What is a contrarian trading strategy

कंट्रेरियन रणनीति: विपरीत दिशा में ट्रेडिंग की कला। What is a contrarian trading strategy

General Trading Knowledge

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इस लेख में हमने What is a contrarian trading strategy तथा कंट्रेरियन ट्रेडिंग से जुड़े सभी बिन्दुओ को समझाया हुआ। Intraday Trading Tips के अंतर्गत यह एक कमाल की रणनीति मानी जाती हैं।

कंट्रेरियन ट्रेडिंग किसे कहते हैं? (What is a contrarian trading strategy)

कंट्रेरियन ट्रेडिंग एक प्रकार से शेयर बाजार में चल रही, सभी रणनीतियां के विपरीत काम करती है। इस रणनीति के अंतर्गत ट्रेडर्स बाजार की सामान्य भावना को ध्यान में ना रखते हुए विपरीत भावना के साथ काम करते हैं।

Contrarian Trading Strategy का मुख्य उद्देश्य यह होता है कि, जब अधिकांश निवेशक और ट्रेडर किसी विशेष स्टॉक में अत्यधिक रूप से उम्मीद करते हुए उसके भाव में तेजी की आस लगाए बैठे रहते हैं। इस समय इस रणनीति का उपयोग करने वाले लोग उसे स्टॉक में बिकवाली की शुरुआत करते हैं।

इसी के विपरीत जब भी बाजार में ऐसी स्थिति उत्पन्न होती है, जहां डर और निराशा का माहौल रहता है। जिसकी वजह से लोग नुकसान से बचने के लिए अपने-अपने स्टॉक को बेचने लग जाते हैं। तब ऐसी स्थिति में ही कंट्रेरियन ट्रेडिंग स्ट्रेटजी का उपयोग करने वाले ट्रेडर ऐसे स्टॉक को खरीदने का निर्णय लेते हैं।

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कंट्रेरियन ट्रेडिंग कैसे काम करता हैं? (How Contrarian Trading Works)

What is a contrarian trading strategy
What is a contrarian trading strategy

यह पूरी तरीके से इस सिद्धांत पर आधारित होता है कि, शेयर बाजार में सभी ट्रेडर्स की भावनाएं अक्सर अत्यधिक हो जाती हैं और लंबे समय में बाजार अपनी गलतियों को जरूर सुधरता है इसीलिए इस रणनीति का मुख्य उद्देश्य ऐसे समय पर निवेश करना होता है। जब बाजार में बहुत सारे ट्रेडर्स घबराहट या डर की भावना में उस शेयर को बेचने का मन बना लेते हैं।

उदाहरण के लिए जब बहुत सारे निवेदक को ट्रेडर्स बाजार में टेक्निकल एनालिसिस के दौरान कुछ ऐसे ट्रेंड्स या महत्वपूर्ण शेयर के पीछे भागते हैं। इस समय कंट्रेरियन ट्रेडर्स इसके विपरीत काम करते हैं। इस प्रकार के ट्रेडर्स ऐसे समय में भी सक्रिय रहते हैं, जब सभी निवेशक और ट्रेडर उम्मीद और निराशा की भावनाओं के बीच में फंसे हुए रहते हैं।

हालांकि ऐसी रणनीति में जोखिम भी अधिक रहता है क्योंकि अगर इस रणनीति को आप सही समय पर सही तरीके से लागू नहीं कर पाते हैं और ट्रेड आपकी बिल्कुल ही विपरीत चल जाता है। तो आपको भयंकर नुकसान होने की भी संभावना बनी रहती है।

कंट्रेरियन ट्रेडर्स के लक्षण (Key Characteristics of a Contrarian Trader)

contrarian trading strategy
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कंट्रेरियन ट्रेडर्स ट्रेडिंग सत्र के दौरान अवसरों को आसानी से पहचान तथा बाजार की भावनाओं से प्रभावित न होते हुए, सही दिशा का चुनाव करने की क्षमता रखते हैं। नीचे हमने कुछ प्रमुख कंट्रेरियन ट्रेडर्स के लक्षणों को बताया हुआ है।

  1. कंट्रेरियन ट्रेडिंग की प्रमुख विशेषता ही उनके आत्मविश्वास और संवेदनशीलता होती है। इस प्रकार के ट्रेडर कभी भी बाकी अन्य ट्रेडर की तरह भेड़ चाल में अपना निर्णय नहीं बनाते हैं बल्कि अपनी सोच पर हमेशा कायम रहते हैं।
  2. कंट्रेरियन ट्रेडर्स हमेशा लंबी समय अमल करने का प्रयास करते हैं। उनका मानना यह रहता है कि, बाजार में हमेशा उतार-चढाव होते रहते हैं और उनको इन्हीं उतार-चढ़ाव के दौरान बाजार की सोच के उलट मुनाफा कमाने का प्रयास करना होता है।
  3. इस प्रकार के ट्रेडर हमेशा ही बाजार में होने वाले अनिश्चित घटनाओं को पहले ही पहचान की कोशिश करते हैं, ताकि जब बाकी लोग बाजार के इन छोटे-छोटे उतार-चढ़ाव को नजर अंदाज़ करते हैं। तब इस समय कंट्रेरियन ट्रेडर्स इन अवसरों का फायदा उठाने की कोशिश करते हैं।
  4. इस प्रकार के ट्रेडर को अपने ट्रेड के दौरान धैर्य बनाकर रखने की समझ होनी चाहिए, क्योंकि जिस प्रकार से वह बाजार की चाल के विपरीत ट्रेडिंग करने का प्रयास करते हैं। इस वजह से जरूरी नहीं है कि, हर बार उनका ट्रेड लाभकारी ही हो। इसीलिए उन्हें लंबे समय तक अपनी रणनीतियों पर टिके रहने के लिए धैर्य बनाने की अधिक आवश्यकता होती है।

कंट्रेरियन ट्रेडिंग के लाभ (Advantages of Contrarian Trading)

  • जब कंट्रेरियन ट्रेडर्स ट्रेडिंग करते हैं, तब उस समय उनके कंपीटीटर्स की संख्या बहुत ही कम होती है, क्योंकि ट्रेडर्स अक्सर बाजार की मुख्य धारा का अनुसरण नहीं करते हैं इसकी वजह वह अकेले ही इस रास्ते पर चलने लगते हैं जिसकी वजह से उन्हें बहुत ही काम कंट्रेरियन ट्रेडरों का सामना करना पड़ता है।
  • कंट्रेरियन ट्रेडर्स उस समय अधिक लाभ कमाते हैं, जब बाजार में अधिक रूप से डर या फिर अधिक उम्मीद की संभावना होती है, क्योंकि इस समय ज्यादातर निवेशक अधिक रूप से सकारात्मक या नकारात्मक हो जाते हैं तब कंट्रेरियन ट्रेडर्स इन भावनात्मक ट्रेडिंग के विपरीत जाकर अच्छा मुनाफा कमाने का प्रयास करते हैं।
  • कंट्रेरियन ट्रेडर्स बाजार की भावनाओं से हमेशा चुनौती लेने का प्रयास करते हैं उदाहरण के लिए, जब बाकी सभी निवेदक या ट्रेडर किसी विशेष स्टॉक के ऊपर उसकी दिशा तथा मूल्य को लेकर अत्यधिक आशावादी या निराशावादी हो जाते हैं तो कंट्रेरियन ट्रेडर्स इन भावनाओं से अपने आप को बचाने की कोशिश करते हैं। इस प्रकार वे बाकी लोगों से बेहतर ट्रेडिंग की उम्मीद रखते हैं।
  • इस प्रकार के ट्रेडर हमेशा ही शांत और सरल स्वाभाव के होते हैं। उन्हें बाजार के छोटे-बड़े उतार-चढाव के बावजूद वें इन सबकी परवाह ना करते हुए मात्र अपनी ही रणनीति पर अडिग रहने का प्रयास करते हैं।
  • कंट्रेरियन ट्रेडर्स बनने के लिए उन्हें कई बार अफलताओं का सामना करते हुए वें सीख पाते हैं कि, मार्केट के किसी प्रकार के माहौल में अपने मानसिक स्थिति को कैसे बनाये रखना हैं।

सारांश (Conclusion)

इस लेख में हमने बताया कि, कंट्रेरियन ट्रेडिंग स्ट्रेटजी क्या है? तथा यह कैसे काम करता है? इसके साथ ही हमने कंट्रेरियन ट्रेडर्स के अंदर कौन-कौन से लक्षण होने चाहिए? जो उसे अन्य सभी ट्रेडर्स से अलग दर्जा प्राप्त करते हैं। कंट्रेरियन ट्रेडिंग (contrarian trading) के दौरान लाभ के बारे में भी हमने विस्तार से चर्चा की हुई है।

उसके साथ ही हमने अपनी वेबसाइट में ऐसे कई अच्छी रणनीतियों, Trading Psychology, Stock Market Basics को भी विस्तार से बताया हुआ है, जिसे आप पढ़कर अपनी खुद की ट्रेडिंग रणनीतियों में काफी सुधार कर सकते हैं।

यह लेख को पढ़ने से अगर आपको थोड़ी भी अच्छी जानकारी मिली हुई हो, तो कृपया करके इस लेख को अपने सभी ट्रेडर भाइयों के साथ साझा करें।

धन्यवाद।

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राहुल कुमार सोनी

राहुल कुमार सोनी एक वित्तीय बाजार लेखक हैं, जिन्हें शेयर बाजार, ट्रेडिंग और निवेश में 6 साल से अधिक का अनुभव है। वह बी.टेक सिविल इंजीनियरिंग में ऑनर्स डिग्री के साथ एक बाजार निवेशक भी हैं।

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