इस लेख के माध्यम से हम option trading mistakes in hindi का विस्तार से बात किया हुआ हैं। क्योंकि अक्सर नये ट्रेडर ऑप्शन के बढ़ते भाव के लालच में आकर अपना बड़ा नुकसान करवा लेते हैं। आज के इस लेख में हम ऑप्शन ट्रेडर द्वारा की जाने वाली सभी प्रकार की गलती के साथ-साथ उनसे बचाव के उपाय को भी बताया हैं।
4 Common option trading errors
ऑप्शन ट्रेडिंग में अक्सर नए निवेशक कई गलतियां का सामना करते हैं। जिसकी वजह से उनके निवेश पर बड़ा ही नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
बाजार की स्थिति (market situation)
जिसमें सबसे पहली गलती यह होती है कि, वह किसी भी ट्रेड को बिना किसी प्लानिंग के तथा बिना किसी टेक्निकल विश्लेषण के ट्रेड में एंट्री ले लेते हैं।
कई बार तो लोग ऐसा करते हैं कि, जब बाजार की स्थिति को देखते हैं तब वहां अगर थोड़ा बहुत भी मूवमेंट नजर आता है। तो वह तत्काल ही ट्रेड में एंट्री लेने का निश्चय कर लेते हैं। जिनकी वजह से उन्हें भारी नुकसान का सामना करना पड़ जाता है।
- ट्रेडिंग के दौरान अपने रिस्क मैनेजमेंट (managing your risk in trading)
दूसरी सबसे प्रमुख गलती यह होती है कि, वह ट्रेडिंग के दौरान अपने रिस्क मैनेजमेंट को अनदेखा कर देते हैं। जिसमें वे बिना किसी उचित मूल्यांकन तथा रिस्क रिवॉर्ड रेश्यो को ध्यान दिए, अधिक मात्रा में अपनी पूंजी को रिस्क में डाल देते हैं।जिसकी वजह से उन्हें बार-बार नुकसान का सामना करना पड़ता है।
इसीलिए अपने रिस्क को सीमित करने के लिए ट्रेडरों को अपने पोर्टफोलियो को डायवर्सिफाइड रखना चाहिए। उसके साथ-साथ आपको हमेशा स्टॉप लॉस ऑर्डर का उपयोग करते हुए ही ट्रेडिंग करना चाहिए।
सही समय पर ट्रेडिंग (trading at the right time)
तीसरी सबसे बड़ी गलती यह होती है कि, ऑप्शन ट्रेडिंग के दौरान सही समय पर ट्रेड में एंट्री ना लेना। क्योंकि ऑप्शन ट्रेडिंग इतना रिस्की होता है कि, आपको सही समय पर एंट्री लेते हुए प्रॉफिट और लॉस को बुक करके इस ट्रेड से एग्जिट हो जाना होता है।
लेकिन कई बार ट्रेडर लाभ को तुरंत ही बुक करके ट्रेड से निकल जाते हैं। लेकिन अगर इसके विपरीत उनको नुकसान होने लग जाता है। तब वे अपने पूंजी को बचाने के चक्कर में लंबे समय तक होल्ड किए रहते हैं। जिसकी वजह से उनके नुकसान की सीमा और भी बढ़ती जाती है।
मानसिक और भावनात्मक स्थिति (mental and emotional state)
चौथी गलती की बात करें तो इसके अंतर्गत उस ट्रेडर की मानसिक और भावनात्मक स्थिति की वजह से होती है। क्योंकि जब ऑप्शन ट्रेडर अपनी भावनाओं के आधार पर निर्णय लेने का प्रयास करता है। तो वह अपनी रणनीति और तार्किक सोच को भुला देता है।
अक्सर आपको अपने ट्रेडिंग रणनीति और बाजार के उतार-चढ़ाव से प्रभावित होकर, जल्दी से पैसा कमाने के लालच में आप उस ट्रेड में एंट्री ले लेते हैं। जिसकी वजह से ऑप्शन ट्रेडर हमेशा गलत साबित हो जाता है। इसीलिए ट्रेडिंग के दौरान आपको मानसिक और भावनात्मक स्थिति दोनों का ही संतुलन बनाते हुए ऑप्शन ट्रेडिंग को करने का प्रयास करना है।
Risk management in options
ऑप्शन ट्रेडिंग के दौरान रिस्क मैनेजमेंट के अंतर्गत आपको बाजार की स्थिति का सही प्रकार से आकलन करना होता है। अक्सर बहुत से निवेदक और ट्रेडर बाजार की बुनियादी समझ पैदा करने का प्रयास नहीं करते। जिसकी वजह से उनका रिस्क मैनेजमेंट ऑप्शन ट्रेडिंग के दौरान गड़बड़ा जाता है। यहाँ हमने tips for successful options trading को विस्तार से वर्डन किया हुआ है।
- ऑप्शन ट्रेडिंग के दौरान किसी भी ट्रेडर का जोखिम प्रबंधन शेयर बाजार के लिए बहुत ही जरूरी विषय हो जाता है। ऑप्शन ट्रेडिंग के अंतर्गत आपको एक निश्चित समय के साथ-साथ निश्चित मूल्य पर किसी भी स्टॉक को खरीदने और बेचने का अवसर मिलता है।
- प्रबंधन के अंतर्गत एक अच्छा तरीका यह होता है कि, कोई भी निवेशक या ट्रेडर को अपने पोर्टफोलियो में कई अलग-अलग प्रकार के ऑप्शंस का भी इस्तेमाल करना चाहिए। जिसकी वजह से वह संभावित नुकसान को काफी हद तक कम कर सकते हैं।
समय के प्रबंधन करने के साथ-साथ ऑप्शन ट्रेडर को अपनी टेक्निकल रणनीतियों को भी प्रबंध करके रखना चाहिए, क्योंकि ऑप्शन की वैल्यू समय के साथ बार-बार बदलती रहती है। मान लीजिए कि, अगर कोई निवेशक को यह लगता है कि उसके पास जो स्टॉक पोर्टफोलियो में मौजूद है। उस स्टॉक की कीमत गिरने वाली है तब, ऐसी स्थिति में वह एक Put Option को खरीद सकता है। जिसकी वजह से उसका नुकसान काफी हद तक कम हो जाएगा।
- ऑप्शन ट्रेडर को यह हमेशा ध्यान रखना चाहिए कि, वह नियमित रूप से अपनी बनाई गई रणनीति तथा उसकी वर्तमान स्थिति क्या है? उसका भी आकलन करना चाहिए क्योंकि, उसे बाजार के उतार-चढ़ाव के साथ-साथ ही अपने मानसिक और टेक्निकल रणनीतियों को बदलाव करना होगा।
- आपको सही रिसर्च और मार्केट का एनालिसिस करते हुए ऑप्शन ट्रेडिंग में निवेश करना भी जोखिम से भरा हो सकता है, क्योंकि मार्केट से बढ़कर कुछ भी नहीं होता है।
- निवेशकों को शेयर बाजार की अलग-अलग स्टॉक के साथ-साथ उसके फंडामेंटल आंकड़ों को भी ध्यान पूर्वक अध्ययन करना चाहिए। ताकि आप सही समय पर सही प्रकार से अपने जोखिम का प्रबंध कर सके और ऑप्शन की दुनिया में सफल पूर्वक ट्रेड कर सके।
6 option trading mistakes in hindi
लगभग जितने भी नए ऑप्शन ट्रेड है वह निम्नलिखित 3 सामान्य गलतियां करते हैं जिनकी वजह से उनको अधिक नुकसान का सामना करना पड़ता है option trading mistakes से बचने के निम्नलिखित उपाय किया जा सकता है।
बाजार की सही प्रकार से रिसर्च ना करना (proper market research)
ऑप्शन ट्रेड अपने ट्रेडिंग के द्वारा बाजार के मौजूदा हालात टेक्निकल एनालिसिस और उसे कंपनी से जुड़ी जितनी भी आर्थिक रिपोर्ट्स हैउनका अध्ययन किए बिना ही ट्रेड में एंट्री ले लेते हैं क्योंकि इसकी जानकारी के बिना ऑप्शंस खरीदना या बेचना आपके लिए जोखिम भरा हो जाता ह
सही प्रकार से रणनीति को फॉलो ना करना (proper strategy)
बिना स्पष्ट रणनीति कि किसी भी प्रकार का ऑप्शन खरीदना है बेचना खतरनाक हो सकता है क्योंकि ऑप्शन में शेर के भाव बड़ी ही तेजी से घटने और बढ़ते रहते हैं
इसलिए निवेशक को अपनी खुद की बनाई गई रणनीति को फॉलो करना चाहिएचाहे वह हेडिंग हो या फिर स्पेक्युलेटिव ट्रेडिंग आपको बाजार के हिसाब से ही कार्य करना होगा mistakes in options trading से बचाव के अन्य भी तरीकों को अपनाने का प्रयास करना चाहिए।
भावनात्मक और मानसिक स्थिति का नियंत्रित (emotional and mental state)
ऑप्शन ट्रेडिंग करते समय आपको अपने भावनात्मक और मानसिक स्थिति का आकलन करके उसे नियंत्रित करना बहुत ही जरूरी होता है क्योंकि जवाब किसी ऑप्शन में हिस्सा ले लेते हैं तब उसके उधर चढ़ा के कारण आपको दार लच और मानसिक चिंता जैसे कई प्रकार के भाव उत्पन्न होते हैं जिसकी वजह से आप गलत निर्णय लेने के लिए अग्रसर हो जाते हैं
इसीलिए आपको दृढ़ निश्चय करते हुए अपने मानसिक स्थिति को कठोर बनाकर मात्र अपनी रणनीतियों का पालन करते हुए उसे पर भरोसा दिखाना होता है फिर चाहे बाजार की स्थिति कैसी भी हो इस प्रकार ऑप्शन ट्रेडिंग करने के बाद आपको निश्चित रूप से ही लंबे समय तक सफलता मिलती रहेगी।
Fear of loss
इस चार्ट में आपने इस लेवल पर प्राइस एक्शन को देखते हुए एनालिसिस करके एक लॉन्ग ट्रेड में एंट्री करने का मन बना लिया है कुछ देर बाद आपके एनालिसिस के हिसाब से प्राइस आपके एंट्री लेवल तक आती है लेकिन आप लॉस हो जाएगा यह सोचकर एंट्री नहीं करते बाद में प्राइस आपके डायरेक्शन में मूव करते हुए ऊपर बढ़ती है
और आप देखते रह जाते हैं, लेकिन एक पॉइंट के बाद आपके डायरेक्शन में बढ़ती प्राइस को देखकर आप बिना कुछ सोचे समझे आपके एंट्री लेवल से हायर लेवल पर ट्रेड में एंट्री कर लेते हैं लेकिन प्राइस थोड़ा और ऊपर जाकर रिवर्स करने लगती है यहां आपकी एंट्री हायर लेवल पर होने से आपका स्टॉप लॉस बहुत बड़ा हो जाता है
जिससे एक छोटे से करेक्शन के बाद आप पैनिक में आकर ट्रेड को एग्जिट कर लेते हैं जैसे ही आप एग्जिट करते हैं प्राइस आपके डायरेक्शन में चलकर प्रॉफिट टारगेट हिट करती है बहुत से ट्रेडर के साथ ऐसा होता है अगर प्रॉपर एनालिसिस करने के बाद प्राइस आपके एंट्री लेवल तक आती है तो बिना डरे ट्रेड एंट्री करनी चाहिए क्योंकि स्टॉप लॉस लगाने से आपका लॉस एक लिमिट में रहता है ट्रेडिंग
Early Trade Exit
एग्जिट विनिंग ट्रेड्स अर्ली जब कभी भी एक प्रॉपर प्राइस एक्शन एनालिसिस के बाद आप किसी ट्रेड में एंट्री करते हैं तो आपका स्टॉप लॉस और प्रॉफिट टारगेट पहले से डिफाइन होना चाहिए जब तक दोनों में से कोई एक हिट नहीं होता आपको ट्रेड से एग्जिट नहीं करना है
कुछ नए ट्रेडर लॉस में चल रहे ट्रेड को बिना स्टॉप लॉस लगाते हुए बहुत देर तक होल्ड करते हैं लेकिन जैसे ही उनका कोई ट्रेड थोड़े से प्रॉफिट में आता है वैसे ही बिना किसी रिस्क टू रिवर्ड रेशियो का पालन किए उस छोटे से प्रॉफिट को बुक कर लेते हैं जिससे उनका रिस्क मैनेजमेंट पूरी तरह फेल हो जाता है जब तक किसी ट्रेड में एंट्री करने के बाद 1:2 का रिस्क टू रिवर्ड नहीं मिलता तब तक आपको पूरी क्वांटिटी से एग्जिट नहीं करना चाहिए ऐसा करने के बजाय आप ट्रेलिंग स्टॉप लॉस का इस्तेमाल करके पार्शियल प्रॉफिट बुकिंग कर सकते हैं।
Trade in OTM Options
यह बैंक निफ्टी की वीकली ऑप्शन चेन है अभी बैंक निफ्टी 45200 पर ट्रेड कर रहा है यहां कॉल ऑप्शन के एटीएम स्ट्राइक का प्रीमियम 383 है जिससे बैंक निफ्टी के एक लॉट को बाय करने के लिए आपको ₹ 745 देने पड़ेंगे वही इस ऑप्शन का डेल्टा अभी 0.50 है।
इसका मतलब अगर मार्केट यहां से 4 पॉइंट ऊपर बढ़ता है तो इस कॉल ऑप्शन का प्रीमियम 200 पॉइंट बढ़ेगा लेकिन अगर आप बैंक निफ्टी के 45600 के ओटीएम कॉल ऑप्शन को बाय करते हैं तो एक लॉट के लिए आपको सिर्फ ₹10 देने पड़ेंगे लेकिन इस ऑप्शन का डेल्टा 0.34 होने के कारण इस ऑप्शन का प्रीमियम सिर्फ 136 पॉइंट ही बढ़ेगा और ओटीएम ऑप्शन में थीटा डिके बहुत जल्दी होने से अगर मार्केट आपकी एंट्री के बाद साइड वेज हो जाता है।
तो आपके ऑप्शन का प्रीमियम ज्यादा तेजी से कम कम होने से आपको लॉस लेना पड़ेगा इसीलिए कभी भी ओटीएम ऑप्शन में ट्रेड नहीं करना चाहिए।
Option pricing mistakes
जब एक ट्रेंड ऑप्शन प्राइसिंग में गलती करते हैं तो उसकी वजह से उसके परिणामों पर बहुत बड़ा प्रभाव पड़ता है। नीचे हमने कुछ सामान्य ऑप्शन ट्रेड के प्राइसिंग को लेकर गलतियों को बताया हुआ।
- एक ऑप्शन ट्रेड मॉडल पर अत्यधिक रूप से निर्भर नहीं होना चाहिए
- अपनी संपत्ति को एक ही ऑप्शन न लगाकर अलग-अलग प्रकार के ऑप्शंस जिम आपको कम जोखिम का सामना करना पड़े ऐसे ऑप्शंस का चुनाव करते हुए अपनी पूंजी को डायवर्सिफाइड रखें
- ऑप्शन के दौरान एंट्री और एग्जिट के बाद आपको शुल्क और कमीशन पर ध्यान नहीं देना चाहिए इसकी वजह आप अपने लाभ को बढ़ाते हुए अपनी रणनीतियों और प्राइसिंग को लेकर सही समय का इंतजार करें।
- आपको किसी भी ऑप्शन की प्राइसिंग को लेकर ज्यादा समय का नुकसान नहीं करना है और ना ही इसे नजरअंदाज करना
- ऑप्शन की वैल्यू जैसे-जैसे उसके एक्सपायरी के करीब पहुंचने लगती है उसके साथ ही उसकी वैल्यू कम होती जाती है।
- ट्रेडर्स अक्सर इस बात का सही प्रकार से आकलन नहीं लगा पाए जिसकी वजह से उनके टाइम का नुकसान तथा उनके द्वारा हॉल किए गए पोजीशंस पर भी बहुत बड़ा प्रभाव पड़ता है।
Option trading psychology
ऑप्शन ट्रेडिंग मनोविज्ञान एक ऐसा पहलू होता है जो सफल ट्रेडिंग है बड़ी भूमिका निभाता है क्योंकि जब एक ट्रेंड बाजार में ऑप्शन को खरीदते हुए भेजते हुए निवेश करता है तब उनकी भावनाएं जैसे की दर लालच और आत्मविश्वास उनके निर्णय लेने की क्षमता को प्रभावित कर सकती है।
- इसीलिए सही प्रकाश ट्रेडिंग मनोविज्ञान को बनाए रखना बहुत जरूरी होता है। ताकि एक ट्रेडर अपनी नकारात्मक भावनाओं से दूर रहे और सही रणनीति के साथ निर्णय लेने का प्रयास कर सके।
- इसके साथ ही ट्रेंड को भावनात्मक संतुलन बनाए रखने के लिए अपने बने हुए लक्षणों को स्पष्ट रूप से निहारना चाहिए इसके साथ-साथ ट्रेडिंग प्लान करते हुए ट्रेंड को बाजार की होने वाली अनिश्चित स्थिति पहचान तथा स्थिर बनाने में मदद करती है।
- एक सफल ऑप्शन ट्रेड के मानसिक स्थिति की वजह से उसका मनोविज्ञान की समझ बढ़ती चली जाती जिसकी वजह से वह अपनी भावनाओं को नियंत्रित करने और निर्णय लेने की क्षमता को सही प्रकार से उपयोग करता है।
- अगर कोई भी ट्रेड अपनी भावनाओं पर काबू पाने में सफल रह जाता है तो वह बेहतर तरीके से निर्णय ले पाएगा और अपने जितने भी ऑप्शन भले ही वह कॉल या पुट हो उसमें सफलता ही हासिल होगी।
Overtrading in options
- ऑप्शंस के दौरान जब कोई ट्रेड बार-बार बिना किसी नुकसान या अपनी पूंजी की चिंता किए, ट्रेडिंग करता है तब ऐसी स्थिति को ओवर ट्रेडिंग कहा जाता है। इसमें एक ट्रेडर अत्यधिक संख्या में ऑप्शंस के कॉन्ट्रैक्ट को खरीदना और बेचने की प्रक्रिया में बार-बार शामिल होता है। जिसकी वजह से अक्सर उसकी भावनाओं का सीधा-सा असर उसकी ट्रेडिंग पर दिखाई देता है।
- एक ट्रेंड कई वजह से ओवर ट्रेडिंग की प्रक्रिया में शामिल हो जाता है। जैसे कि, उसे अगर अपने नुकसान की भरपाई को बड़ी तेजी से करने की इच्छा है या फिर बाजार की अनिश्चित स्थितियों को देखते हुए, ट्रेडिंग करके लाभ कमाने का प्रयास करता है। तब ऐसी स्थिति में ना चाहते हुए भी ओवर ट्रेडिंग करने का प्रयास करने लगता है।
- एक सफल ट्रेंड को ऑप्शंस में ओवर ट्रेडिंग से बचने के लिए स्पष्ट रूप से अपने स्टॉक का चयन करते हुए एक सही और सुचारू रणनीति का पालन करना बहुत महत्वपूर्ण हो जाता है। सही प्रकार से ऑप्शंस में एंट्री और एग्जिट प्वाइंट को सेट करते हुए ट्रेडिंग करना चाहिए।
- अपने जोखिम के प्रबंधन तकनीक का उपयोग करना सीखते रहना चाहिए इसके अलावा आप common trading errors को भी ध्यान रखते हुए ट्रेडिंग कर सकते है।
- स्टॉप-लॉस के साथ-साथ थोड़े-थोड़े लाभ को अर्जित करके आप अपनी ओवर ट्रेडिंग की मानसिकता को काफी हद तक कब कर सकते हैं।
- ऑप्शन ट्रेडिंग के दौरान ओवर ट्रेडिंग करना बड़ा ही हानिकारक होता है जो कि, एक ट्रेडर सफलता दिलाना काफी कमजोर हो जाता है। अगर हम अनुशासन की दृष्टि से अपनी रणनीति को प्राथमिकता देते हुए, कम पूंजी के साथ ऑप्शंस के कॉन्ट्रैक्ट को खरीदे या भेजो तो निश्चित ही रूप से हमारे मानसिक स्थितियों पर सुधार तथा लंबे समय तक अच्छा लाभ कमाने की उम्मीद बरकरार रहेगी।
Poor timing in options
ऑप्शन में पुर ट्रेडिंग का सीधा सा मतलब एक निश्चित समय ऑप्शन के कॉन्ट्रैक्ट को खरीदना या बेचना से होता है जिसकी वजह से व्यापारियों तथा ट्रेड को अच्छे लाभ की उम्मीद की जा सकती है सही समय पर सही निर्णय कर लेना बहुत जरूरी होता है क्योंकि ऑप्शन की कीमतें जैसे-जैसे बाजार की स्थिति और ऑप्शन कॉन्ट्रैक्ट का टाइम काम होते जाता है वैसे-वैसे उसे कॉन्ट्रैक्ट से मिलने वाली मुनाफे की भी कमी होती जाती है।
कई ट्रेड एक सामान्य गलती करते हैं जिसमें जब शेयर बाजार तेजी पर होता है मतलब की शेर के भाव बढ़ रहे होते हैं उसे दौरान उसे कॉन्ट्रैक्ट को खरीद लेना और जब बाजार में गिरावट होती है उसे समय उसे कॉन्ट्रैक्ट को भेज देना यह हमेशा से नए तथा कुछ ट्रेडिंग ओके भावनात्मक की स्थितियों को प्रदर्शित करता है।
क्योंकि वह बहुत ही कम समय के दौरान लाभ कमाने का प्रयास करने में लगे रहते हैं जिसकी वजह से अक्सर ऑप्शन ट्रेंड को उसे ऑप्शंस को महंगे दाम पर खरीदना पड़ता है और कम कीमतों पर बेचना पड़ जाता है जिसकी वजह से उनका नुकसान के प्रतिशत का मन बढ़ जाता है।
पुर टाइमिंग को काम करने के लिए ट्रेंड को एक ठोस तथा सती ट्रेडिंग योजना के साथ अनुशासन की स्थिति में निर्णय लेने का प्रयास करना चाहिए क्योंकि जवाब बाजार की सभी स्थितियों से रूबरू हो जाते हैं तब आप एक अनुभवी ऑप्शन ट्रेडर की श्रेणी में कहलन लग जाते हैं एक ऑप्शन ट्रेड पर बाजार की स्थितियों को सही प्रकार से आकलन करते हुए धैर्य बनाते हुए ऑप्शन ट्रेडिंग का चुनाव करना चाहिए।
Successful options trading tips
एक सफल ऑप्शन ट्रेडिंग करने के लिए हमारे द्वारा बताएंगे प्रमुख नियमों का पालन आपको अवश्य करना चाहिए, ताकि और अच्छी पूंजी ऑप्शन के जरिए कमा सके।
- ट्रेडिंग योजना बनाते हुए ऑप्शन को खरीदे या बेचे यह बहुत जरूरी हो जाता है की एक ट्रेंड होने के लिए आपको ट्रेडिंग योजना को बनाते हुए ही अपनी ट्रेडिंग को व्यवस्थित करना है।
- सीखने का प्रयास करते रहो एक ऑप्शन ट्रेड अपने मूलभूत समस्या को ध्यान न देते हुए पूरी तरह से यह कोशिश करता है कि नहीं किस प्रकार से इस ऑप्शंस को इंप्लायड वोलैटिलिटी पर नजर बनाए रखते हुए आपको ऑप्शन की कीमतों को प्रभावित नहीं होने देना चाहिए।
- अच्छी कंपनी के साथ ऑप्शन में शुरुआत करें ताकि आपको कम रिस्क और अधिक वॉल्यूम के साथ ट्रेडिंग की योजना बनाने का समय मिल जाता है। जिसकी वजह से आपका नुकसान कम और आगे की रणनीति का सुचरु रूप से पालन कर सकते है।
अक्सर कई बार देखा गया है क्या लोग समाचार पत्रों, टीवी तथा यूट्यूब चैनल के माध्यम से उनके लाभ को देखते हुए वर्कशीट ट्रेडिंग में करने का मन बना लेते हैं जिसके लिए भी अच्छी खासी नौकरी तक गवाने में लगा देते हैं। इसकी वजह है आपको अपने छोटे-छोटे निवेश के साथ लाभ कमाने का प्रयास करें।
सारांश (Summary)
इस लेख के माध्यम से हमने शेयर बाजार ऑप्शंस के दौरान होने वाले सभी प्रकार का के कठिनाइयां तथा लाभ दोनों को ही सम्मिलित किया है जिसके माध्यम से आप बड़ी ही आसानी से समय का ध्यान रखते हुए किसी भी ऑप्शंस को खरीद या बेच सकते हैं
ऑप्शन के ट्रेडिंग के दौरान आपको यह ध्यान रखना है कि, क्या क्रेडिट कार्ड जैसी सुविधा में शेयर बाजार कभी ज्यादा मात्रा में प्रदान कर रहे हैं।जिसकी वजह से वह शेयर बाजार द्वारा संबंधित इंस्टिट्यूट में गए बिना ही एक अनुभव भी ट्रेंड बन सकता है
हमारे द्वारा दी गई सभी जानकारी अगर आपको से लगी हो तो कृपया इस लेख को अपने अधिक से अधिक दोस्तों के साथ शेयर भी करें।
धन्यवाद।
अक्सर पूछें जाने वाले प्रश्न (FAQ’s)
Q.1 ऑप्शंस ट्रेडिंग में कितना रिस्क है?
ऑप्शन ट्रेडिंग रिस्क पूरी तरह से आपके ऊपर निर्भर करता है अगर आप सही रणनीति के साथ टेक्निकल एनालिसिस का उपयोग करते हुए मार्केट की कंडीशन को ध्यान देते हैं तब आपका रिस्क बहुत कम हो जाता है लेकिन इसके विपरीत आप अगर गलत रहने दे बिना मानसिक रणनीति के बार-बार ट्रेडिंग करते हैं।
तब आपका रिस्क कई गुना बढ़ जाता है हमने अपनी वेबसाइट के माध्यम से ऑप्शंस ट्रेडिंग के दौरान रिस्क को मैनेज करने तथा रणनीतियों का भी वर्णन किया है जिसे आप सीख कर और पढ़कर अपने रिस्क को काफी हद तक काम कर सकते हैं।
Q.2 ऑप्शन रिस्क की गणना कैसे करें?
ऑप्शन ट्रेडिंग में अगर आपको रिस्क की गणना करनी है तब उसके लिए आपको डेल्टा गम इंप्लायड वोलैटिलिटी तीता के साथ-साथ स्टॉप-लॉस और ओवर ट्रेडिंग से बचाव करते हुए अपने पोर्टफोलियो को डायवर्सिफाइड बनाकर समय-समय पर अपने रिस्क की गणना कर सकते हैं।
Q.3 ऑप्शन ट्रेडिंग अच्छी है या बुरी?
ऑप्शन ट्रेडिंग यह करो भाभी ट्रेड के लिए बहुत अच्छा होता है लेकिन अगर आप अनुभव भी ट्रेड नहीं होते हैं तब आपको शेयर बाजार को सिखाते हुए धीरे-धीरे टेक्निकल एनालिसिस और चार्ट्स से संबंधित अध्ययन को करते हुए पेपर ट्रेडिंग के साथ शुरुआत करके एक लाभदायक ट्रेंड बन सकते हैं।
Q.4 ऑप्शन खरीदार पैसे क्यों खोते हैं?
ऑप्शन खरीदार के पैसे खो जाने या फिर उसका नुकसान हो जाने का प्रमुख कारण हो सकता है
- बाजार की दिशा का गलत अनुमान लगाते हुए ट्रेडिंग करना।
- समय का ध्यान न रखते हुए ऑप्शन की प्रीमियम को गलत समय पर खरीदते हुए अपने नुकसान को बढ़ा लेना।
- एक्सपायरी के समय निश्चित सीमा के अंदर ही ट्रेड को एग्जीक्यूट कर देना।
- कभी-कभी प्रीमियम बहुत अधिक हो जाता है जिसकी वजह से लाभ कमाने के लिए एक ट्रेंड को शेर की कीमत में वृद्धि आवश्यक हो जाती है जिसकी वजह से ट्रेड के पैसे खोने की अधिक संभावना बढ़ जाती है।
Q.5 ऑप्शन ट्रेडिंग के लिए टिप्स क्या है?
ऑप्शन ट्रेडिंग के लिए सबसे महत्वपूर्ण टिप्स निम्नलिखित है।
- शेयर बाजार में टेक्निकल एनालिसिस और प्राप्त सभी मौलिक उत्तर का सही तरीके से उपयोग करके ऑप्शन ट्रेडिंग में एंट्री लेना।
- हमेशा ध्यान रखें कि आपको अपने ऑप्शन ट्रेडिंग के दौरान जोखिम के प्रबंधन को हमेशा दिमाग में बनाए रखना होगा इसके साथ ही आप स्टॉप-लॉस को सेट करते हुए ही ट्रेडिंग का प्रयास करें।
- डेमो ट्रेडिंग के साथ ही अपने अनुभव को बढ़ाने का प्रयास करें इसके बाद ही जब आपके अंदर से यह भरोसा हो जाए कि आप ऑप्शंस में कुछ अच्छा करने लग गए हैं और इसके साथ ही लाभ भी प्राप्त कर रहे हैं उसके बाद ही आपको रियल मार्केट में उतरकर लाइव ट्रेडिंग करना चाहिए।
- अपने बनाई गई रणनीति का विशेष रूप से मूल्यांकन करते हुए यह प्रयास करें कि इसका नियमित रूप से विश्लेषण करके ही अपने ट्रेडिंग को सुचारू रूप से जारी रखना है इसके साथ-साथ ही आपको अपने पिछले अनुभवों को भी सीखने का प्रयास करते रहना है।
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