How to trade using a trend following strategy

ट्रेंड का पीछा करें, 2000 रोजाना कमाएं। How to trade using a trend following strategy

Swing Trading Strategy

इस लेख में हमने How to trade using a trend following strategy के साथ ही लाभ और विशेषताओं को भी बताया हुआ है।

ट्रेंड फॉलोविंग रणनीति क्या है? (What is Trend Following?)

वर्तमान में चल रहे ट्रेंड का उपयोग करते हुए, ट्रेडर और निवेशक जब ट्रेडिंग करते हैं, तब इस प्रकार की ट्रेडिंग ट्रेंड फॉलोइंग कहा जाता है।

इस प्रकार की ट्रेडिंग में निवेशक बाजार की दिशा ऊपर की ओर बढ़ते हुए, नीचे की तरफ गिरते हुए या फिर कंसोलिडेशन की स्थिति में एक ही रेंज में ट्रेडिंग के दौरान इसका उपयोग किया जाता है।

ट्रेंड फॉलोइंग का मुख्य उद्देश्य यही होता है कि, ट्रेडिंग के दौरान जब किसी स्टॉक में छोटे-छोटे मूल्य परिवर्तन से बचने तथा लंबे समय के ट्रेंड का अंदाजा लगाते हुए लाभ उठाने का प्रयास करते हैं।

ट्रेंड फॉलोविंग कैसे काम करता है? (How to trade using a trend following strategy?)

How to trade using a trend following strategy
How to trade using a trend following strategy
  • ट्रेंड फॉलोइंग का पहला नियम ही ट्रेंड को पहचाना होता है। जब बाजार में कोई भी स्टॉक में उसके ट्रेंड को पहचानने के लिए ट्रेडर अक्सर प्रमुख इंडिकेटरों जैसे कि, मूविंग एवरेज और ट्रेंड लाइन इत्यादि का उपयोग करते हैं।
  • जब किसी स्टॉक बाजार में एक मजबूत स्थिति होती है, जिसकी वजह से वह स्टॉक ऊपर की दिशा की ओर जाने लगता है। तब उस स्थिति में ट्रेंड फॉलोइंग की रणनीति से ट्रेडर उस स्टॉक को खरीदने का प्रयास करते हैं और इसी के विपरीत जब बाजार में गिरावट होती है। तब वह इस स्टॉक को बेचने का निर्णय लेता हैं।
  • ट्रेंड फॉलोइंग, ट्रेडिंग के दौरान ट्रेडर का प्रमुख उद्देश्य यही होता है कि, किसी स्टॉक में उनको तब तक बने रहना है। जब तक उस स्टॉक का ट्रेंड अपनी एक ही दिशा में बनी रहती है। जब ट्रेंड बदल जाता है, तो उससे पहले ही वही ट्रेडर उस स्टॉक से एग्जिट कर लेते हैं। हमने इस लेख में इंट्राडे के लिए सबसे अच्छी रणनीति को भी समझाने का प्रयास किया हुआ हैं।

ट्रेंड फॉलोविंग रणनीति के प्रकार (Types of Trends)

जब एक ट्रेडर ट्रेंड फॉलोइंग रणनीति को अपनाता हैं, तब उस समय उसे यह ध्यान रखना होगा कि, बाजार में ट्रेंड्स मुख्य रूप से तीन ही प्रकार के होते हैं। जिसे हमने निम्नलिखित बिंदुओं के माध्यम से विस्तार से बताया हुआ है।

  1. अपट्रेंड (Uptrend)

    जब किसी स्टॉक की कीमत लगातार ऊपर की दिशा की ओर बढ़ने लगती है, तब ऐसी स्थिति को अपट्रेंड कहा जाता है।

    उदाहरण के लिए, मान लीजिए किसी स्टॉक का मूल्य ₹100 है और कुछ दिनों के बाद यही स्टॉक 120  या 130 हो जाता है। तो यह स्पष्ट रूप से यह प्रदर्शित करता है कि, यह स्टॉक अपट्रेंड दिशा की ओर चल रहा है।

    अपट्रेंड में किसी भी स्टॉक की कीमत लगातार ऊपर की ओर ही बढ़ती जाती है। जिसकी वजह से खरीदारों की संख्या अधिक होती है, क्योंकि निवेशक और ट्रेडर यही उम्मीद करते हैं कि, यह स्टॉक कभी आने वाले ट्रेडिंग सत्र के दौरान और भी उनके मूल्य में वृद्धि होने वाली है।

  2. डाउनट्रेंड (Downtrend)

    किसी स्टॉक में डाउन ट्रेंड ऐसी स्थिति होती है जब उसकी कीमत लगातार नीचे की तरफ गिर रही होती है।

    उदाहरण के लिए, मान लीजिए कि किसी स्टॉक का वर्तमान मूल्य ₹100 है और आने वाले कुछ ट्रेडिंग सत्रों के दौरान उसका मूल्य 70 से 80 रुपए हो जाता है। तो यह स्पष्ट रूप से यह दर्शाता है कि, यह स्टॉक अभी डाउन ट्रेंड की स्थिति में चल रही है।

    डाउन ट्रेंड में स्टॉक की कीमत लगातार नीचे की ओर गिरती रहती है। इसमें स्टॉक को बेचने की प्रवृत्ति बनी रहती है, क्योंकि निवेशक और ट्रेंड यह मानते हैं कि, आने वाले कुछ और ट्रेडिंग सत्रों के दौरान कीमत और भी गिर सकती है।

  3. कंसोलिडेशन (Consolidation)

    जब किसी स्टॉक में बाजार की कोई स्पष्ट रूप से दिशा निश्चित नहीं होती है, जिसकी वजह से ना तो कीमत ऊपर की ओर जाती है और ना ही नीचे की ओर। और इसी चक्कर में उस स्टॉक का भाव एक रेंज में फस जाता है।

    उदाहरण के लिए, मान लीजिए किसी स्टॉक का भाव ₹100 है और कुछ दिनों के बाद यह इसकी कीमत 90 या फिर 110 के ही आसपास अप-डाउन करते रहता है। तब ऐसी स्थिति को साइड वेज ट्रेंड कहा जाता है।

    इसमें कीमतों की कोई स्पष्ट दिशा निर्धारित नहीं होती है जिसकी वजह से उस स्टॉक में गिरावट या बढ़ोतरी भी हो सकती है। साइड वेज ट्रेंड कई दिनों तक चल सकता है। जिसकी वजह से ट्रेडर और निवेशकों का पैसा कई दिनों तक फंसा रह जाता है।

ट्रेंड फॉलोविंग रणनीति के लाभ (Advantages of Trend Following Strategy)

यह एक ऐसी रणनीति है जिसमें ट्रेडर हाल में चल रहे ट्रेंड की प्रवृत्ति को पहचान कर उसको समझने का प्रयास करता है कि लम्बे समय में क्या यह ट्रेंड बेहतर रिजल्ट दे सकती है या नहीं। अप ट्रेंड, डाउन ट्रेंड और साइडवेज ट्रेंड की पहचान करने के लिए निम्नलिखित बिन्दुओ के माध्यम से बताने का प्रयास किया है।

ट्रेंड फॉलोइंग रणनीति के कुछ प्रमुख लाभ को हमने नीचे बताया हुआ है।

  1. किसी भी स्टॉक में जब बड़े-बड़े बदलाव स्पष्ट रूप से दिखाई देते हैं, तब हमेशा ट्रेंड फॉलोइंग रणनीति एक ट्रेडर और निवेशक को लंबे समय में अच्छे परिणाम प्राप्त होते हैं।
  2. ट्रेंड फॉलोइंग रणनीति बहुत ही सरल होती है, जिसकी मदद से ट्रेडर और निवेशक बाजार की दिशा को पहचान कर उसी के अनुसार निवेश करने का प्रयास करते हैं। जिसकी वजह से उनके लाभ की संभावना अधिक हो जाती है।
  3. इस प्रकार की रणनीति के दौरान एक ट्रेडर और निवेशक को अपनी मानसिक भावनाओं पर बहुत ही कम निर्भर होना पड़ता है, क्योंकि ट्रेंड की पहचान से यह स्पष्ट रूप से समझ आ जाता है कि बाजार अब ऊपर की ओर जाने वाला है या नीचे की ओर।
  4. ट्रेंड फॉलोइंग रणनीति सभी प्रकार के बाजार में लागू होती है जैसे कि, शेयर बाजार, कमोडिटी मार्केट तथा क्रिप्टोकरंसी इत्यादि में भी इसका उपयोग अधिकतर होता है।

Conclusion

इस लेख में हमने ट्रेंड फॉलोइंग रणनीति क्या होती है? तथा यह रणनीति किस प्रकार से काम करती है? इसके साथ ही हमने सभी प्रकार के ट्रेंड को भी इस लेख में समझाया है। जिसके अंतर्गत हमने अप ट्रेंड, डाउन ट्रेंड तथा साइड वेज़ मार्केट को भी उदाहरण सहित समझना का प्रयास किया है।

ट्रेंड फॉलोइंग रणनीति का उपयोग करके आप किस प्रकार से लाभ कमा सकते हैं, इस बारे में भी हमने बताने का प्रयास किया है।

अगर इसलिए को पढ़कर आपकी ट्रेडिंग रणनीति में थोड़ा बहुत भी सुधार आया हो, तो कृपया करके इस लेख को अपने अन्य सभी ट्रेडर भाइयों के साथ शेयर करें।

धन्यवाद।

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राहुल कुमार सोनी

राहुल कुमार सोनी एक वित्तीय बाजार लेखक हैं, जिन्हें शेयर बाजार, ट्रेडिंग और निवेश में 6 साल से अधिक का अनुभव है। वह बी.टेक सिविल इंजीनियरिंग में ऑनर्स डिग्री के साथ एक बाजार निवेशक भी हैं।

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