master trading strategies in Hindi

मास्टर ट्रेडिंग रणनीतियाँ। top 6 master trading strategies in Hindi in 2025

Swing Trading Strategy

इस लेख में हमने master trading strategies in Hindi के बारे में सभी महत्वपूर्ण बिन्दुओ को समझाने तथा रणनीति को विकसित करने का तरीका भी बताया हुआ है।

ट्रेडिंग रणनीतियाँ (Core Trading Strategies)

master trading strategies
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ट्रेडिंग की रणनीति, एक ऐसे नियमों का समूह होता है। जिसके अंतर्गत किसी भी कंपनी के स्टॉक, कमोडिटीज या अन्य किसी भी प्रकार के साधनों को खरीदने और बेचने में आपकी मदद करता है। ट्रेडिंग रणनीतियों के अंतर्गत बाजार का समुचित तरीके से विश्लेषण, टेक्निकल तथा फंडामेंटल एनालिसिस पर आधारित होता है।

एक ट्रेडर हमेशा से जानता है कि, जब वह सही रणनीति के साथ ट्रेडिंग करने का जोखिम लेता है। तो वह पूरी तरीके से अपने भावनात्मक स्थिति में निर्णय लेने से बच जाता है। साथ ही बनाई गई रणनीति का पालन करने की वजह से उसके लाभ का प्रतिशत भी कई गुना बढ़ जाता है। इसीलिए भले ही आप शुरुआत के ट्रेडर हो या फिर अनुभवी ट्रेडर। आपको ट्रेडिंग की प्रभावी रणनीतियों पर जरूर से अभ्यास करना चाहिए।

6 मास्टर ट्रेडिंग रणनीतियाँ (master trading strategies in Hindi)

नीचे हमने 6 बहुत ही महत्वपूर्ण जो कि, आपको ट्रेडिंग में मास्टर बनने के लिए बहुत ही उपयोगी है, उनके बारे में हमने विस्तार से चर्चा किया हुआ है।

  1. ब्रेकआउट ट्रेडिंग (Breakout Trading)

    ट्रेडिंग करते समय हर एक ट्रेडर इस मौके की तलाश में रहता है कि, कब उसे कंपनी के स्टॉक में ब्रेकआउट की संभावना अधिक हो जाएगी ताकि ऐसे समय पर ट्रेडिंग करने से उसे यह मालूम रहता है कि, जब यह स्टॉक अपने रेसिस्टेन्स तथा सपोर्ट के लेवल को तोड़ देती है। तो उसमें जरूर से एक अच्छी तेजी की संभावना रहती है। इस वजह से ट्रेडर हमेशा से ब्रेक आउट ट्रेडिंग रणनीति (trading strategies) को अपनाने का प्रयास करता हैं।

    ब्रेकआउट ट्रेडिंग की रणनीति के मुख्य बिंदु रेजिस्टेंस तथा सपोर्ट के लेवल की पहचान करके अगले बनने वाले कैंडल के पश्चात ट्रेडिंग के एंट्री तथा एग्जिट प्वाइंट की तलाश करना होता है। जब भी किसी स्टॉक में रेजिस्टेंस लेवल को तोड़कर ऊपर की ओर जाने का प्रयास करता है। तो इसे एक बुलिश ब्रेकआउट के रूप में माना जाता है और इसी की विपरीत जब वह स्टॉक अपने सपोर्ट के लेवल को नीचे की ओर तोड़ देती है। तब यह स्पष्ट रूप से संकेत होता है कि, अब यहां से ब्रेकआउट की दिशा की ओर ट्रेडिंग होने वाली है।

    हालांकि इसके कई फायदे भी होते हैं। जिससे आपको मनोवैज्ञानिक लाभ प्राप्त होता है, इसके साथ आपके लाभ की अधिक संभावना होती है क्योंकि जब ब्रेकआउट होता है तो अक्सर ही बड़ी तेजी की उम्मीद रहती है।

  2. ट्रेंड फॉलोइंग (Trend Following)

    ट्रेंड फॉलोइंग रणनीति बड़े ही अधिक उपयोग की जाने वाली रणनीति मानी जाती है। इस रणनीति का मूल मंत्र ही यही होता है कि, ट्रेंड इज योर फ्रेंड (trend is your friend) इसका सीधा सा मतलब होता है कि, जिस दिशा की ओर उस स्टॉक का ट्रेंड चल रहा हो आपको भी इसी दिशा की ओर ट्रेडिंग करने का प्रयास करना चाहिए।

    इस रणनीति का उपयोग करने से आप बड़े लाभ की उम्मीद करने के साथ-साथ इस रणनीति को अपने ट्रेडिंग में लागू करना भी बहुत आसान होता है।

    किसी भी स्टॉक का ट्रेंड कुछ दिनों से लेकर कई हफ्तों महीना तक जारी रह सकता है, जिसका फायदा आप लंबे समय तक उठा सकते हैं। बस आपको खास ख्याल रखना होगा अपने रिस्क रिवॉर्ड रेश्यो तथा जोखिम प्रबंधन का। इसके साथ ही आप अपने ट्रेडिंग को धैर्य तथा अनुशासन के साथ अधिक प्रभावी बना सकते हैं।

  3. मीन रिवर्जन रणनीति (Mean Reversion)

    मीन रिवर्जन यह कैसी रणनीति मानी जाती है जिसके अंतर्गत इस बात की अवधारणा होती है कि, कोई भी स्टॉक कुछ समय के बाद अपने औसत मूल्य की ओर वापस आने लगती है। इस रणनीति के तहत ट्रेंड को जब स्टॉक का मूल्य उसके औसत मूल्य के आसपास नजर आए तभी उसमें खरीदारी करनी चाहिए और जब उसका वर्तमान मूल्य उसकी औसत मूल्य से काफी दूर चली जाए तब उसे समय ट्रेंड को उसे स्टॉक को बेच देना चाहिए।

    मीन रिवर्जन रणनीति को लागू करने के लिए आपको सिंपल मूविंग एवरेज जैसे टेक्निकल इंडिकेटर का उपयोग करके किया जा सकता है। इस रणनीति में ट्रेड हमेशा अपने टारगेट को औसत मूल्य के आसपास ही रखते हैं।

    बाजार में किसी भी न्यूज़ या कंपनी की घटनाओं की वजह से उसके भाव में बहुत ही कम समय के लिए उच्च लिया गिरावट आ जाती है तो उस समय ट्रेड खरीदारी या बिक्री करते हैं। क्योंकि उन्हें यह मालूम होता है कि, यह कुछ ही दिनों के लिए है और इसके बाद इसका भाव अपने औसत भाव के आसपास नजर आने वाली है।

  4. वोलेटिलिटी ट्रेडिंग का महत्व (Volatility Trading)

    यह एक प्रकार की ऐसी ट्रेडिंग होती है, जिसके अंतर्गत एक ट्रेंड बाजार में जब भी स्थिरता की माहौल उत्पन्न होती है। तब ऐसे समय में उस स्टॉक की कीमत ऊपर या नीचे की ओर बड़ी ही तेजी से जाती है। इसी रणनीति का उपयोग करते हुए ट्रेड इस मौके का फायदा उठाने की कोशिश करता है।

    वोलैटिलिटी की रणनीति अधिकतर ऑप्शन ट्रेडर ही करते हैं। इस रणनीति के अंतर्गत जब स्थिरता का माहौल रहता है तब ट्रेंड को उच्च रिटर्न की संभावना होती है इसके साथ ही यह आपके पोर्टफोलियो को भी डायवर्सिफाइड करके रखता है।

    वोलैटिलिटी ट्रेडिंग को सही तरीके से लागू करने के लिए आपको उसे स्टॉक के बारे में अधिक अध्ययन तथा अनुभव की भी आवश्यकता होगी। अन्य सभी रणनीतियों के साथ-साथ इस रणनीति में भी जब आप अपनी जोखिम के प्रबंधन तथा रिस्क रिवॉर्ड रेश्यो को सही तरीके से लागू करते हैं तो आपके लाभ के चांसेस बढ़ जाते हैं।

  5. ट्रेडिंग प्लान विकसित करने पर जोर (Developing a Trading Plan)

    किसी भी प्रकार की ट्रेडिंग के समय आपके पास एक ठोस ट्रेडिंग प्लान कहो ना बहुत ही जरूरी होता है। ट्रेडिंग प्लान आपकी ऐसी रणनीति की लिस्ट होती है जिसके अंतर्गत आप किस प्रकार की ट्रेडिंग किस समय पर, उस स्टॉक के टारगेट तथा एंट्री पॉइंट का पूर्व निर्धारण होना तथा आपका जोखिम के प्रबंधन के तरीकों तथा रिस्क रिपोर्ट रेश्यो भी शामिल होता है।

    ट्रेडिंग प्लान बनाने के लिए आपको पहले से ही अपने लक्ष्य को निर्धारित करके बाजार का सही तरीके से विश्लेषण करना होता है। इसके साथ ही आपको अपना स्टॉप-लॉस तथा प्रॉफिट का अंदाज़ होना चाहिए। आपका अपना पोर्टफोलियो डायवर्सिफाइड होना चाहिए। इसके साथ ही आपको यह मालूम होना चाहिए ताकि आप कितना नुकसान उठाने के लिए तैयार है।

    एक प्रभावी ट्रेडिंग प्लान बनाने के लिए आप एक्सेल या गूगल शीट जैसे स्प्रेडशीट कभी उपयोग कर सकते हैं जिसके अंतर्गत आप अपनी रणनीतियों के सभी बिंदुओं को ट्रैक कर सकते हैं। इसके साथ ही आप एक नोटबुक तथा अन्य महत्वपूर्ण डिजिटल टूल्स की मदद से अपने ट्रेड के रिकॉर्ड को मेंटेन कर सकते हैं।

  6. निरंतर सीखने का प्रयास (Continuous Learning)

    बदलते हुए बाजार के माहौल के साथ आपको अपनी नई रणनीतियों को भी अपडेट रखना होगा। निरंतर सीखने के लिए आप टेक्निकल एनालिसिस, फंडामेंटल एनालिसिस, जोखिम के प्रबंधन नई टेक्नोलॉजी के साथ-साथ अपने मानसिक तथा आर्थिक स्थिति को समुचित तरीके से उपयोग करना चाहिए।

    ट्रेडिंग में हमेशा सीखने के लिए आपको ट्रेडिंग चाहिए, ट्रेडिंग से संबंधित पुस्तक, ऑनलाइन वेबीनार तथा कोर्सेज, ट्रेडिंग रणनीतियों से जुड़े ब्लॉक तथा वेबसाइट को फॉलो करना तथा डेमो ट्रेडिंग के साथ अपने रिस्क रिपोर्ट और जोखिम के प्रबंधन को सीखने का प्रयास करना होगा

निष्कर्ष (Conclusion)

इसलिए हमने 6 बड़े ही महत्वपूर्ण मास्टर ट्रेडिंग स्ट्रेटजी के बारे में समझने का प्रयास किया है। जिसमें हमने top 6 Master trading strategies,Top trading strategies for beginner, ब्रेकआउट ट्रेडिंग रणनीति, ट्रेंड फॉलोइंग रणनीति, मीन रिवर्जन की रणनीति, ट्रेडिंग में वोलैटिलिटी रणनीति का महत्व और एक अनुभवी ट्रेडर होने के लिए ट्रेडिंग प्लान को विकसित करने की कुछ महत्वपूर्ण तरीके बताने का प्रयास किया है।

अगर इन रणनीति से आपके ट्रेडिंग में थोड़े बहुत भी सुधार होने की संभावना है, तो कृपया करके इस लेख को अपने अन्य सभी ट्रेडर भाइयों के साथ साझा करने का प्रयास करें।

धन्यबाद।

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राहुल कुमार सोनी

राहुल कुमार सोनी एक वित्तीय बाजार लेखक हैं, जिन्हें शेयर बाजार, ट्रेडिंग और निवेश में 6 साल से अधिक का अनुभव है। वह बी.टेक सिविल इंजीनियरिंग में ऑनर्स डिग्री के साथ एक बाजार निवेशक भी हैं।

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