MACD indicator se buy and sell signal kaise pata karein

MACD indicator se buy and sell signal kaise pata karein

Swing Trading Strategy

इस लेख में हम MACD indicator se buy and sell signal kaise pata karein तथा MACD इंडिकेटर, MACD ट्रेडिंग, MACD सिग्नल के बारे में सम्पूर्ण जानकारी देने वाले है। कृपया इस लेख को पूरा पढ़े और MACD इंडिकेटर को अच्छी तरीके से समझने का प्रयास करे। हम MACD इंडिकेटर का बेसिक समझेंगे और Buy-Sell सिग्नल्स कैसे जनरेट होते हैं, इसकी विस्तार से चर्चा करेंगे। 

Table of Contents

MACD indicator se buy and sell signal kaise pata karein

MACD indicator se buy and sell signal kaise pata karein
MACD indicator se buy and sell signal kaise pata karein

MACD (Moving Average Convergence Divergence) एक ऐसा टेक्निकल इंडिकेटर जिसका उपयोग सबसे ज्यादा ट्रेडर्स ऐसे समय पर करते हैं, जब उन्हें ट्रेडिंग के दौरान बाजार की दिशा और उसकी ताकत का अंदाजा लगाने के लिए उपयोग किया जाता है। मूविंग एवरेज फॉर्म सही तरीके से उपयोग करने के लिए आपको दो लाइनों की आवश्यकता होती है। जिसमें पहले है फास्ट लाइन और दूसरा है स्लो लाइन। इन्हीं दोनों लाइनों की मदद से MACD इनके बीच के अंतर को दिखाने का प्रयास करता है, ताकि हमें यह संकेत मिल सकेगी कि बाजार में कौन सा ट्रेंड चल रहा है तथा अब कौन सा नया ट्रेंड आने वाला है।

MACD के अंतर्गत आपको MACD indicator basics, MACD buy sell strategy, MACD signal line crossover तथा MACD लाइन सिग्नल लाइन और हिस्टोग्राम को उपयोग करते हुए इसकी सही व्याख्या करनी होती है। जब MACD की रेखा सिग्नल रेखा के ऊपर चली जाती है, तब इसे एक बुलिश ट्रेंड की तरह समझा जाता है और इसी के विपरीत जब MACD की लाइन सिग्नल लाइन के नीचे होती है, तभी स्थिति को बेयरिश सिग्नल के रूप में पहचाना जाता है।

इसके अलावा हमें ट्रेंड कितना मजबूती से कम कर रहा है, इसकी जानकारी के लिए हिस्टोग्राम का उपयोग करना पड़ता है। एमएसडी एक प्रकार से उसे स्टॉक के पिछली जितनी भी कीमतें होती हैं उन्हीं के आधार पर एक रेखा के माध्यम से संकेत प्रदर्शित करता है ताकि इसका उपयोग अन्य टेक्निकल इंडिकेटर्स के साथ कंपेयर करके और सटीक तरीके से ट्रेडिंग में एंट्री और एग्जिट के बिंदुओं का चुनाव कर सके। MACD कैसे काम करता है? आप इस लेख को पूरा पढ़ने के बाद जरूर जान जायँगे।

MACD का उपयोग कैसे करें? (How to Use MACD in Trading?)

MACD indicator se buy and sell signal kaise pata karein
MACD indicator se buy and sell signal kaise pata karein
MACD indicator se buy and sell signal kaise pata karein?

शेयर बाजार की दिशा और ट्रेड की मजबूती को पहचान के लिए आपको MACD इंडिकेटर के साथ अन्य इंडिकेटर का भी उपयोग करने के लिए कुछ महत्वपूर्ण बिंदुओं का ध्यान रखना होता है, जो निम्नलिखित है।

  1. MACD और सिग्नल लाइन क्रॉसओवर

    MACD के उपयोग करने का सबसे आसान तरीका यह है कि, आप MACD और सिग्नल लाइन के बीच क्रॉसओवर को देख सकते हैं। जब कभी किसी चार्ट में MACD की लाइन सिग्नल लाइन के ऊपर क्रॉसओवर कर देती है, तब यह एक बुलिस सिग्नल को प्रदर्शित करता है। और यही रेखा बाजार में होने वाली तेजी का अंदाजा एक बुलिश कैंडल के माध्यम से दिखाई देती है।

    इसी के विपरीत जब किसी स्टॉक में MACD की लाइन सिग्नल लाइन को नीचे की तरफ जाती हुई दिखाई देती है, तो यह मंदी का संकेत अर्थात बिकवाली को प्रदर्शित करता है।

  2. MACD Histogram Analysis

    एक ट्रेडर होने के नाते हम MACD और हिस्टोग्राम दोनों का ही उपयोग करके ट्रेड की मजबूती का बड़ी ही आसानी से अंदाजा लगा सकते हैं। जब MACD और हिस्टोग्राम यह प्रदर्शित करते हैं कि, MACD और सिग्नल लाइन के बीच का अंतर कितना घट रहा है, या फिर कितना बढ़ रहा है। इसी के माध्यम से हम ट्रेंड की मजबूती का अंदाजा लगा सकते हैं।

    जब हिस्टोग्राम के बार बढ़ रहे होते हैं, तो यह मजबूत ट्रेंड को प्रदर्शित करते हैं। MACD histogram analysis यही बार जब घट रहे होते हैं, तब एक कमजोर ट्रेंड को प्रदर्शित करते हैं जिसके माध्यम से आप यह अंदाजा लगा सकते हैं कि, बाजार का ट्रेंड कब बदल सकता है।

  3. MACD और अन्य संकेतकों का संयोजन

    MACDZZ का उपयोग कभी भी अपने ट्रेडिंग में उपयोग करते समय यह ध्यान रखें कि, एक्स्ट्रा कंफर्मेशन के लिए आपको इसके साथ अन्य इंडिकेटर का भी संयोजन बनाते हुए उपZ एवरेज इन दोनों का ही आप उपयोग कर सकते हैं।

    उदाहरण के तौर पर अगर MACD बुलिश क्रॉसओवर को प्रदर्शित करता है और साथ ही RSI का मान ओवर सोल्ड की स्थिति में मतलब की 70 से ऊपर निकल जाता है, तो यह एक बुलिश सिग्नल को प्रदर्शित करता है तथा सही रिस्क रिवॉर्ड रेश्यो के साथ आप सही एंट्री और एग्जिट प्वाइंट को आसानी से ढूंढ सकते हैं।

MACD के फायदे और नुकसान (Advantages and Disadvantages of MACD)

किसी भी इंडिकेटर का उपयोग करने से एक ट्रेंड को जितना लाभ मिलता है अगर उसको सही तरीके से उपयोग करना नहीं जानता है कोई भी एक नया ट्रेंड तो इसके कई नुकसान भी हो सकते हैं इन्हीं लाभ और नुकसान को हम नीचे बताए हुए हैं जो निम्नलिखित है

क्रमाँकMACD के फायदे।MACD के नुकसान।
1MACD का उपयोग नए ट्रेडर्स बड़ी ही आसानी से कर सकते हैं, क्योंकि यह प्रयोग करने में बहुत ही सरल होता है।मार्केट की दिशा जब रेंज बाउंड के आसपास होती है, तब अगर आप MACD के सिग्नल का उपयोग करते हैं, तो यह अक्सर ही गलत सिग्नल को प्रदर्शित करता है जिसकी वजह से अक्सर नए ट्रेडर्स भ्रम की स्थिति में आ जाते हैं।
2बाजार की सही दिशा तथा चाल का अंदाजा लगाने के लिए आपको  बहुत ही मददगार  साबित होती है।हालांकि MACD उसे स्टॉक के पिछले कीमतों पर निर्भर करता है, जिसकी वजह से उसके सिग्नल्स में कुछ समय के बाद परिणाम और ट्रेड में बदलाव के आसार थोड़ी देर से दिखाई देते हैं।
3MACD के उपयोग करके आप बड़ी आसानी से ट्रेंड में होने वाले बदलाव को पहचान सकतेहैं।जब बाजार की दिशा Sideways तथा बहुत ही week होती है तब उसी दौरान MACD का प्रभाव बहुत ही काम होता है।
4MACD को RSI तथा मूविंग एवरेज के साथ मिलकर उपयोग करने से सही ट्रेडिंग की दिशा का पता लगा सकते हैं।जब आप सिर्फ MACD का ही उपयोग करके ट्रेडिंग करने का प्रयास करते हैं, तब आपको अक्सर गलत सिग्नल ही मिलने के अधिक असर रहते हैं। इसीलिए आपको MACD के साथ अन्य टेक्निकल इंडिकेटरों का भी उपयोग करना चाहिए।
5MACD के हिस्टोग्राम से आप बड़ी ही आसानी से चल रहे ट्रेंड की मजबूती का अनुमान लगा सकते हैं।MACD कितना कारगर होगा यह पूरी तरह से समय सीमा पर निर्भर करती है। जब आप इस इंडिकेटर का उपयोग छोटे समय में करते हैं, तो यह बेहतर रिजल्ट प्रदर्शित करता है लेकिन लंबे समय में कहीं ना कहीं इसकी सटीकता उतनी मजबूत नहीं रहती।

MACD इंडिकेटर के उपयोग के समय सफलता के टिप्स (Tips for Success with MACD)

MACD इंडिकेटर के उपयोग के समय सफलता प्राप्त करने के लिए नीचे हमने कुछ जरुरी टिप्स बताये हुए है।

  • MACD के सिग्नल अच्छे से जांच करें।

    MACD के सिग्नल चाहे (वह क्रॉसओवर या डायवर्जेंस सिग्नल ही क्यों ना हो) आप इसे एक संकेत के रूप में ही बस उपयोग नहीं कर सकते बल्कि इसके साथ मूविंग एवरेज और RSI जैसे लोकप्रिय टेक्निकल इंडिकेटर्स का भी आप उपयोग करें।

    जब MACD और अन्य जितने भी टेक्निकल इंडिकेटर है, आपको सही और सामान सिग्नल प्रदान करते है। तभी आपको उस स्टॉक में सिग्नल ज्यादा मजबूत और फायदेमंद साबित होंगे। MACD सिग्नल को अच्छे तरीके से प्रयोग करने से बेहतर रिजल्ट संभव है।

  • अलग-अलग समय सीमाओं (Time frames) का उपयोग करें।

    MACD इंडिकेटर छोटे समय यानी के 10-15 मिनट से 1 घंटे के बीच उनके चार्ट में बड़ी तेजी से बदलाव हो सकते हैं।

    लेकिन लंबे समय में ट्रेड की दिशा में बहुत ही काम बदलाव होते हैं।

  • MACD और सिग्नल लाइन के क्रॉसओवर का पालन करें।

    ट्रेडिंग के दौरान MACD और सिग्नल लाइन के बीच होने वाले क्रॉसओवर को आप नजर अंदाज नहीं कर सकते। जब यह रेखा सिग्नल लाइन को ऊपर की तरफ कटती है, तभी हमें बुलिश क्रॉसओवर का पता चलता है।

    इसी के विपरीत जब यह लाइन सिग्नल लाइन को नीचे की तरफ काट देती है, तो यह बिकवाली के संकेत को प्रदर्शित करता है।

  • जोखिम प्रबंधन का पालन करें।

    MACD इंडिकेटर के अलावा भी किसी भी ट्रेडिंग के दौरान आपको अपने जोखिम के प्रबंधन को मजबूत बनाने का प्रयास करना है।

    इसके साथ ही आपको सही प्रकार से स्टॉप-लॉस के साथ सही एंट्री और एग्जिट के पॉइंट को ध्यान में रखते हुए, इंडिकेटर के इस्तेमाल करना चाहिए।

MACD Indicator का प्रैक्टिकल इस्तेमाल

  1. चार्ट को सेटअप करें : अपने ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म पर MACD इंडिकेटर को इनेबल करें। डिफॉल्ट सेटिंग्स (12, 26, 9) शुरुआती ट्रेडर्स के लिए बेस्ट हैं।
  2. ट्रेंड को पहचानने का प्रयास करें : MACD ट्रेंडिंग मार्केट्स में अधिक प्रभावी होता है। पहले मार्केट का ओवरऑल ट्रेंड समझने के लिए बड़े टाइमफ्रेम्स (1-घंटा, 4-घंटा) देखें।
  3. Buy सिग्नल ढूंढें : जब MACD लाइन सिग्नल लाइन को नीचे से ऊपर क्रॉस करे और हिस्टोग्राम पॉजिटिव जोन में हो, तो Buy एंट्री करें।
  4. Sell सिग्नल ढूंढें : जब MACD लाइन सिग्नल लाइन को ऊपर से नीचे क्रॉस करे और हिस्टोग्राम नेगेटिव जोन में हो, तो Sell एंट्री करें।
  5. कंफर्म करें : केवल MACD सिग्नल्स पर ट्रेड न करें; हमेशा सपोर्ट-रेजिस्टेंस और प्राइस एक्शन का कंफर्मेशन लें।

निष्कर्ष (Conclusion)

इस लेख में हमने एक महत्वपूर्ण टेक्निकल MACD इंडिकेटर के उपयोग, MACD indicator se buy and sell signal kaise pata karein? तथा MACD के लाभ और नुकसान को भी बताने का प्रयास किया है। इसके अलावा हमने MACD के उपयोग के दौरान आपको सफलता प्राप्त करने के लिए महत्वपूर्ण टिप्स को भी विस्तार से समझाने का बखूबी प्रयास किया है।

इस लेख को पढ़ने के बाद अगर आपको MACD के बारे में थोड़ी बहुत भी अच्छी जानकारी मिली हो, तो कृपया करके इस लेख को अधिक से अधिक अपने ट्रेडर दोस्तों और भाइयों के साथ जरूर साझा करें।

धन्यवाद।

FAQ (Frequently Asked Questions)

Q.1 क्या MACD सिर्फ शेयर मार्केट में ही काम करता है?

नहीं, MACD का उपयोग आप सिर्फ शेयर मार्केट में ही नहीं कर सकते बल्कि इसका उपयोग एक अच्छा टेक्निकल इंडिकेटर के रूप में फॉरेक्स मार्केट, क्रिप्टो करेंसी तथा कमोडिटी में भी उपयोग किया जाता है। MACD का मुख्य उद्देश्य ही बाजार के चल रहे ट्रेड की दिशा तथा उसकी मजबूती का मूल्यांकन करना होता है।

Q.2 MACD के साथ कौन से अन्य संकेतकों का उपयोग करना चाहिए?

MACD के साथ आप RSI, मूविंग एवरेज तथा बोलिंजर बैंड्स का उपयोग करना बहुत अच्छी रणनीति रहेगी।

Q.3 MACD और RSI में क्या अंतर है?

MACD और RSI दोनों में ही एक अच्छे टेक्निकल इंडिकेटर्स की गिनती में आते हैं, लेकिन उनके काम करने का तरीका और उद्देश्य दोनों ही अलग-अलग है।

  • जहां अमी सिटी ट्रेड की दिशा को बताने का प्रयास करता है जिसका अनुमान मूविंग एवरेज के बीच अंतर को दिखाने के बाद ही पता चलता है।
  • सी एक प्रकार से मूवमेंट इंडिकेटर के रूप में काम करता है जो आपको ओवरबोर्ड और ओवर सोल्ड दोनों ही स्थितियों का स्पष्ट परिमाण प्रदर्शित करते हैं।

Q.4 क्या MACD में समय सीमा बदलने से परिणाम बेहतर हो सकते हैं?

समय सीमा MACD इंडिकेटर के दौरान जैसे-जैसे बदलता जाता है, वैसे ही इसके परिणाम की मजबूती कम होती जाती है। शुरुआती के समय में MACD बेहतर रिजल्ट प्रदर्शित करता है। लेकिन एक सप्ताह या महीना के बाद इसके परिणाम सम्मान जनक नहीं होते हैं।

 

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राहुल कुमार सोनी

राहुल कुमार सोनी एक वित्तीय बाजार लेखक हैं, जिन्हें शेयर बाजार, ट्रेडिंग और निवेश में 6 साल से अधिक का अनुभव है। वह बी.टेक सिविल इंजीनियरिंग में ऑनर्स डिग्री के साथ एक बाजार निवेशक भी हैं।

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