learn forex trading step by step in hindi

फॉरेक्स ट्रेडिंग। learn forex trading step by step in hindi

Swing Trading Strategy

फॉरेक्स का मतलब फॉरेन एक्सचेंज यहां पर फॉरेन एक्सचेंज हो रहा है। आज के इस लेख में हम learn forex trading step by step in hindi को विस्तार से सीखने का प्रयास करेंगे। ताकि हम फॉरेक्स ट्रेडिंग से जुड़े हर एक पहलुओं को बारीकी समझ सकें। जब  एक देश की करेंसी को दूसरे देश की करेंसी के साथ एक्सचेंज किया जाता है। तो उसे ही फॉरेक्स ट्रेडिंग कहा जाता है।

Table of Contents

learn forex trading step by step in hindi

जैसे मान लीजिये कि, आप भारत में रह रहे हैं इसलिए आपके पास रुपया है लेकिन आपको फॉरेन घूमने जाना है। तो वहां पर आपको डॉलर ही चाहिए होगा। वहां पर जाने के बाद आप इस रुपए को डॉलर में एक्सचेंज कराते हैं। तब इसी को ही फॉरेन एक्सचेंज कहते है। ऐसे ही कोई फॉरेनर अगर भारत में आएगा तो उसको रुपए की जरूरत पड़ेगी। तब वह डॉलर को रुपए में एक्सचेंज करवाएगा तो इसको बोलते हैं, फॉरन एक्सचेंज।
 

उदेश्य।

फॉरन एक्सचेंज का मुख्य उद्देश्य ही यही होता है कि, जब किसी वजह से एक देश की करेंसी मजबूत और उसी समय एक देश की करेंसी कमजोर हो तो ऐसी स्थिति में कम भाव पर खरीदकर उसे महंगे भाव पर बेच देना। लेकिन फॉरन एक्सचेंज या फिर फोरेक्स ट्रेडिंग के दौरान मूल्य में बदलाव बहुत ही कम पॉइंट्स में होता है। इसीलिए फोरेक्स ट्रेडिंग में मार्जिन की सुविधा अधिक होती है।
 

फोरेक्स मार्केट कितना बड़ा मार्केट है?

Best forex brokers in India
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इस बात को आप NYSE से ही समझ सकते है कि New York Stock Exchange पूरी दुनिया की सबसे बड़ी स्टॉक एक्सचेंज है। NYSE का रोजाना ट्रेडिंग वॉल्यूम ही 180 बिलियन डॉलर का होता है। जिसमे Forex Market मार्केट का ट्रेड वॉल्यूम 10 ट्रिलियन डॉलर के आस-पास होता है।
 

फोरेक्स मार्केट में लिवरेज, पिप्स और लॉट साइज।

1) लिवरेज।

Learn forex trading online Hindi
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लेवरेज का सीधा सा मतलब यह होता है उधार के पैसों से ट्रेड करना। मान लीजिए, आपको अगर बड़े लौट के साथ ट्रेड करना है लेकिन आपके पास पर्याप्त पूंजी ना होने की वजह से आप उसे ट्रेड से वंचित न हो उसके लिए आपका ब्रोकर आपको लेवरेज प्रोवाइड करता है।
 

ब्रोकर द्वारा लेवरेज को विभिन्न अनुपात में सुविधा प्रदान करता है। बड़े प्रॉफिट को प्राप्त करने के लिए यह बहुत जरूरी हो जाता है कि आपका ब्रोकर किस अनुपात में लेवरेज की सुविधा प्रदान कर रहा है यह अलग-अलग ट्रेडिंग के पैटर्न के हिसाब से अलग-अलग हो सकता है ट्रेडिंग के दौरान समानता ब्रोकर द्वारा 1:30 दिया जा सकता है

2) पिप्स।

फॉरेक्स ट्रेडिंग के दौरान दोनों करेंसी के मूल्य में जितना भी पॉइंट्स का अंतर होता है यह बदलाव होता है उन पॉइंट्स को टिप्स या कहते हैं टिप्स का फुल फॉर्म परसेंटेज इन पॉइंट्स होता है फॉरेक्स ट्रेडिंग में बदलाव को टिप्स से ही मापा जाता है पीपीएस की मदद से फॉरेक्स ट्रेडिंग में बदलाव के बाद लाभ या हानि की गणना को करना कभी-कभी बहुत कठिन हो जाता है लेकिन ऑनलाइन कैलकुलेटर की मदद से इसे आप आसानी से अपने लाभ या हानि की गणना कर सकते हैं।
 

3) ऑनलाइन कैलकुलेटर के माध्यम से टिप्स की गणना।

फॉरेक्स ट्रेडिंग में ट्रेड करते समय आपको यह ध्यान रखना होगा कि इनमें परिवर्तन मात्र भर का होता है ऐसा नहीं होता कि आज एक डॉलर का प्राइस अगर ₹82 है तो कुछ ही समय में 83 या फिर 85 हो जाएगा फॉरेक्स ट्रेडिंग में करेंसी के मूल्य में परिवर्तन प्वाइंट्स में होता है इसकी गणना के लिए आज इंटरनेट पर बहुत सी वेबसाइट उपलब्ध है यहां हम myfxbook.com में जाकर अपने ट्रेड के डाटा को अंकित कर पिप्स प्वाइंट्स की गणना कर सकते हैं।
 

4) लॉट साइज।

learn forex trading step by step in hindi
learn forex trading step by step in hindi
लॉट साइज से तात्पर्य यह होता है कि, जैसे आप केले को दर्ज़न के हिसाब से, पानी को लीटर के हिसाब से तथा कुछ भारी सामानों को किलो के हिसाब से मापते हैं। वैसे ही फॉरेक्स मार्केट या किसी भी ट्रेड के दौरान शेयर्स को लॉट साइज में खरीदे या बेचते जाते हैं।
 
लॉट साइज तीन प्रकार के होते हैं।
  1. स्टैंडर्ड लोट यह 1 लॉट के बराबर होता है। इसमें एक लॉट का मूल्य 1,00,000 यूनिट के बराबर होता है।
  2. मिनी लॉट यह लौट 0.1 के बराबर होता है। इसमें 0.1 लॉट का मतलब 10,000 यूनिट से होता है।
  3. माइक्रो लॉट यह लोट 0.001 के बराबर होता है। इसमें 0.001 लॉट का मतलब 1000 यूनिट होता है।

फॉरेक्स मार्केट कितने प्रकार का होता है? (types of forex market)

Forex trading basics in Hindi
Forex trading basics in Hindi
  1. स्पॉट फॉरेक्स मार्केट।
  2. फ्यूचर्स फॉरेक्स मार्के।
  3. ऑपशंस फॉरेक्स मार्केट।
  4. फॉरवर्ड फोरेक्स मार्केट।

फॉरेक्स ट्रेडिंग कैसे शुरू करें? (How to learn forex trading step by step?)

Forex trading tutorial Hindi
Forex trading tutorial Hindi

आपने अक्सर यह सुना ही होगा कि, फॉरेक्स ट्रेडिंग में आपको 400 गुना तक का लेवरेज मिलता है। मतलब कि, अगर आप 1000 रुपए से फॉरेक्स ट्रेडिंग कर रहे हैं तो उस 1000 रुपयों से आप उसका 400 गुना यानी कि 4 लाख तक की वैल्यू तक के ट्रेड में इंट्री ले सकते हैं। लेकिन भारत देश में फोरेक्स ट्रेडिंग करना लीगल नहीं है।

जितने भी प्लेटफॉर्म्स के नाम आपने सुन रखे हैं जिनको बड़े-बड़े यूट्यूब और सेलिब्रिटीज ट्रस्टेबल फॉरेक्स ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म बताते हैं। उन सभी प्लेटफॉर्म्स के ऊपर आरबीआई (RBI) ने एक सर्कुलर निकाल कर बताया है कि ये सभी कंपनी इंडिया में फॉरेक्स ट्रेडिंग के लिए ऑथराइज ही नहीं है।

फॉरेक्स ट्रेडिंग कैसे सीखे? (learn forex trading step by step)

ये लिस्ट इतनी बड़ी है जिसमे आपको टोटल 75 से 80 ऐसे प्लेटफॉर्म्स मिलेंगे। जो कि, फॉरेक्स ट्रेडिंग के लिए ऑथराइज ही नहीं है, लेकिन फिर भी इन सभी प्लेटफॉर्म्स में धड़ल्ले से फॉरेक्स ट्रेडिंग चल रही है।

जबकि आपके लिए सबसे अच्छा और लीगल तरीका यह है कि, आप अपने डीमेट अकाउंट के द्वारा ही सुबह 9:00 बजे से शाम के 5:00 बजे तक फॉरेक्स ट्रेडिंग कर सकते हैं, करेंसी पेयर्स के डेरिवेटिव्स में ट्रेड करके।

(स्टेप-1) करेंसी मार्केट कैसे काम करता है, इस पर अपनी रिसर्च करें।

Forex trading tutorial Hindi
Forex trading tutorial Hindi

फॉरेक्स मार्केट एक ऐसा फॉरेन एक्सचेंज मार्केट है। जो दुनिया का सबसे बड़ा लिक्विड फाइनेंशियल मार्केट की तरह काम करता है। इसमें एक देश तथा अन्य कई देशों के करेंसी का एक्सचेंज किया जाता है। जहां पर किसी ट्रेंड और इंडिविजुअल इंस्टीट्यूशन द्वारा करेंसी को बेचा और खरीदा जाता है। यह मार्केट 24 घंटे और सप्ताह के 5 दिनों तक चलता है। इसमें किसी भी देश की करेंसी का एक्सचेंज रेट उसके सप्लाई और डिमांड के आधार पर होता है।

जब किसी देश की करेंसी का डिमांड बढ़ता है और सप्लाई कम होती है तो ऐसी स्थिति में उसकी वैल्यू बढ़ जाती है। ऐसे ही जब डिमांड कम होता है और सप्लाई ज्यादा होती है तब उस करेंसी का मूल्य कम हो जाता है। ट्रेडर और निवेदक ट्रेडिंग के दौरान मार्केट ट्रेंड, इकोनामिक इंडिकेटर और भौगोलिक इवेंट को देखते हुए निर्णय लेते हैं। अगर आपको फॉरेक्स ट्रेडिंग करनी है तो आपको अपना डीमेट अकाउंट ओपन कर लेना है और डीमेट अकाउंट में आपको यह ध्यान रखना है कि, आपका फॉरेक्स सेगमेंट एक्टिवेट होना चाहिए।

(स्टेप-2) करेंसी ट्रेडिंग के फायदे और नुकसान को अच्छे से समझें।

Forex strategies in Hindi
Forex strategies in Hindi

इसके लिए आपको यह चेक करना है कि, आपका फॉरेस्ट सेगमेंट एक्टिवेट है या फिर नहीं। अगर एक्टिव नहीं है तब आपको यह सेगमेंट एक्टिवेट करने के लिए आपको अपनी प्रोफाइल में जाना होगा और प्रोफाइल में जाने के बाद आपको लास्ट में डेरिवेटिव ट्रेडिंग का एक ऑप्शन दिखाई देगा उस पर क्लिक करना है। अब जैसे ही आप इस ऑपशन पर क्लिक करेंगे जिसके बाद 6 महीने का बैंक स्टेटमेंट सबमिट करने के बाद आपका यह सेगमेंट एक्टिव हो जायेगा। इसके अलावा म्यूचुअल फंड और फ्यूचर्स एंड ऑप्शंस को भी एक्टिवेट कर सकते है।

एक लॉट में हमें 1000 क्वांटिटी मिलती है। यहां पर हमें 50 गुना तक का मार्जिन देखने को मिलता है। फॉरेक्स मार्केट 24 घंटे और 5 दिन चलता है। लेकिन क्योंकि हम उसके डेरिवेटिव में ट्रेड कर रहे हैं और इसी वजह से हम अपने डीमेट अकाउंट से उसके फ्यूचर और ऑपशन में ट्रेड कर पा रहे हैं तो इसकी जो टाइमिंग है वो है सुबह के 9:00 बजे से शाम के 5:00 बजे तक और अगर आप इसको इंट्राडे में खरीदते  हैं तो फिर आपको 4 बजकर 45 मिनट पर इस ट्रेड को सामप्त करना होगा।

(स्टेप-3) पेपर ट्रेडिंग से शुरुआत करें और उस पर अभ्यास करें।

Currency trading guide Hindi
Currency trading guide Hindi

पेपर ट्रेडिंग एक ऐसी अभ्यास की तकनीक है, जिसमें लोग बिना वास्तविक पैसे के निवेश किए ट्रेडिंग की रणनीतियों और तकनीकों का परीक्षण करते हैं। ये एक तरह का सिमुलेशन होता है। जहां ट्रेडर बाजार की स्थितियों का मूल्यांकन करते हैं और अपने ट्रेडिंग कौशल में सुधार करते हैं।

आपको सामान्यतः उस करेंसी पेयर को सर्च कर लेना है। ट्रेडिंग के दौरान आपको ट्रेडिंग व्यू में जाकर करेंसी चार्ट को ओपन करना होगा क्योंकि यहां पर आपको उस करेंसी पेयर का चार्ट देखने को मिलेगा जबकि आपको अपने डीमेट अकाउंट में उसके फ्यूचर्स का चार्ट ही देखने को मिलेगा।

ट्रेडिंग व्यू वेबसाइट या ऐप पर चार्ट को देखना ज्यादा बेहतर रहेगा। मान लीजिये अगर आपको एनालिसिस करने के बाद लगता है कि, इस करेंसी पेयर की प्राइस बढ़ सकती है उसका चार्ट ओपन करने के बाद आप ट्रेड ले सकते है।

(स्टेप-4) अपनी खुद की फॉरेक्स ट्रेडिंग रणनीतियां विकसित करने का प्रयास करें।

Learn forex trading online Hindi
Learn forex trading online Hindi

लेकिन ज्यादातर लोग यूएस डॉलर और इंडियन करेंसी मे ही ट्रेडिंग के लिए पोजीशन बनाते है। लेकिन हम आपको बता दें कि इसके अलावा बहुत सारे करेंसी पेयर्स होते हैं जैसे कि, यूरो और इंडियन रुपीज, ग्रेट ब्रिटेन पाउंड इंडियन रूपीज, यूरो यूएस डॉलर, जीबीपी यूएस डॉलर और यूएस डॉलर एंड जैपनीज येन जैसे करेंसी पेयर्स भी आपको देखने को मिलते हैं।

लेकिन ज्यादातर भारतीय यूएस डॉलर और इंडियन रुपीज मे ही अपना ट्रेड बनाते है, क्योंकि यही वो करेंसी पेयर है जो कि सबसे ज्यादा ट्रेड तथा जिसमें आपको सबसे ज्यादा वॉल्यूम देखने को मिलता है।

(स्टेप-5) लाइव अकाउंट में ट्रेड करें।

Forex trading tips in Hindi
Forex trading tips in Hindi

फॉरेक्स या किसी भी प्रकार की ट्रेडिंग करने के लिए मुख्य स्टेप्स निम्नलिखित होते है।

  1. RBI द्वारा मान्यता प्राप्त ब्रोकर का चुनाव करें।
  2. बेसिक डिटेल्स डालने के बाद KYC करे।
  3. वॉलेट में फण्ड जमा करें।
  4. मार्केट की रिसर्च करें।
  5. ट्रेड्स को प्लान करें।
  6. रिस्क रिवॉर्ड रेश्यो को मैनेज करे।

भारत में RBI द्वारा मान्यता प्राप्त फोरेक्स करेंसी ब्रोकर (RBI Approved Forex Brokers)

मान लीजिए कि, अगर आपको डायरेक्टली फॉरेक्स मार्केट में ही ट्रेड करना है। तो फिर यहां पर आपको कुछ प्लेटफॉर्म्स के नाम हमने बताए हैं, जिनको आरबीआई (RBI) ने ऑथराइज कर रखा है।

  1. जिरोधा (ZERODHA)
  2. ऐंजल ब्रोकिंग (ANGLE BROKEING)
  3. शेरखान (SHAREKHAN)
  4. HDFC SECURITES
  5. ICICI BANK

भारत में फॉरेक्स मुद्रा ट्रेडिंग के अवैध प्लेटफॉर्म (Unauthorised Forex Brokers)

जिनको आरबीआई ने ऑथराइज नहीं कर रखा है है तो उनके द्वारा में ट्रेड ना ही करें तो आपके लिए अच्छा होगा।

  1. OCTAFX
  2. ALPARI
  3. ANYFX
  4. HOTFOREX
  5. BINOMO

फॉरेक्स ट्रेडिंग के लिए प्रमुख उपाय (tips and tricks for forex trading)

  • अपने आप को शिक्षित करें।

    फॉरेक्स ट्रेडिंग के लिए आपको खुद की रणनीतियों पर काम करना होगा क्योंकि यह एक ऐसा क्षेत्र है जहां समझ और ज्ञान दोनों का ही बड़ा योगदान होता है। सबसे पहले आपको फॉरेक्स मार्केट के मुख्य सिद्धांतों को समझना चाहिए। ताकि आपको यह मालूम हो सकें कि, आखिर फॉरेक्स मार्केट किस प्रकार से काम करता है। फॉरेक्स ट्रेडिंग स्ट्रेटेजीज और लेवरेज का ज्ञान आपको होना बहुत जरूरी है। आप इसके लिए ऑनलाइन कोर्स, वेबीनार और ट्रेडिंग फोरम का उपयोग करके अपनी जानकारी को और भी बढ़ा सकते हैं।

    फॉरेक्स ट्रेडिंग की स्ट्रेटजी तकनीकी विश्लेषण और मार्केट के ट्रेंड्स को समझना भी आपके लिए अति आवश्यक है क्योंकि यही आपको लाइव मार्केट में निर्णय लेने में मदद करेगी। इसके अलावा आप डेमो अकाउंट का भी इस्तेमाल करके बिना अपने असली पैसों को इस्तेमाल किए अपनी खुद की ट्रेडिंग स्किल को आप विकसित कर सकते हैं। इस प्रक्रिया के माध्यम से आप ना ही केवल अपनी ट्रेडिंग प्रदर्शन को सुधार सकते हैं बल्कि इस मार्केट की चुनौतियों से निपटने के लिए आपके पास प्रचुर मात्रा में समझ विकसित होने लगेगी।

  • RBI द्वारा मान्यता प्राप्त ब्रोकर चुने।

    फॉरेक्स ट्रेडिंग करते समय आपको सिर्फ आरबीआई के द्वारा मान्यता प्राप्त ब्रोकर को ही चुनना चाहिए। ऐसा करने से आप यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि आपकी पूंजी सुरक्षित है और आप एक विश्वसनीय प्लेटफार्म पर ट्रेड कर रहे हैं। इसके साथ ही आरबीआई द्वारा मान्यता प्राप्त ब्रोकर आमतौर पर उच्च मानदंडों का पालन करते हैं और ग्राहक की सुरक्षा के लिए जरूरी नियमों का पालन करना उनकी प्राथमिक जिम्मेदारी होती है।

    आपको ब्रोकर के लाइसेंस, ऑनलाइन रिव्यूज ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म और फीस के स्ट्रक्चर की जांच भी करनी चाहिए। इसके अलावा आपातकालीन सेवा ग्राहक सेवा और तकनीकी सहायता की उपलब्धता भी किसी ब्रोकर के लिए एक महत्वपूर्ण पहलू है। इस प्रकार के ब्रोकर के साथ ही फॉरेक्स मार्केट में ट्रेडिंग करने के लिए न केवल आपकी निवेश की सुरक्षा बढ़ती है बल्कि आपको ट्रेडिंग के लिए एक बेहतर अनुभव भी प्राप्त होता है।

  • पेपर ट्रेडिंग से अभ्यास करें।

    फॉरेक्स ट्रेडिंग से पहले पेपर ट्रेडिंग एक बेहतरीन तरीका है। रियल मार्केट में उतरने से पहले अभ्यास करने का। इसमें आप वास्तविक पैसे का उपयोग किए बिना ही वर्चुअल मनी के साथ ट्रेड करने का अनुभव प्राप्त करते हैं। जिससे आपको मार्केट के साथ अनुभव प्राप्त होता है। इस प्रक्रिया में आप कई प्रकार के ट्रेडिंग रणनीतियों का बार-बार परीक्षण कर सकते हैं। कंपनी का तकनीकी विश्लेषण कर सकते हैं और अपनी निर्णय लेने की क्षमताओं को सुधार कर सकते हैं।

    पेपर ट्रेडिंग से आप बिना किसी जोखिम के अपनी गलतियों से सीख सकते हैं। आपको एक वास्तविक ट्रेडिंग के लिए बेहतर तैयारी करने में आपकी मदद करता है क्योंकि पेपर ट्रेडिंग के द्वारा आप मार्केट के उतार-चढ़ाव और विभिन्न स्थितियों में से किस प्रकार आपकी प्रतिक्रिया रहती है। आप इस बारे में भी समझ पाते हैं। इस प्रकार आप आत्मविश्वास के साथ वास्तविक ट्रेडिंग में कदम रख सकते हैं।

  • अपने रिस्क का प्रबंधन करें।

    रिस्क प्रबंधन फॉरेक्स ट्रेडिंग का एक महत्वपूर्ण पहलू है, जो आपको नुकसान से बचाने में आपकी मदद करता है। सबसे पहले, आपको यह तय करना चाहिए कि, आप एक ट्रेड में कितना पैसा जोखिम में डालना चाहते हैं। आमतौर पर, ट्रेडर को अपने कुल पूंजी का 1-2 प्रतिशत से अधिक रिस्क नहीं डालना चाहिए।

    दूसरा, ट्रेडिंग से पहले स्टॉप-लॉस का उपयोग करें। यह आपके नुकसान को सीमित करने में आपकी मदद करता है, ताकि यदि मार्केट आपकी अपेक्षा के विपरीत जाए। तो आप अपने नुकसान को नियंत्रित कर सकते है। 

    तीसरा, हमेशा अपने ट्रेडिंग प्लान का पालन करें और भावनाओं के आधार पर निर्णय लेने से बचें। बाजार के उतार-चढ़ाव को समझें और अपनी रणनीतियों को समय-समय पर बदलाव करते रहें। इस तरह, आप एक सशक्त और सुरक्षित ट्रेडिंग अनुभव का आनंद ले सकते हैं।

  • ट्रेडिंग जरनल बनाएं।

    किसी भी ट्रेडर का भले ही वह किसी भी प्रकार की ट्रेडिंग कर रहा हो। ट्रेडिंग जनरल का बनाना उसके लिए बहुत ही महत्वपूर्ण कदम हो सकता है। जो किसी भी प्रकार की स्थिति में सुधार के लिए मौका दे सकता है। हर एक ट्रेड से पहले छोटी-छोटी जानकारियां दर्ज करें। जैसे कि, तारीख, समय और ट्रेड का नाम इत्यादि। फॉरेक्स ट्रेड में किस समय आपको प्रवेश करना है और कब ट्रेड से बाहर निकलना है। यह रणनीति आपकी स्पष्ट होनी चाहिए।

    आपकी ट्रेडिंग जनरल में लॉट साइज का भी समावेश होना चाहिए। आप कितने लॉट से और कितने मार्जिन के साथ ट्रेड करना करना उचित समझेंगे। हर एक ट्रेड के परिणाम को लिखें तथा अपने लाभ और हानि दोनों पर गहन विचार करें। ट्रेडिंग के दौरान आपकी भावनाएं आपका निर्णय लेने के समय किसी भी प्रकार से आपके ऊपर हावी ना हो सके मतलब कि, आपको अपनी भावनात्मक प्रतिक्रियाओं को नियंत्रण में रखना ही होगा।

    समय-समय पर अपने ट्रेडो का विश्लेषण करें और उसमें सुधार करने के प्रयास से पेपर ट्रेडिंग बार-बार करें। फॉरेक्स ट्रेडिंग के भविष्य को लेकर लक्ष्य निर्धारित करें और साथ ही अपनी ट्रेडिंग योजनाओं को लाइव मार्केट में उपयोग करने से पहले उसका बैक टेस्ट भी करते रहें। 

सारांश।

उम्मीद करते है कि, यह लेख आपको पसंद आई होगी। हमने आपके फायदे के लिए आपको वास्तविक इंफॉर्मेशन दी है। जिसमे हमने learn forex trading step by step तरीके से समझाने का प्रयास किये है। लेकिन इंटरनेट या ऑनलाइन मे आज भी लोग अपने फायदे के लिए आपको गलत इंफॉर्मेशन देते हुए आपको मिसगाइड करते हैं।

इस लेख के माध्यम से हमने आप सभी को बताया कि, फॉरेक्स ट्रेडिंग करने से पहले आपको खास बातों का ध्यान रखना है जैसे कि, आप जिस भी प्लेटफार्म पर ट्रेडिंग करने का सोच रहे हैं। क्या वह आरबीआई द्वारा मान्यता प्राप्त कंपनियों में से एक है या नहीं? इसके साथ ही आपको उस प्लेटफार्म के द्वारा दिए जाने वाले फ्यूचर और ऑप्शन के विकल्प को समझ कर ही करेंसी मार्केट में ट्रेडिंग की रणनीति बनानी चाहिए।

हमने इस लेख में यह भी बताया है कि, आपको ट्रेडिंग से पहले अपनी खुद की रणनीतियां ट्रेडिंग जनरल के साथ-साथ पेपर ट्रेडिंग के द्वारा अभ्यास करने का प्रयास करते रहना चाहिए। करेंसी मार्केट में अधिक मार्जिन के साथ आपका अधिक नुकसान भी हो सकता है। जिस वजह से आपको पहले फॉरेक्स मार्केट की सारी जानकारियां पहले ही एकत्रित करके रखनी चाहिए। कोशिश करें कि, ज्यादा वॉल्यूम वाली करेंसी में ही ट्रेड करने की रणनीति बनाएं। इसलिए कम से कम आप हमारे ब्लॉग पोस्ट को लाइक जरूर कर दीजिएगा और ज्यादा से ज्यादा लोगों के साथ शेयर कीजिए।

FAQ

Q.1 फॉरेक्स ट्रेडिंग से कितना कमा सकते हैं?

फॉरेक्स ट्रेडिंग हो या किसी अन्य प्रकार की ट्रेडिंग पैसा कमाने के लिए आपके अनुभव और पूंजी दोनों का समायोजन से ही मालूम हो सकता है कि, आप फोरेक्स ट्रेडिंग से कितना पैसा कमा सकते है।

Q.2 क्या भारत में फॉरेक्स ट्रेडिंग लीगल है?

नहीं, फोरेक्स ट्रेडिंग भारत में बिलकुल भी लीगल नहीं है। लेकिन यह जरूर है कि, आप किसी RBI की गाइडलाइन के तहत रजिस्टर्ड ब्रोकर के द्वारा करेंसी के ऑपशन और फ्यूचर में ट्रेड ले सकते है।

Q.3 फॉरेक्स ट्रेडिंग कैसे सीखे?

फॉरेक्स ट्रेडिंग को विस्तार से सिखने के लिए आप निम्नलिखित स्तोतो की सहायता ले सकते है।

Q.4 ट्रेडिंग सीखने के लिए सबसे बढ़िया बुक कौन सी है?

ट्रेडिंग को सीखने के लिए सबसे पसंदीदा और तथ्यों से निपुड़ बैंजामिन ग्राहम की लिखी पुस्तक the intelligent investor ही है।

Q.5 अगर मैं फॉरेक्स ट्रेडिंग करूं तो क्या होगा?

अगर आप फोरेक्स ट्रेडिंग RBI द्वारा मान्यता प्राप्त प्लेटफार्म के माध्यम से फॉरेक्स ट्रेडिंग करेंगे तो यह आपके लिए बेहतर होगा।

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राहुल कुमार सोनी

राहुल कुमार सोनी एक वित्तीय बाजार लेखक हैं, जिन्हें शेयर बाजार, ट्रेडिंग और निवेश में 6 साल से अधिक का अनुभव है। वह बी.टेक सिविल इंजीनियरिंग में ऑनर्स डिग्री के साथ एक बाजार निवेशक भी हैं।

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