बाजार से नियमित रूप से ट्रेडिंग करते हुए लाभ प्राप्त करना चाहते हैं।
2) लाभ की विभिन्न संभावनाएँ।
स्विंग ट्रेडिंग के दौरान ट्रेडर को आमतौर पर बड़ी कीमतों की स्विंग पॉइंट को पकड़ने की कोशिश की जाती है, ताकि लाभ की संभावना अधिक से अधिक हो। इसमें ट्रेडर या निवेशक द्वारा बाजार की तेजी या फिर मंदी दोनों से ही लाभ प्राप्त करने का प्रयास किया जाता है।
3) कम मानसिक तनाव का अनुभव।
बात की जाए अगर स्विंग ट्रेडिंग कि, तो यह डे ट्रेडिंग की तुलना में इसमें मानसिक तनाव बहुत ही कम होता है, क्योंकि इसमें किसी ट्रेडर को लगातार बाजार की निगरानी नहीं करनी होती है।
जिसकी वजह से स्विंग ट्रेडर को लंबी अवधि में अपने रणनीति पर ध्यान केंद्रित करने का समय मिल जाता है। इससे वह अपने लाभ को डे ट्रेडिंग की तुलना में अधिक प्राप्त कर सकता है।
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➡️ स्विंग ट्रेडिंग से नुकसान। (Disadvantages of Swing Trading)
1) उम्मीद से ज्यादा लंबा समय का लगना।
स्विंग ट्रेडिंग में ट्रेडर को अपनी पोजीशन को कुछ दिनों से लेकर कुछ हफ्तों तक ओपन रखना पड़ सकता है। यदि बाजार की दिशा आपकी इच्छा के अनुसार ना चलकर आपकी सोच के विपरीत चली जाती है, तब शेयर के मूल्य में स्विंग बहुत धीमा होने लगता है।
ऐसे में ट्रेडर या निवेशक को अपने ट्रेड को लंबे समय तक बनाए रखना पड़ सकता है। जिसकी वजह से आपने जितनी अपेक्षा की थी, उतना लाभ प्राप्त करने में देरी भी हो सकती है।
2) बाजार के उतार-चढ़ाव पर भी निर्भर।
शेयर बाजार में स्विंग ट्रेडिंग के दौरान मूल्य में उतार-चढ़ाव बड़ी तेजी से हो सकता है। जो निवेशकों के लिए जोखिम भरा हो सकता है अचानक से किसी स्टॉक के मूल्य में परिवर्तन होने से आपके द्वारा संभावित लाभ घट सकता है, और नुकसान की सीमा बढ़ सकती है।
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➡️ डे ट्रेडिंग क्या होता है? (What is Day Trading?)
डे ट्रेडिंग यह एक ऐसी रणनीति है, जिसमें किसी ट्रेडर द्वारा एक ही दिन के भीतर किसी स्टॉक फीचर्स ऑप्शंस या किसी अन्य वित्तीय उपकरण की खरीदी या बिक्री की जाती है।
इस प्रकार के ट्रेडिंग में ट्रेडर को अपने सभी पोजीशंस दिन के अंत में बंद करनी पड़ती है मतलब की ट्रेडिंग दिन के समाप्त होने से पहले ही अपने सभी ट्रेड्स को समाप्त कर दिया जाता है। डे ट्रेडिंग का मुख्य उद्देश्य कम मूल्य वाले परिवर्तनों से तुरंत लाभ प्राप्त करना होता है।
➡️ डे ट्रेडिंग की प्रमुख विशेषताएँ (Features of Day Trading)
1) एक दिन के अंदर ही ट्रेडिंग।
डे ट्रेडिंग के दौरान ट्रेडर्स को सभी ट्रेड्स एक ही दिन के भीतर समाप्त करना होता है। अगर आप सभी पोजीशन्स को नहीं बेच पाते है तो ब्रोकर कंपनी खुद ही स्क्वायर ऑफ कर देता है। डे ट्रेडर्स को एक दिन में बार-बार शेयर को खरीदना या बेचना होता है। ये सभी ट्रेड्स कुछ सेकण्ड्स से लेकर कुछ मिनट तक के लिए किया जाता है।
जिसमे शेयर के भाव बड़ी ही तेज़ी से कम या ज्यादा होते रहते है। ऐसे में ट्रेडर को तुरंत ही निर्णय लेने की आवश्यकता होती है। डे ट्रेडिंग में अकसर अधिक वॉल्यूम का उपयोग किया जाता है। ट्रेडर हमेशा बड़े ही लॉट में ट्रेड करते है। ताकि उनको छोटे भी मूल्य के बदलाव से बड़ा प्रॉफिट प्राप्त हो सके।
2) लिक्विडिटी तथा स्ट्रेटेजिक पोजीशनिंग।
डे ट्रेडिंग में हमेशा एक ट्रेडर द्वारा ऐसे स्टॉक को चुना जाता है, जिसकी लिक्विडिटी अधिक होती है ताकि वह आसानी से और मनचाहे समय पर खरीदे या बेचे जा सके। डे ट्रेडर हमेशा टेक्निकल एनालिसिस पर ही निर्भर होते है, ताकि वह चार्ट्स और इंडिकेटर की सहायता से सही समय पर सही ट्रेड में एंट्री ले सके।
डे ट्रेडर्स अपनी रणनीतियों के अनुसार पोजीशन लेते है जैसे कि, स्कैल्पिंग, स्विंग ट्रेडिंग या डे ट्रेडिंग। डे ट्रेडिंग में अधिक लाभ की संभावना के साथ अधिक नुकसान भी होने का जोखिम बना रहता है। यह खासकर उन ट्रेडर या निवेशकों के लिए अधिक उपयुक्त होता है, जो जोखिम उठाने के लिए हमेशा तैयार रहते हैं साथ ही उन्हें बाजार की अच्छी खासी समझ होती है।
डे ट्रेडिंग के दौरान एक ट्रेडर अक्सर मार्जिन और लेवरेज का उपयोग करता है। जिसकी वजह से उसे किसी शेयर में थोड़े से भी उछाल के बावजूद बड़ा लाभ या हानि हो सकती है। डे ट्रेडर को बाजार की हर एक छोटी से छोटी गतिविधियों पर नजर बनाई रखनी होती है। जिससे वह सही समय परअपने ट्रेड्स को मॉडिफाई कर सके।
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➡️ डे ट्रेडिंग के लाभ (Advantages of Day Trading)
1) तुरंत ही लाभ की संभावनाएँ।
डे ट्रेडिंग का प्रमुख लाभ यह है कि, आप दिन भर में कई बार ट्रेड करके लाभ प्राप्त कर सकते हैं लेकिन आपको सही समय पर सही फैसला लेने पड़ेंगे। तब ही आपको कम समय में ज्यादा लाभ प्राप्त हो सकता है।
शेयर बाजार में पूरे दिन भर में शेयर के भाव में बड़ी ही तेजी से उतार-चढ़ाव के कारण डे ट्रेडिंग में लाभ की संभावना अधिक से अधिक होती है। इसीलिए अधिकतर नए ट्रेडर डे ट्रेडिंग की ओर आकर्षित हो जाते हैं।
2) बाजार के उतार-चढ़ाव से अधिक लाभ।
डे ट्रेडर्स दिन के अंत तक अपनी सभी पोजीशन को बंद कर देते हैं ताकि वह रात भर की मार्केट अनिश्चितताओं से बच सके। ट्रेडर अक्सर मार्जिन का उपयोग करकेअपनी छोटी सी पूंजी के साथ बड़े पोजीशन में हिस्सा ले सकते हैं। आप विभिन्न प्रकार के बाजारों में ट्रेड कर सकते हैं जैसे कि, स्टॉक्स, फ्यूचर्स, ऑप्शंस, और क्रिप्टोकरेंसी।
➡️ डे ट्रेडिंग से नुकसान (Disadvantages of Day Trading)
1) जोखिम की अधिक सम्भावना।
शेयर बाजार में जब भी आप डे ट्रेडिंग करते हैं, तब उसमें बहुत ही कम समय में अधिक जोखिम लिया जाता है। बाजार की छोटी से छोटी हलचलों से भी आपको बड़े नुकसान हो सकते हैं। यदि किसी ट्रेडर ने गलत समय पर गलत निर्णय के साथ ट्रेड ले लिया तो उसे बड़ा ही नुकसान उठाना पड़ सकता है।
डे ट्रेडिंग बहुत ही तनावपूर्ण होता है, क्योकि इसमें आपको बड़ी ही तेज़ी से निर्णय लेने पड़ते है। साथ ही ट्रेडर को बड़ी ही तेज़ी से बदलती स्थितियों को समय समय पर ट्रैक भी करना पड़ता है। ट्रेडर को बार बार ट्रेड करने की वजह से आपको अपने ब्रोकर को ज्यादा कमीशन देना पड़ता है।
2) कम समय और मानसिक तनाव।
डे ट्रेडर को कम समय मिलता है, क्योंकि उसके पास एक ही दिन मे अपने प्लान पर काम करते हुए लाभ या हानि को स्वीकार करना होता है। डे ट्रेडर को बड़ी जल्दी अपने ट्रेड मे एंट्री तथा एग्जिट होना पड़ता है
जिसकी वजह से कई बार उसके सोच के विपरीत मार्केट चला जाता है। जब ट्रेडर को उसके सोच के विपरीत हानि ज़्यदा होने लगता है जिसकी वज़ह से बड़ा ही मानसिक तनाव उतपन्न हो जाता है। ऐसी स्थिति मे ट्रेडर बार-बार ट्रेड लेने का प्रयास करता है।
जिसकी वजह से ट्रेडर को ज़्यदा नुकसान के साथ ज़्यदा ब्रोकर चार्ज भी देना पड़ता है। आप अपने रिसर्च के हिसाब से तथा मार्केट को आप कितना समय दे सकते है अनुभव के साथ। उसके बाद ही दोनों मे फर्क समझकर आप अपने लिए बेहतर ट्रेडग ऑपशन का चुनाव कर सकते है।
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➡️ निष्कर्ष (Conclusion)
इस लेख में हमने स्विंग ट्रेडिंग और डे ट्रेडिंग के बीच के अंतर (swing trading vs day trading in hindi) को बड़ी ही गहराई से समझने का प्रयास किया है। किसी भी शुरुआती ट्रेडर को यह समझना बड़ा ही जरुरी है कि, उसे दोनों ट्रेडिंग के प्रकारो को समझकर अपनी समझ और ज्ञान के हिसाब से सही ट्रेड की रणनीति का चुनाव करे।
हमने इस ब्लॉग में हमने आपको स्विंग और डे ट्रेडिंग क्या होते है?, यह कैसे अन्य ट्रेडिंग स्टाइल से अलग है?, इन दोनों के मुख्य विशेषताएं, लाभ और हानि के बारे में विस्तार से स्टेप बाई स्टेप बताने का प्रयास किया है। किसी भी ट्रेडर को अपने समय और अनुभव के हिसाब से ट्रेडिंग स्टाइल का चुनाव करना चाहिए।
➡️ अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
Q.1 स्विंग ट्रेडिंग के लिए कितना पैसा अच्छा है?
स्विंग ट्रेडिंग हो या फिर डे ट्रेडिंग दोनों मे ही आपको अपने विवेक या अनुभव के आधार पर आप 10000 या 1000000 रुपयों से अपने ट्रेडिंग करियर की शुरुआत कर सकते है। लेकिन हमारा मानना आपके लिए यही होगा कि, आप पहले इसे अच्छे से सीखने का प्रयास करे। सीखने के बाद बैक टेस्टिंग के लिए किसी फ्री पेपर ट्रेडिंग ऐप्प की सहायता ले सकते है।
Q.2 कौन सा अधिक लाभदायक, स्केलिंग या स्विंग ट्रेडिंग है?
लाभ की बात की जाय तो आपके लिए कम समय मे अधिक पैसा सिर्फ स्कैल्पिंग के माध्यम से ही कमा सकते हो। लेकिन साथ ही आपको ज्यादा रिस्क या आपके पूंजी के डूबने का खतरा बना रहता है।
Q.3 कौन ज्यादा पैसा कमाता है, इंट्राडे या स्विंग ट्रेडिंग?
ज्यादा पैसो की बात करे तो उसमे जाहिर सी बात है कि, एक स्विंग ट्रेडर ही कमाता है। क्योकि उसके पास इंट्राडे ट्रेडर से अधिक समय मिल जाता है अपने ट्रेड में लाभ के साथ निकलने में। साथ ही उसे बार-बार ट्रेड नहीं लेने पड़ते है जिससे उसका ब्रोकरेज चार्ज भी कम लगता है।
Q. 4 क्या स्विंग ट्रेडिंग डे ट्रेडिंग से बेहतर है?
जी हाँ, स्विंग ट्रेडिंग डे ट्रेडिंग से अधिक बेहतर है क्योंकि इसमें आपको कुछ दिनों से लेकर कुछ महीनों तक का समय मिलता है अपने ट्रेड मे प्रॉफिट बुक करने का। जबकि डे ट्रेडिंग मे आपको लगातार मार्केट को पूरे दिन भर ट्रैक करते रहना होगा और साथ ही कुछ मिनट या फिर कुछ घंटो के अंदर ही अपने ट्रेड से बाहर निकलना होगा भले ही आपको लॉस या प्रॉफिट हो।
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