वेलकम बैक ट्रेडर्स आज का यह लेख swing trading ke liye stock kaise select kare और swing trading ke liye best stocks आपको बताने वाले है जो स्विंग ट्रेडर्स के लिए बहुत ज्यादा हेल्पफुल होने वाला है। इस लेख में आप सीखेंगे इंपॉर्टेंट क्राइटेरिया जो आपको स्विंग ट्रेडिंग के लिए पता होने ही चाहिए।
intro

फिर हम देखेंगे स्विंग ट्रेडिंग के लिए हम swing trading stock kaise chune इसके साथ ही स्टॉक्स की एनालिसिस कैसे करते हैं? एंट्री कहां और कैसे करते हैं फिर हम सीखेंगे स्विंग ट्रेडिंग के लिए स्टॉक सेलेक्ट कैसे करते हैं? जिसमें हम टिकर टैप और चार्टिंग स्क्रीनर का यूज करेंगे और लास्ट पे मैं आपको 48 स्टॉक्स का स्पेशल लिस्ट दूंगा जो कि स्विंग ट्रेडरस के लिए बहुत ज्यादा इंपॉर्टेंट होने वाला है।
आप हमारी website को सब्सक्राइब भी कर सकते हैं ताकि आपको हर ब्लॉग के नोट्स और लाइव जूम क्लासेस की लिंक मिले। swing trading ke liye stock selection करने की सम्पूर्ण विधि के साथ-साथ हमने stock analysis के प्रमुख 8 स्टेप्स बताये हुए है।
important criteria for swing trading

चलिए बात करते है उन 8 महत्वपूर्ण बिन्दुओ की जो आपको swing trading करने से पहले पता होने चाहिए। भले ही आप short term trading ke liye stocks की तलाश कर रहे हो या long term trading ke liye stocks ढूंढ रहे हो, ये नियम सभी जगह आपके काम आने वाले है।
Holding Period
मिनिमम किसी स्टॉक्स का minimum holding period 5 दिन या 3 दिन भी हो सकता है। लेकिन मैं आपको यही बोलूंगा कि,आपको कम से कम 5 दिन रखना सही रहेगा। इसके साथ ही जो आपका मैक्सिमम होल्ड पीरियड होगा वो होगा 4 से 5 सप्ताह तक के लिए होना चाहिए।
अगर इसके बाद आपके प्रॉफिट्स चल रहे हैं, तो आप उन प्रॉफिट्स को ट्रेल कर सकते हो। लेकिन ये पीरियड आपको ध्यान में रखना है मिनिमम फाइव डेज और जो मैक्सिमम होना चाहिए वो होना चाहिए फोर टू फाइव वीक्स।
Stocks To Avoid
जो आपका सेकंड क्राइटेरिया होगा वो होगा स्टॉक्स टू अवॉइड। आपको कौन-कौन से स्टॉक्स अवॉइड करने हैं सेविंग ट्रेडिंग के लिए। सबसे पहले जो स्टॉक्स आपको अवॉइड करने हैं वो है स्टॉक्स जो बहुत कम volume के साथ ट्रेड होते हो। मतलब कि, वो स्टॉक्स जिनमें ट्रेडिंग बहुत ज्यादा कम होती है, जिनमें बहुत ज्यादा कम वॉल्यूम होता है। स्टॉक्स का वॉल्यूम समझने की सम्पूर्ण विधि हमने अपने ब्लॉग में बताई हुई है।
जो दूसरा है वो है, सर्किट स्टॉक्स सर्किट स्टॉक्स का मतलब होता है। वो स्टॉक्स जो हर दिन 5 पर गैप अप या गैप डाउन खुलते हैं या 4% गैप अप या गैप डाउन खुलते हैं इसमें जो मोस्टली स्टॉक्स आते हैं वो होते हैं पेनी स्टॉक्स। आपको उन सारे स्टॉक्स को अवॉइड करना है और एक एग्जांपल अगर मैं दूं इसमें आता है, अडानी ग्रीन एनर्जी का जो सर्किट है वो 10% है यानी कि, वो कभी भी अचानक 10% ऊपर या 10% नीचे खुल सकता है। तो आपको इन स्टॉक्स को अवॉइड करना है जो कि सर्किट स्टॉक्स होंगे।
Stock Price Above 100 Rupees
नंबर थ्री जो कि आपको याद रखना है वो है स्टॉक का प्राइस स्टॉक का प्राइस जो है वो यूजुअली 100 से ज्यादा होना चाहिए।
और जो कुछ स्टॉक्स है वो 100 से नीचे हैं और वो सही स्टॉक्स है फॉर एग्जांपल इसमें आता है होना चाहिए।
Expected ROI (Return on investment)
चौथा जो क्राइटेरिया होगा वो होगा एक्सपेक्टेड ROI. ROI का मतलब होता है रिटर्न ऑन इन्वेस्टमेंट। फॉर एग्जांपल अगर मैंने ₹10 इन्वेस्ट किए तो मुझे इस ₹10 पे कितना प्रॉफिट मिल रहा है? उसे हम रिटर्न ऑन इन्वेस्टमेंट कहते हैं।
जो आपका रिटर्न ऑन इन्वेस्टमेंट होना चाहिए मिनिमम वो 5 पर होना चाहिए और मैक्सिमम आपको 25 पर मिल सकता है। फोर टू 5 वीक्स में मैं फिर से रिपीट करता हूं अगर आपके प्रॉफिट्स चल रहा है तो आप उन्हें ट्रेल भी कर सकते हैं या आप डायरेक्टली एग्जिट भी कर सकते हैं।
Risk to reword ratio
जो आपका फिफ्थ होगा वो होगा रिस्क तू रिवॉर्ड रेश्यो मिनिमम जो आपका रिस्प टू रिवर्ड रेशो स्विमिंग ट्रेडिंग में होगा वो होगा 1.3 और मैक्सिमम आप रख सकते हैं 1.5 स्विंग ट्रेडिंग में इतने टारगेट्स मिलना इजी बात होती है क्योंकि जो स्विंग ट्रेडिंग है इसे हम कहते हैं काम टाइप ऑफ ट्रेडिंग।
इसमें आपको उतना ज्यादा मोमेंट्स ऊपर या नीचे नहीं मिलते हैं लाइक इंट्राडे ट्रेडिंग स्विंग ट्रेडिंग में क्या होता है कि आपको लेवरेज नहीं मिलती है आपको इसलिए ऐसे टारगेट मिलना तो इजी बात होती है और जो सेविंग ट्रेडिंग होती है ये एक डायरेक्शनल ट्रेडिंग होती है डायरेक्शनल ट्रेडिंग में भी ऐसे टारगेट्स में ना आम सी बात है।
Pre defind stop loss
swing trading ke liye stock kaise select kare जो आपका नेक्स्ट क्राइटेरिया होगा वो होगा प्री डिफाइंड स्टॉप लॉस आप अपना स्टॉप लॉस एंट्री से पहले ही डिफाइन करोगे अगर आपकी एंट्री यहां बन रही है और आपका स्टॉप लॉस यहां पर फिक्स्ड होना चाहिए और आप इस स्टॉप लॉस के साथ सिटक रहेंगे अगर स्टॉप लॉस हिट हो गया तो हम अपने ट्रेड से एग्जिट कर लेंगे उसके बाद ये नहीं होगा कि आप फिर से और क्वांटिटी डालोगे ये ऊपर चला जाएगा फिर व क्वांटिटी डालोगे कि ये ऊपर चला जाएगा।
स्टॉप लॉस हिट हो गया तो हिट हो गया आपको ट्रेड से बाहर निकलना है उसके बाद आप ट्रेड में नहीं रहोगे आप नेक्स्ट अपॉर्चुनिटी ड़ना शुरू करोगे मार्केट में स्टॉप लॉस हिट होना कोई बड़ी बात नहीं है यह पार्ट आप द गेम है चाहे आप कितना भी एक्सपर्ट ट्रेडर बनो आपकी एनालिसिस कितने भी स्ट्रांग हो आपके स्टॉप लॉसेस फिर भी हिट होंगे।
Do not deploy whole capital in one stock
और एक रूल जो आपको याद रखना है वो है डोंट डिप्लाई होल कैपिटल इन वन स्टॉक आपको सारा का सारा कैपिटल एक ही स्टॉक में नहीं डालना है जो आप मैक्सिमम एक स्टॉक में डाल सकते हो। वो है 10 टू 20 पर अगर आपका कैपिटल बहुत ज्यादा है तो आपके लिए ये रूल अप्लाई होता है।
लेकिन अगर आपका कैपिटल बहुत कम है तो आप एक ही स्टॉक पे रिस्क ले सकते यूजुअली तो मैं प्रेफर नहीं करूंगा अलबता आप ऐसा कर सकते हैं अगर आपका कैपिटल बहुत कम है लेकिन अगर आपका कैपिटल अच्छा खासा है, तो आप मैक्सिमम 10 से 20 पर ही एक स्टॉक में डाल सकते हैं।
We will diversify our portfolio
उसके बाद जो आपको क्राइटेरिया लास्ट क्राइटेरिया याद रखना है वो है वी विल डायवर्सिफाई आवर पोर्टफोलियो इसका मतलब होता है हम एक ही स्टॉक में अपने सारे पैसे नहीं डालेंगे हम मल्टीपल स्टॉक्स में अपने पैसे डाल सकते हैं।
मिनिमम जो आपका पोर्टफोलियो होना चाहिए उसमें तीन स्टॉक्स होने चाहिए और मैक्सिमम 10 भी हो सकते हैं इससे ज्यादा मैं आपको सजेस्ट नहीं कर करूंगा अगर आपको इससे ज्यादा स्टॉक्स लेने हैं तो आप डायरेक्टली ईटीएफ या म्यूचुअल फंड्स में अपने पैसे डाल सकते हैं।
swing trading ke liye analysis kaise select kare

अब हम देखेंगे एनालिसिस ऑफ सेविंग ट्रेडिंग यानी कि जो स्मिंग ट्रेडिंग की स्टॉक्स है उनकी हम एनालिसिस कैसे करते हैं हम अपने लिए बाइंग और सेलिंग की अपॉर्चुनिटी कैसे ढूंढते हैं हम कौन-कौन सा इंडिकेटर यूज करते हैं कौन से चार्ट पैटर्न यूज करते हैं और कौन सी स्ट्रेटेजी हम देखते हैं।
Time Frame
सबसे पहले जो आपको देखना है व है टाइम फ्रेम यानी कि आप किस टाइम फ्रेम पे एनालिसिस करोगे और आप किस टाइम फ्रेम पे एंट्री करोगे यूजुअली जो एक स्विंग ट्रेड है वो अपनी एनालिसिस वीकली और डेली टाइम फ्रेम पे करता है और उसकी जो एंट्रीज होती है वो यूजुअली वन आवर टाइम फ्रेम पे होती है लेकिन अगर आपको छोटे टाइम फ्रेम्स के चार्ट्स पर अच्छा खासा होल्ड है।
तो आप अपनी एंट्रीज 15 मिनट्स टाइम फ्रेम पर भी बना सकते हैं यहां पर ध्यान रखना है कि हम अपनी एनालिसिस वीकली और डेली टाइम फ्रेम पे करेंगे और जो हमारी एंट्री होगी वो या तो वन आवर टाइम फ्रेम पे होगी या तो वो 15 मिनट्स टाइम फ्रेम पर होगी जो हमारे सारे के सारे मेजर सपोर्ट एंड रेजिस्टेंस लेवल्स होंगे वो हम ड्रा करेंगे वी और डेली टाइम फ्रेम पर।
Identify key support & resistance levels on your chart
उसके बाद आपको करना है आइडेंटिफिकेशन लेवल्स ड्रा करने हैं फिर हम उनके या तो ब्रेकआउटस का वेट करेंगे या तो ब्रेक डाउन का वेट करेंगे या तो हम देखेंगे अगर अप ट्रें चल रहा है तो उसमें हम सपोर्ट प बाइंग करेंगे या अगर डाउन ट्रें चल रहा है तो उसमें हम रेजिस्टेंस पर सेलिंग कर सकते हैं।
यहां पर आपको और एक बात याद रखनी है अगर आप उन स्टॉक्स में ट्रेड कर रहे हो जिसमें फ्यूचर्स एंड ऑप्शंस होते हैं तो आप स्विंग ट्रेडिंग में सेलिंग भी कर सकते हो ऑप्शंस या फ्यूचर्स में लेकिन अगर आप उन स्टॉक्स में ट्रेड करोगे जिनमें फ्यूचर्स एंड ऑप्शंस अवेलेबल नहीं है तो आप सिर्फ और सिर्फ बाइंग की ही पोजीशंस बना सकते हो।
identify overall trend
उसके बाद आपको ओवरऑल ट्रेंड देखना है मार्केट का यानी कि या उस स्टॉक का आपको ट्रेंड देखना है अगर अप ट्रेंड चल रहा है तो आपको सिर्फ और सिर्फ बाइंग की पोजीशंस देखनी है जो कि मैंने आपको समझाया है ट्रेंड ट्रेडिंग की वीडियो में आपको मैंने अभी कहा था कि जो स्विंग ट्रेडिंग है ये एक डायरेक्शनल ट्रेडिंग है।
यानी कि यहां पर आपको सिर्फ और सिर्फ डायरेक्शनल ट्रेड करनी होती है अगर अप टन चलेगा तो आपको सिर्फ और सिर्फ बाइंग की पोजीशन कंसीडर करनी है अगर एक डाउन टन चल रहा है तो आपको फ्यूचर्स से ऑप्शंस में सिर्फ और सिर्फ सेलिंग की पोजीशंस कंसीडर करनी है।
Best indicators for swing trading
swing trading ke liye stock kaise chune इसके बाद बेस्ट इंडिकेटर्स फॉर स्विंग ट्रेडिंग यानी कि वो कौन-कौन से इंडिकेटर्स है जो आपको स्विंग ट्रेडिंग में यूज करने हैं इसमें जो सबसे इंपॉर्टेंट है वो है मैकडी मैकडी को सबसे ज्यादा यूज किया जाता है स्विंग ट्रेडिंग में उसके बाद आर एसआई उसके बाद बंजर बैंड्स fb50 डेज मूविंग एवरेज और 200 डेज सिंपल मूविंग एवरेज।
आपको याद होगा कि मैंने 200 मूविंग एवरेज की लेख में आपको कहा था जब प्राइसेस 200 डेज मूविंग एवरेज से ऊपर होते हैं तो हम समझते हैं मार्केट बुलस के कंट्रोल में है और जब 200 डे सिंपल मूविंग एवरेज से प्राइसेस नीचे होते हैं। तब हम कहते हैं मार्केट में बियर्स कंट्रोल में तो आपको यही सब इंडिकेटर्स यूज करने हैं इससे ज्यादा आपको कोई भी इंडिकेटर यूज नहीं करना है इतने इंडिकेटर्स काफी होते हैं स्विंग ट्रेडिंग के लिए।
Chart Pattern
इसके बाद है चार्ट पैटर्न जो कि आपको स्विंग ट्रेडिंग के लिए यूज़ करने सबसे पहले जो आपको चार्ट पैटर्न सीखने हैं या देखते हैं वो है डबल टॉप और डबल बॉटम उसके बाद हेड एंड शोल्डर पैटर्न इसमें आएगा सीधा हेड एंड शोल्डर पैटर्न और इनवर्टेड हेड एंड शोल्डर पैटर्न हेड एंड शोल्डर पैटर्स की सबसे ज्यादा वर्किंग प्रोबेबिलिटी होती है स्विंग ट्रेडिंग में डबल टॉप और डबल बॉटल की सिर्फ 66 पर वर्किंग प्रोबेबिलिटी होती है ये 36 पर टाइम जो है या 34 पर टाइम जो है वो फेल हो जाता है।
उसके बाद आपको देखने हैं फ्लैग चार्ट पैटर्स यानी कि, जब भी आपको देखिए एक बड़ा सा मूव है आपको डायरेक्टली एंट्री नहीं लेनी है। जैसे ही आपको दिखे एक रिट्रेसमेंट या पुल बैक आ रहा है इन द फॉर्म ऑफ फ्लैग चार्ट पटल फिर उसके बाद अपनी आप एंट्रीज बना सकते हैं और आपको देखने हैं ट्रायंगल पैटर्न ट्रायंगल पैटर्न में आपको सीखना है। असेंडिंग ट्रायंगल पैटर्न डिसेंडिंग ट्रायंगल पैटर्न और सिमेटिक ट्रायंगल पैटर्न इससे ज्यादा चार्ट पैटर्न किसी भी काम के नहीं है इतने चार्ट पैटर्न स्विंग ट्रेडिंग के लिए काफी होते हैं।
Swing Trading ke liye perfect entry kaise kare

अब हम देखेंगे क्राइटेरिया फॉर एंट्री यानी कि स्विंग ट्रेडिंग करने के लिए हम एंट्री के वक्त कौन-कौन से क्राइटेरियास देखते हैं या कौन-कौन सी बातों का ध्यान रखते हैं।
Breakout of important levels with high volume
सबसे पहला है ब्रेकआउट ऑफ इंपॉर्टेंट लेवल्स विद हाई वॉल्यूम अगर ये एक रेजिस्टेंस लेवल है और इसका ब्रेकआउट हो रहा है हमें ब्रेकआउट तभी रियल मांगते हैं जब ये एक हाई वॉल्यूम के साथ होता है तब हम यहां पर अपनी एंट्रीज बनाते हैं।
पहला रूल आपको याद रखना है ब्रेकआउट ऑफ इंपोर्टेंट लेवल्स विथ हाई वॉल्यूम्स और सिमिलर लेवल में अगर किसी सपोर्ट का ब्रेक डाउन हो रहा है तो यह भी अगर एक हाई वॉल्यूम के साथ हो रहा है तब भी हम इसे एक रियल ब्रेकडाउन मानते हैं फिर आप अपने फ्यूचर्स से ऑप्शंस में सेलिंग की पोजीशंस बना सकते हैं।
Retest of support and rasistance levels after breakout
दूसरा जो है वो है रीटेस्ट ऑफ सपोर्ट एंड रेजिस्टेंस लेवल आफ्टर ब्रेकआउट अगर एक ब्रेकआउट हाई वॉल्यूम के साथ नहीं हो रहा है तो हम इसमें डायरेक्टली पार्टिसिपेट नहीं करते हैं।
हम पहले वेट करते हैं एक रीटेस्ट का अगर हमें रीटेस्ट मिल रहा है उसके बाद दिख रहे हैं कि प्राइस ऊपर जा रहे हैं तो यहां पर हम अपनी एंट्रीज बना सकते हैं और जो हमारा स्टॉप लॉस होगा वो इसी सपोर्ट या रेजिस्टेंस के नीचे होगा।
Flag Pattern formation in high momentum stocks
जो आपको थर्ड बात याद रखनी है वो है फ्लैक पैटर्न फॉर्मेशन इन हाई मोमेंटम स्टॉक्स अगर एक स्टॉक कंटीन्यूअसली अप ट्रें या एक डाउन ट्रेंड में जा रहा है तो हम सीधे ही हम ग्रीन कैंडल्स में नहीं घुस हम डायरेक्टली अनी एंट्री नहीं बनाते सबसे पहले हम वेट करते हैं एक पुल बैक आएगा जिसमें हमें दो-तीन रेड कैंडल्स मिलती है या 510 भी मिल सकती है या हमें एक ही रेड कैंडल मिल सकता है फिर हम उन पे एक ट्रेंड लाइन ड्रा करते हैं।
जैसे ही इस ट्रेंड लाइन का ब्रेक आउट होता है हम यहां पर अपनी बाइंग की पोजीशंस बनाते हैं और जो हमारा स्टॉप लॉस होता है वो प्रीवियस रेड कैंडल के लो पे होता है या उस लो के नीचे होता है ये वाली स्ट्रेटेजी हम हाई मोमेंटम स्टॉक्स में यूज करेंगे।
Retest of 200 or 50 SMA after breakout
जो चौथा होगा वो होगा रीटेस्ट ऑफ 200 डे और 50 डेज सिंपल मूविंग एवरेज आफ्टर ब्रेकआउट। अगर 200 डे सिंपल मूविंग एवरेज या 50 डेज सिंपल मूविंग एवरेज का ब्रेकआउट डायरेक्टली हो रहा है तो यहां पर भी हम ट्रेड नहीं करते हैं।
पहले हम वेट करते हैं रीटेस्ट का यहां पर भी आपको याद रखना है अगर हाई वॉल्यूम के साथ ब्रेक आउट होगा तब हम उसे रियल मानते हैं। अगर हाई वॉल्यूम के साथ ब्रेक आउट नहीं हो रहा है तब हम रीटेस्ट का वेट करते हैं। सिमिलरली अगर डाउन टड में हाई वॉल्यूम के साथ ब्रेक डाउन हो रहा है तब हम डायरेक्टली ट्रेड करेंगे अगर हाई वॉल्यूम नहीं है तो तब हम रीटेस्ट का वेट करते हैं।
prices taking support at 50 and 200 SMA
फिफ्थ है प्राइस ज टेकिंग सपोर्ट एट 50 एंड 200 डे सिंपल मूविंग एवरेज अगर एक स्टॉक कंटीन्यूअसली अप ट्रेन में है और वो या तो 50 डे सिंपल मूविंग एवरेज पे सपोर्ट ले रहा है या तो वो 200 डेज सिंपल मूविंग एवरेज पे सपोर्ट ले रहा है।
तो यहां पर हम अपनी पोजीशंस डायरेक्टली बना सकते हैं लेकिन जब ब्रेकआउट या ब्रेक डाउन होगा तब हम रीटेस्ट का वेट करते हैं अगर वॉल्यूम लो होगा अगर वॉल्यूम हाई होता है, तो हम अपनी डायरेक्टली पोजीशंस बना सकते हैं।
formation of important chart patterns at key supply and demand areas
फॉर्मेशन ऑफ इंपॉर्टेंट चार्ट पैटर्स एट की सप्लाई एंड डिमांड एरियाज की सप्लाई एंड डिमांड एरियाज होते हैं की सपोर्ट एंड रेजिस्टेंस एरियाज अगर आपको यहां पर इंपॉर्टेंट चार्ट पै टर्न्स मिल रहे हैं यानी कि लाइक हेड एंड शोल्डर इनवर्टेड हेड एंड शोल्डर डबल टॉप डबल बॉटम तो यहां पर आप अपनी पोजीशंस बना सकते हैं यहां पर भी आपको ध्यान रखना है।
अगर हाई वॉल्यूम के साथ ब्रेकआउट हो रहा है तो वो रियल ब्रेकआउट हो रहा है अगर हाई वॉल्यूम के साथ ब्रेकआउट या ब्रेक डाउन नहीं हो रहा है तब हम री डस्ट का वेट करते हैं सिंपली आपको इतना ही क्राइटेरिया याद रखना है।
my special list of swing trading stocks

summary
swing trading tips in Hindi के तहत इस लेख के माध्यम से हमने यह जाना कि, swing trading setu, best indicators for swing trading और swing trading ke liye stock kaise select kare इसकी पूरी जानकरी बताने का प्रयास किया हुआ है।
आज के इस लेख के बाद मैं उम्मीद करता हूं कि, आपको यह वाला लेख भी अच्छा लगा होगा। सो मेक श्योर टू लाइक शेयर एंड सब्सक्राइब आवर वेबसाइट मैं मिलता हूं आपसे नेक्स्ट लेख में।

राहुल कुमार सोनी एक वित्तीय बाजार लेखक हैं, जिन्हें शेयर बाजार, ट्रेडिंग और निवेश में 6 साल से अधिक का अनुभव है। वह बी.टेक सिविल इंजीनियरिंग में ऑनर्स डिग्री के साथ एक बाजार निवेशक भी हैं।