swing trading mistakes to avoid in hindi

swing trading mistakes to avoid in hindi बचने के आसान तरीके।

Intraday Trading Strategy

आज के इस लेख में हम swing trading mistakes to avoid in hindi के माध्यम से हम स्विंग ट्रेडिंग के दौरान ट्रेडर द्वारा की जाने वाली आम गलतियों को बताया है। कभी-कभी ये सामान्य गलतियां भी बड़ी परेशानी का सबक बन जाती है।

Table of Contents

swing trader mindset

swing trading mistakes to avoid in hindi
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स्विंग ट्रेडर की मानसिकता इसलिए जरूरी होती है, क्योंकि शेयर बाजार में अस्थिरता की स्थिति लगातार बनी रहती है। जिसके लिए आपको तत्काल ही निर्णय लेकर अपने loss या profit को बुक करना होता है। भले ही स्विंग ट्रेडिंग कुछ दिनों से लेकर कुछ हफ्तों तक चलती है। लेकिन फिर भी अगर एक ट्रेडर सही रणनीति, धैर्य और अनुशासन के साथ निर्णय लेने पर पर अधिक से अधिक लाभ की संभावना बनी रहती है।

  • Trader Mindset

    माइंड सेट वह है, जो आप करना चाहते हैं जबकि साइकोलॉजी का मतलब यह है कि, जो हम करना चाहते हैं उसपे अडिग है और उसपे दृढ़ निश्चय बनाये हुए हैं। किसी भी प्रकार के ट्रेडिंग में यह चार मेन पार्ट है स्ट्रेटेजी, रिस्क मैनेजमेंट, एंट्री और एग्जिट यही चार मेन पार्ट है और यही चार पार्ट से हम लोग सारा ट्रेडिंग एग्जीक्यूट करते हैं। जैसे कि, कई बार यह देखने के लिए मिलता है हम लोगों को अपने स्ट्रेटेजी पर कोई स्टॉक 100% खरा भी नहीं उतरता और फिर भी हम लोग उसे खरीद लेते हैं।
    ऐसा इसलिए होता है क्योकि हमारे डिमेंट अकाउंट में पैसे पड़े रहते हैं और हम लोग ये सोचते हैं कि, जल्दी से जल्दी कोई स्टॉक मिल जाए और उसमें हम एंट्री बना लें और स्टॉक को ढूंढते रहते हैं। जो कि ये बिल्कुल गलत है, क्योंकि यदि आपका कोई स्ट्रेटेजी है और उस स्ट्रेटेजी पर जब कोई स्टॉक मिलता है तभी आपको buy करना है ऐसा नहीं है कि आपको 100% ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी पर मैच भी नहीं कर रहा है फिर भी आप उस स्टॉक को खरीद लेते है। तो होगा क्या कि यदि आपको टारगेट मिल भी जाता है तो इसका कोई फायदा नहीं है, क्योंकि यहां पर आपका साइकोलॉजी खराब ही होगा क्योंकि आपने वैसा स्टॉक खरीदा था जो आपके स्ट्रेटेजी पे 100% मैच नहीं कर रहा था।
  • Trader Psychology

    अगर आपको टारगेट भी मिल जाता है तो उसका कोई भी फायदा होने वाला नहीं है। क्योंकि आपका साइकोलॉजी खराब हो जायेगा। क्योकि आपका Rule फॉलो नहीं हो रहा है। तो आप आगे फ्यूचर में बार-बार गलती करेंगे और आप कभी भी ट्रेडिंग में सफल नहीं हो पाएंगे। यदि आपको स्टॉप-लॉस मिलता है, तब भी आप इस स्टॉप-लॉस से कुछ नहीं सिख पाएंगे। क्योंकि आप यही सोचेंगे कि मेरे स्ट्रेटेजी पे 100% यह मैच नहीं कर रहा था। इसलिए इसका स्टॉप-लॉस हिट हो गया जबकि यदि आप 100% मैच करता है हमारे स्ट्रेटेजी पर कोई स्टॉक और जब हम खरीदते हैं तो स्टॉप लॉस भी जब हिट होता है।
     
    तब वहां से हम लोग कुछ ना कुछ सीखते हैं कि, आखिर स्टॉप-लॉस क्यों हिट हुआ फिर हम लोग चार्ट एनालिसिस करते हैं। यदि आप गलत स्टॉक खरीद रहे हैं जो हमारे स्ट्रैटेजी पर मैच नहीं करता हो तो वैसे में आप स्टॉप-लॉस और टारगेट बिना लिए भी एग्जिट कर सकते हैं। क्योंकि बाद में आपको रिग्रेट फील होगा जब वह स्टॉक नहीं चलेगा और कंसोलिडेशन फेस में फंस जाएगा तब आप सोचेंगे कि चलो इस इस स्टॉक से हम एग्जिट कर लेते हैं। क्योंकि हमारे स्ट्रेटेजी पे ये मैच भी नहीं कर रहा है तो ऐसे में क्या होगा कि आपका साइकोलॉजी खराब हो रहा है आपका टाइम भी वेस्ट हो रहा है।

Top 3 Swing Trading Mistakes In Hindi

swing trading mistakes to avoid
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स्विंग ट्रेडिंग के दौरान mistakes कि अगर बात करें तो एक नया ट्रेडर कई बार कुछ ऐसी गलतियां कर देता है जो ट्रेडिंग करते समय उसे बड़ा नुकसान पहुंचा सकता है। लेकिन जो एक सफल ट्रेडर होता है, वह अपनी पुरानी गलतियों से सिखाते हुए नयी रणनीतियों को तैयार करता है। वहीं दूसरी ओर नया ट्रेडर अपनी गलतियों को बार-बार दोहराते रहता है।

ट्रेडिंग के दौरान स्विंग ट्रेडर जब डर और लालच के बीच सही सामंजस नहीं बैठा पाता है। तब उस ट्रेडर को अक्सर नुकसान का सामना करना पड़ता है। इसके साथ-साथ सही प्रकार से स्टॉप-लॉस के बिना ही ट्रेडिंग करने से बुरे रिजल्ट दिखाई देते है।

  1. Wrong Stock Selection in swing trading

    जब आप स्विंग ट्रेडिंग की शुरुआत करते हैं, तब अक्सर भले ही वह नया ट्रेडर हो या अनुभवी ट्रेडर दोनों को ही गलत स्टॉक का चयन करना बड़ा भारी पड़ जाता है। इसलिए हमेशा ध्यान रखना चाहिए कि, जब भी स्टॉक का चयन करें तब उस समय बाजार की स्थिति टेक्निकल इंडिकेटर, कंपनी की फंडामेंटल और टेक्निकल एनालिसिस का भरपूर ध्यान रखते हुए आपको स्टॉक का सिलेक्शन करना होता है। स्विंग ट्रेडिंग के दौरान आपको बड़ी ही तेजी से निर्णय लेने की आवश्यकता होती है। क्योकि ऐसे समय पर अक्सर ट्रेडर गलत स्टॉक का चयन कर अपनी जोखिम की संभावना को कई गुना बढ़ा देते हैं।

    सही प्रकार से स्टॉक का चयन करने के लिए आपको दूसरों की राय के आधार पर अपना निर्णय नहीं लेना है। यूट्यूब चैनल या अन्य किसी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म द्वारा बताए गए स्टॉक को तब तक इस्तेमाल नहीं करना है। जब तक आप खुद अपने रिसर्च के बाद 100% निश्चय नहीं कर लेते है कि, आपको इसी स्टॉक में ही ट्रेड करना है। तब तक आपको दूसरों द्वारा बताए गए स्टॉक से दूरी बनाकर रखना होगा।

    इसके साथ ही आपको एक स्पष्ट दृष्टिकोण के साथ-साथ उसके चार्ट पर बन रहे पैटर्न का एनालिसिस करते हुए वॉल्यूम को भी ध्यान में रखना होगा। ताकि आप सुरक्षित तरीके से अपनी एंट्री और एग्जिट बनाते हुए ट्रेडिंग कर पाए। सही प्रकार से स्टॉक का चयन करने से आप अपने नुकसान को काफी हद तक कम कर लेते हैं। इसके साथ ही अपने मुनाफे की संभावनाओं को संतुलित रखते हैं।

  2. Wrong Capital Allocation

    स्विंग ट्रेडिंग एक ऐसी प्रक्रिया होती है, जिसमें बहुत ही कम पूंजी के साथ छोटी-सी अवधि में आप बड़े लाभ की उम्मीद करते हैं। इसीलिए सही प्रकार से कैपिटल का आवंटन (Capital Allocation) नहीं करेंगे तो यह न केवल आपके ट्रेडिंग के लाभ को प्रभावित करेगा बल्कि ऐसे में आपको भारी नुकसान का सामना भी करना पड़ सकता है।

    जब आप गलत तरीके से अपने पूंजी का आवंटन करते हैं, तब एक ट्रेडर के रूप में आपके मनोबल पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ता है। जब एक ट्रेडर अपने जोखिम का प्रबंध को ध्यान में ना रखते हुए अपनी पूरी पूंजी का गलत तरीके से आवंटन करने के बाद ट्रेड करता है तब उस ट्रेडर की मानसिक स्थिति तनावपूर्ण हो जाती है। जिससे उसके निर्णय लेने की क्षमता अधिक रूप से प्रभावित होती है।

    इसके लिए आपको स्टॉप-लॉस सेट करना चाहिए और संभावित मुनाफे को पहले ही तय करके अपने रिस्क रिपोर्ट रेश्यो का बखूबी ध्यान रखते हुए अपने पूंजी के आवंटन को संतुलित करना होता है। इसीलिए स्विंग ट्रेडिंग के द्वारा सही पूंजी का आवंटन करना एक सफल रणनीति का प्रमुख आधार होता है।

  3. Greed during trading

    स्विंग ट्रेडिंग के दौरान अधिक लालच करना या फिर अपने लालच को नियंत्रण में ना रखना यह आपकी एक खतरनाक मानसिक भावना हो सकती है। जब ट्रेडर बाजार में बड़ी ही तेजी से लाभ कमाने की कोशिश करता है, तब वह अक्सर इस प्रकार की भावनाओं को नियंत्रित करने में सफल हो जाता है। डर और लालच हर एक प्रकार की ट्रेडिंग में अधिक महत्वपूर्ण होते हैं। जिन्हें सही तरीके से नियंत्रित करने के बाद ही एक ट्रेडर अनुभवी ट्रेडर की श्रेणी में दाखिल होता है।

    इसके अलावा लालच की वजह से ट्रेडर्स अक्सर मार्केट के सही प्रकार से व्याख्या नहीं कर पाते तथा अपनी खुद की बनाई गई रणनीति को भी नजर अंदाज करते रहते हैं। जिसकी वजह से अचानक आने वाले बाजार के मूवमेंट की वजह से अति संवेदनशील स्थिति उत्पन्न हो जाती है।

Swing trading strategy in Hindi

स्ट्रेटेजी रिस्क मैनेजमेंट एंट्री और एग्जिट यही मेन पार्ट होते है और यही पार्ट से हम लोग सारा ट्रेडिंग एग्जीक्यूट करते हैं। जैसे कि कई बार यह देखने के लिए मिलता है कि, हम लोगों अपने स्ट्रेटेजी पर कोई स्टॉक 100% खरा भी नहीं उतरता और हम लोग उसे खरीद लेते हैं।

वैसा ऐसा क्यों होता है? ऐसा इसलिए होता है क्योकि हमारे डिमेंट अकाउंट में पैसे पड़े रहते हैं और हम लोग ये सोचते हैं कि, जल्दी से जल्दी कोई स्टॉक मिल जाए और उसमें हम एंट्री बना लें और स्टॉक को ढूंढते ही रहते हैं। जो बिल्कुल गलत है, क्योंकि यदि आपका कोई स्ट्रेटेजी है और उस स्ट्रेटेजी पर जब तक कोई स्टॉक मिलता है तब तक आपको किसी ट्रेड में एंट्री नहीं बनानी चाहिए।

How to improve swing trading performance 

  1. Target

    ऐसा नहीं है कि, कोई स्टॉक आपके 100% स्ट्रेटेजी पर मैच भी नहीं कर रहा है फिर भी आप उस स्टॉक में खरीदारी कर लिए हैं। तो होगा क्या? यदि आपको टारगेट मिल भी जाता है, तो इसका कोई फायदा नहीं है। क्योंकि ऐसी स्थिति में आपका साइकोलॉजी खराब ही होगा। क्योंकि आपने वैसा स्टॉक खरीदा था जो आपके स्ट्रेटेजी पर 100% मैच नहीं कर रहा था।

    फिर भी आप खरीद लिए थे। तो उसमें अगर आपको टारगेट भी मिल जाता है तो उसका कोई भी फायदा होने वाला नहीं है क्योंकि आपका साइकोलॉजी खराब होगा। आपका रूल फॉलो नहीं हो रहा है तो आप आगे फ्यूचर में बार-बार गलती करेंगे और आप कभी भी ट्रेडिंग में सफल नहीं हो पाएंगे।
  2. Stop loss

    यदि आपको स्टॉप-लॉस मिलता भी है तब भी आप इस स्टॉप लॉस से कुछ नहीं सिख पाएंगे। क्योंकि आप यही सोचिए कि, मेरे स्ट्रेटेजी पे 100% यह मैच नहीं कर रहा था। इसलिए इसका स्टॉप-लॉस हिट हो गया।

    जबकि यदि 100% मैच करता है हमारे स्ट्रेटेजी पर कोई स्टॉक और जब हम खरीदते हैं तो स्टॉप लॉस भी जब हिट होता है। तब वहां से हम लोग कुछ ना कुछ सीखते हैं कि, आखिर स्टॉप-लॉस हिट क्यों हुआ और हम लोग चार्ट एनालिसिस करने लगेंगे।
  3. Exit Before SL/Target

    यदि आप गलत स्टॉक खरीद रहे हैं जो हमारे जो हमारे स्ट्रैटेजी पे मैच नहीं करता हो तो वैसे में आप स्टॉप लॉस और टारगेट बिना लिए भी एग्जिट कर सकते हैं क्योंकि बाद में आपको रिग्रेट महसूस होगा। जब वह स्टॉक नहीं चलेगा और कंसोलिडेशन में फंस जाएगा तब आप सोचेंगे कि चलो इस इस स्टॉक से हम एग्जिट कर लेते हैं क्योंकि हमारे स्ट्रेटेजी पर ये मैच भी नहीं कर रहा है तो ऐसे में क्या होगा कि आपका साइकोलॉजी खराब हो रहा है आपका टाइम भी वेस्ट हो रहा है। जो एक प्रकार से Big Trading psychology mistakes कहलाता है।

    और आप कहीं ना कहीं जो चाहते हैं कि ट्रेडिंग में हम निपुण बन जाए सक्षम बन जाए तो वो हो नहीं पाएगा और आप ऐसे ही करते रहिएगा बार-बार किसी स्टॉक में एंट्री करेंगे और बार-बार एग्जिट करेंगे और यदि आप वैसे स्टॉक को बाय करते हैं जो हमारे स्ट्रेटेजी पर 100% पर मैच करता हो। तो ऐसे केसेस में ज्यादातर आपको टारगेट ही देखने के लिए मिलेगा ज्यादातर केसेस में आपको टारगेट मिलेगा।

Risk Management

रिस्क मैनेजमेंट के तहत आपको अनुभवी ट्रेडर्स की प्रमुख रणनीतियों का अध्ययन करने का प्रयास करते रहना चाहिए।

  • Use Stop Loss Order

    स्विंग ट्रेडिंग या फिर अन्य किसी भी प्रकार की ट्रेडिंग मैं जोखिम के प्रबंधन के लिए स्टॉप लॉस ऑर्डर लगाना एक महत्वपूर्ण रणनीति का हिस्सा हो सकता है

    उदाहरण के लिए मान लीजिए कि, अगर आपने किसी भी स्टॉक को ₹100 में खरीदा है और उसी ट्रेडिंग सत्र के दौरान उसका मूल्य नीचे गिरकर ₹90 चला जाता है तो ऐसी स्थिति में अगर आप स्टॉप-लॉस आर्डर का प्रयोग किए होंगे तब ऑटोमेटिक यह ट्रेड ₹90 पर एग्जीक्यूट हो जाएगा।

    इसकी वजह से आप आपको लॉस की संभावना काम हो जाती है इसके साथ ही आपका कैपिटल भी सुरक्षित रहता है कभी-कभी स्टॉप लॉस आर्डर का उपयोग न करने से अगर शेयर बाजार की स्थिति अनिश्चित रूप से उतार-चढ़ाव के साथ घटना लग जाती है तब आपको सीमित रूप से ही नुकसान का सामना करना पड़ता है इसीलिए आपको स्विंग ट्रेडिंग के रिस्क मैनेजमेंट के अंतर्गत सही तरीके से अपने रिस्क रिवॉर्ड रेश्यो को मेंटेन करते हुए स्टॉप-लॉस ऑर्डर को जरूर से सेट करना होता है।

  • Proper Risk-Reward Ratio

    रिस्क रिवॉर्ड रेशों स्विंग ट्रेडिंग के मैं ट्रेड लेने से पहले आपको डिसाइड करना होता है कि आप इस ट्रेड में किस परसेंटेज के हिसाब से अपना रिस्क रिवॉर्ड रेशों का ध्यान रखते हुए ट्रेडिंग कर रहे हैं। रिस्क रिवॉर्ड रेश्यो का फॉर्मूला कुछ इस प्रकार है

    Risk-Reward Ratio = Potential Loss/Potential Gain

    उदाहरण के लिए, मान लीजिए के आप किसी स्टूडेंट ट्रेड के दौरान₹100 का निवेश करते हैं तथा आपको ऐसा लगता है कि इस शेर की कीमत ज्यादा से ज्यादा ₹10 तक गिर सकती है और अगर ऐसा हुआ तो मैं इस स्टॉक को भेज दूंगा की आपको₹10 का ही नुकसान सहना पड़ेगा

    इसके साथ ही यदि आपको लगता है कि इस स्टॉक की कीमत ₹30 तक बढ़ सकती है तब ऐसी स्थिति में आपको ₹30 का लाभ प्राप्त होगा इसका मतलब यह होता है कि आपका रिस्क रिपोर्ट रेश्यो एक अनुपात तीन (1/3) का है।

  • Diversification in trading

    स्विंग ट्रेडिंग के मैनेजमेंट के अंतर्गत एक बहुत बड़ी भूमिका डायवर्सिफिकेशन यानी विविधीकरण का होता है क्योंकि इसकी वजह से आपके पूंजी का विभाजन अलग-अलग प्रकार के ट्रेडिंग या फिर इन्वेस्टमेंट में किया जाता है जिसकी वजह से आप अपने जोखिम को काफी हद तक सीमित और अपने कैपिटल को सुरक्षित कर सकते हैं डायवर्सिफिकेशन का सीधा सा मतलब यह होता है कि, आपको केवल कई प्रकार के स्टॉक में निवेश नहीं करना है बल्कि कई प्रकार के सेक्टर इंडस्ट्रीज कमोडिटी बॉन्ड फॉरेन करंसी इत्यादि में निवेश करके अपने पूंजी की उचित सुरक्षा बनाए रखना। जो एक प्रकार से बड़ी Swing trading mistakes मानी जाती है।

    उदाहरण के लिए मान लीजिए कि, किसी एक सेक्टर में किसी वजह से मंदिर की गुंजाइश है तब ऐसे समय पर आपके द्वारा निवेश किए गए अन्य सेक्टरों में सामान्य या फिर उचित लाभ की संभावना होने की वजह से आपको संतुलित नुकसान का सामना करना पड़ेगा। लेकिन अगर आप एक ही स्टॉप या सेक्टर में पूरी पूंजी को निवेश कर देते हैं तब उसे समय पर बाजार के गिरने की वजह से आपके पूरे पोर्टफोलियो में सिर्फ लाल ही लाल निशान होंगे।

    लेकिन कई बार यही डायवर्सिफिकेशन एक ट्रेंड या निवेशक के लिए बड़ी समस्या बन जाती है अगर वह सही समय पर सही रणनीतियों का पालन ना करते हुए इन स्टॉक्स की निगरानी नहीं करता। इसीलिए आपको हमेशा पोर्टफोलियो में डायवर्सिफिकेशन को बैलेंस बनाते हुए हर प्रकार की रणनीति को अपनाना चाहिए।

  • Stock Market Analysis

    स्विंग ट्रेडिंग में रिस्क मैनेजमेंट के तहत आपको बाजार का भी एनालिसिस करके आप आप बाजार की दिशा के साथ-साथ सही प्रकार से ट्रेडिंग के अवसरों को ढूंढ सकते हैं। टेक्निकल एनालिसिस के द्वारा चार्ट पेटर्न, ट्रेंड लाइन, मूविंग एवरेज और वॉल्यूम एनालिसिस का पता लगा सकते है।

    अन्य सभी प्रकार के टेक्निकल इंडिकेटर्स का उपयोग करते हुए ऐसा अनुमान लगाता है कि कोई भी एक स्टॉप कुछ दिनों से लेकर कुछ हफ्तों के भीतर किस दिशा की ओर जा सकता है कुछ प्रमुख टेक्निकल इंडिकेटर जैसे कि सी एमएसडी बरेली बैंड्स और मूविंग एवरेज का उपयोग करते हुए ओवरबॉट या फिर ओवरसोल्ड की स्थिति को पहचान सकते हैं।

Swing Trading 4 Golden Rule

swing trading mistakes
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  • Maintain Discipline

    स्विंग ट्रेडिंग के दौरान अनुशासन बनाए रखना एक ट्रेंड के ठोस ट्रेडिंग प्लेन का हिस्सा होता है जिसकी मदद से वह बाजार में आने वाले उतार-चढ़ाव से ज्यादा लाभ कमाने की कोशिश नहीं करता है एक ट्रेंड को यह समझने का प्रयास करना चाहिए कि वह जब-जब ट्रेडिंग करें तो उसमें निश्चित जोखिम ले

    इसके साथ अपने जोखिम को काम करने के लिए सही तरीके से स्टॉप लॉस और टारगेट प्राइस तय करते हुए अपने रिस्क के मैनेजमेंट में सुधार कर सकता है। ट्रेडिंग के दौरान अनुशासन बनाए रखना न केवल ट्रेड अपने जोखिम को नियंत्रित करता है बल्कि अपने निर्णय को भी सही और सती समय के लिए बचा कर रखता है ताकि उसे अधिक से अधिक लाभ प्राप्त हो सके।

  • Monitor Market Conditions

    ट्रेडिंग के दौरान बाजार की स्थितियों की निगरानी करने के अंतर्गत एक ट्रेंड को हाल फिलहाल के मार्केट ट्रेंड्स और भविष्य में होने वाली बड़े मार्केट मूव्स की जानकारी प्राप्त करना होता है। लेकिन हां एक स्विंग ट्रेडर को यह भी ध्यान रखना चाहिए कि, वह सिर्फ अपने ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म पर निर्भर न होकर विस्तृत रूप से बाजार के सभी हालातो को समझने का प्रयास करें।

    अगर बाजार में Sideways का माहौल चल रहा है तब उसे समय एक ट्रेंड को अधिक सतर्क होने की जरूरत होती है लेकिन इसी की विपरीत अगर बाजार में सही तरीके से पुलिस मार्केट या बेरिश मार्केट चल रहा हो। तब उस समय एक स्विंग ट्रेडर को इस दिशा के अनुकूल ट्रेड करना चाहिए। जो एक Best swing trading practices के रूप में माने जाते है।

  • Have a Clear Trading Plan

    स्विंग ट्रेडिंग के नियम के अंतर्गत एक ट्रेडर का स्पष्ट रूप से ट्रेडिंग प्लान होना बहुत जरूरी होता है यह उसके रिस्क मैनेजमेंट को बड़ी ही मजबूती से बनाए रखने में मदद करता है। एक स्पष्ट व्यापार योजना के अंतर्गत आपको अपने टारगेट का सही रूप से निर्धारण करना होगा।

    इसके साथ ही उसे टारगेट को प्राप्त करने के लिए आपको इसके साथ ही ट्रेडिंग प्लान बनाते समय आपको सभी प्रमुख इंडिकेटर ऑन की मदद लेते हुए अपने रिस्क रिवॉर्ड रेश्यो की गणना करनी चाहिए अगर किसी ट्रेड में स्पष्ट रूप से ट्रेडिंग प्लान बनाया होगा तो वह जरूर अपने रिस्क को भी मैनेज करेगा इसके साथ-साथ छोटे-छोटे और ज्यादा लाभ मिलने की संभावना बनी रहती है।

  • Identify Strong Trends

    एक मजबूत ट्रेड की पहचान करने के लिए आपको मुख्य टेक्निकल इंडिकेटर जैसे मूविंग एवरेज सी मैक और वालंटियर बैंड्स की सहायता के साथ-साथ आपको उसे स्टॉक के बना रहे चार्ट पेटर्न को पहचानने का प्रयास करना होगा

    इसके साथ ही आपको यह भी ध्यान रखना होगा की मार्केट का ट्रेंड्स Bulish या Bearish है। इस स्टॉक में वॉल्यूम की स्थिति किस दिशा की ओर बढ़ रही है। इसका भी अंदाजा लगाना एक मजबूत ट्रेंड्स को पहचानने में आपकी काफी मदद कर सकती है।

swing trading mistakes to avoid in hindi

swing trading mistakes in hindi
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  1. Over Trading

    ओवर ट्रेडिंग स्ट्रिंग ट्रेडिंग के दौरान आपको हमेशा अवॉइड करना चाहिए भले ही आप दिन भर में एक ही ट्रेड या ज्यादा से ज्यादा दो या तीन ट्रेड में अपने प्रॉफिट को या लॉस को बुक करते हुए ट्रेड समाप्त कर देना चाहिए ओवर ट्रेडिंग कई कर्म से हो सकता है जैसे की आपको उसे स्टॉक के ऊपर अधिक कॉन्फिडेंस होना मार्केट की वोलैटिलिटी का स्थिर न होना। इसके साथ-साथ ही ओवर ट्रेडिंग आपके पिछले अनुभवों के कारण आपके भावनात्मक स्थिति को भी बदलने की वजह से होता है।

    ओवर ट्रेडिंग का बहुत बुरा प्रभाव आपके पूरी पूंजी पर स्पष्ट रूप से दिखाई देता है इसके साथ-साथ ही आपके लागत की वृद्धि जिसके अंतर्गत ट्रांजैक्शन फीस और ट्रेड से जुड़े कई प्रकार के टैक्स की अधिक भरपाई करनी पड़ जाती है। ओवर ट्रेडिंग के दौरान आप अपने पूर्व निर्धारित ट्रेडिंग PLAN को ऐसे समय पर भूल जाते हैं। क्योंकि आपको लगता है कि आप इस बाजार के उतार चढ़ाव के बावजूद भी थोड़ा जोखिम लेकर अधिक लाभ कमा सकते हैं जबकि बाजार में इसके विपरीत ही सभी स्थितियां उत्पन्न होती। अच्छा ट्रेडिंग से बचने के लिए आपको अपने रिस्क मैनेजमेंट को संतुलित करते हुए स्पष्ट व्यापार की योजना तथा भावनाओं पर नियंत्रण रखना होगा।

  2. Ignoring Market Trends

    स्ट्रिंग ट्रेडिंग के अंतर्गत बाजार की प्रवृत्तियां यानी की मार्केट ट्रेंड्स को अनदेखा करना बड़ा ही नुकसानदायक हो सकता है क्योंकि इससे आपको अधिक रूप से नुकसान होने की संभावना रहती है इसीलिए बाजार के ट्रेस को पहचाने कि अभी बाजार Uptrend, Downtrend या फिर Sideways की स्थिति में है।

    उदाहरण के लिए यदि बाजार में सही तरीके से आपको यह लग रहा है कि अब बाजार की ओर चलने वाला है तब उसे समय एक स्विंग ट्रेंड को कभी भी शार्ट की पोजीशन नहीं लेनी चाहिए। इसीलिए बाजार के ट्रेंड्स की अनदेखी करना एक ट्रेंड को भारी पड़ सकता है।

  3. Chasing Losses

    जब एक स्विंग ट्रेंड को किसी भी प्रकार से ट्रेडिंग के दौरान नुकसान का सामना करना पड़ता है तो यह बात उसके मस्तिष्क पटल पर छप जाती है। वह इस नुकसान के करण को ढूंढने की कोशिश नहीं करता बल्कि अपने खोए हुए पैसे को प्राप्त करने के लिए अपने नुकसान का पीछा करने लगता है जो अधिकतर नए-नए स्विंग ट्रेडर की खतरनाक आदत होती है। इसी मानसिकता को रिकवरी ट्रेडिंग कहा जाता है। जो काफी खतरनाक हो सकता है।

    इसीलिए एक स्विंग ट्रेडर को अपने नुकसान की भरपाई के लिए अपने भावनात्मक स्थितियों को संतुलित बनाए रखना। रिस्क मैनेजमेंट का सही तरीके से पालन करते हुए तथा कुछ समय के लिए स्विंग ट्रेडिंग या किसी भी प्रकार की ट्रेडिंग से आराम लेकर अपने नुकसान को भूल सकता है और सही तरीके से योजना बनाकर ट्रेड करते हुए अपने पिछले नुकसान की भरपाई भी कर सकता है।

  4. Neglecting Fundamental Analysis

    स्विंग ट्रेडिंग के दौरान आप भले ही कितना टेक्निकल एनालिसिस कर ले, लेकिन आपको यह भी मालूम होना चाहिए कि, आप जिस भी स्टॉक में ट्रेड करने का सोच रहे हैं उस स्टॉक का फंडामेंटल एनालिसिस भी करना ही होगा। क्योंकि फंडामेंटल एनालिसिस ही है। जो आपको उस कंपनी के फाइनेंशियल स्थिति उस इंडस्ट्री का विकास के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त होती है। इसकी सहायता से आप भविष्य में होने वाले अप्रत्याशित घटनाओं का अंदाजा पहले ही लगा लेते हैं।

    उदाहरण के लिए मान लीजिए कि, आपने एक ऐसी कंपनी की स्टॉक को बाय किया है जिसकी वित्तीय स्थिति मजबूत नहीं है तब ऐसी स्थिति में उसे स्टॉक की कीमत स्थिर हो जाती है जिससे आपको ट्रेडिंग के दौरान कभी भी नुकसान का सामना करना पड़ सकता है।

  5. Lack of Patience

    ट्रेडिंग में सफलता के लिए एक बड़ी ही जरूरी मानसिकता यह होती है की आपको अपने बनाए गए रणनीति पर पूरा भरोसा करते हुए धैर्य को बनाए रखना होता है। अक्सर नए ट्रेडर हड़बड़ाहट में अपने धैर्य को खो देते हैं, जिसकी वजह से उन्हें अधिक नुकसान होता है। ट्रेडिंग के दौरान धैर्य बनाए रखना एक मजबूत मानसिकता को स्पष्ट रूप से प्रदर्शित करता है। जिसकी वजह से आपको अपनी बनाई गई रणनीति पर सेल्फ डाउट नहीं होता है।

    एक स्विंग ट्रेड के अंदर धैर्य की कमी होती है तब ऐसी स्थिति में ट्रेड भावनाओं में आकर गलत समय पर एंट्री और एग्जिट लेता है यही उसकी नुकसान की बड़ी वजह बन जाती है। जो ट्रेंड धैर्य के साथ ट्रेडिंग में प्रक्रिया को फॉलो करता है वह बेहतर निर्णय लेते हुए अपनी सफलता के रास्तों को लंबे समय तक के लिए बनाए रखना है।

4 Tips for Beginners & Advanced Traders

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  1. Set Clear Goals

    एक सफल ट्रेडर स्विंग ट्रेडिंग के दौरान अपनी टारगेट तथा स्टॉप-लॉस को स्पष्ट रूप से बनाकर रखना है जिसकी वजह से यह टिप्स उसे सकारात्मक विचारों के द्वारा जोखिम सहने की क्षमता प्रदान करता है।

    उदाहरण के लिए मान लीजिए कि, आप कुछ समय के भीतर ही निश्चित लाभ को प्राप्त करना चाहते हैं लेकिन वहीं दूसरी तरफ अन्य ट्रेडर अपने लॉन्ग टर्म ग्रोथ पर ध्यान केंद्रित करते हैं।

    एक स्पष्ट लक्ष्य निर्धारित करने की वजह से न केवल आपके ट्रेडिंग के दौरान मानसिकता में पॉजिटिविटी आती है बल्कि इससे आप अनुशासन और धैर्य को मजबूती से बनाए रखते हैं। लेकिन एक नेता रीडर के रूप में आपको अपने निर्धारित लक्ष्य को समय-समय पर चेक करते रहना चाहिए।

  2. Use Technical Analysis

    टेक्निकल एनालिसिस के प्रयोग से आप मार्केट के सही ट्रेड सपोर्ट और रेजिस्टेंस के लेवल और कब किस स्टॉक में ब्रेकआउट होने वाला है इसका अनुमान लगा सकते हैं।

    उदाहरण के लिए आप मूविंग एवरेज (Moving Average), RSI तथा MACD जैसे कुछ प्रमुख इंडिकेटर का उपयोग करते हुए, अपने स्विंग ट्रेडिंग की रणनीति को और मजबूती से बना सकते हैं।

  3. Practice Risk Management

    जोखिम का प्रबंध एक स्विंग ट्रेडर के लिए बहुत जरूरी होता है क्योंकि रिस्क को अच्छे तरीके से मैनेजमेंट करने से आप अपनी पूंजी को भी सुरक्षित रखते हैं तथा अनावश्यक रूप से होने वाले नुकसान से भी बच्चे रहते हैं

    यह जरूरी नहीं है कि आपको हर एक ट्रेड में लाभ ही होगा इसीलिए आपको ओवर ट्रेडिंग से बचते हुए अपने कुल पोर्टफोलियो का ज्यादा से ज्यादा एक या दो ही परसेंट (1-2%) तक का रिस्क अपने ट्रेडिंग में ले सकते हैं

  4. Use a Trading Journal

    प्रत्येक ट्रेंड को ट्रेडिंग जर्नल का उपयोग करना चाहिए क्योंकि ट्रेडिंग जनरल एक ऐसा मध्य होता है जिसके द्वारा आप सभी प्रकार के रणनीतियों का रिकॉर्ड बनाकर रखते हैं इससे आपको यह समझने में मदद मिलती है कि आगे कौन सी रणनीति कारगर होगी और कौन सी नहीं इसकी मदद से आप यह भी आकलन लगा सकते हैं कि आपको किस समय पर किस माइंडसेट के साथ अपनी ट्रेडिंग को जारी रखना है

    इसके साथ ही आपको समय-समय पर अपने ट्रेडिंग जनरल के बार-बार अवलोकन करते रहना चाहिए ताकि आप अपनी पुरानी गलतियां को सिखाते हुए आने वाले ट्रेड्स को बेहतर बनाने की विधि को लिख सकें ट्रेडिंग जर्नल से न केवल आप अपने ट्रेड्स को मैनेज करते हैं बल्कि इसकी सहायता से आप अपने कॉन्फिडेंस को भी मजबूत करते हैं।

सारांश (Summary)

इस लेख में हमने स्विंग ट्रेडिंग के दौरान एक अनुभवी और नए ट्रेडर द्वारा की जाने वाली प्रमुख गलतियों को समझाते हुए इस प्रकार की गलतियों से बचने के उपाय और इन गलतियों को आसानी से कैसे पहचान सकते हैं? इस बात का भी ध्यान रखते हुए आप लोगों के लिए सही रणनीति का भी विस्तार से चर्चा किया गया हैं।

इस लेख में हमने सभी प्रकार के रिस्क मैनेजमेंट के साथ-साथ ट्रेडिंग के दौरान किस प्रकार से आप अपने ट्रेडिंग जनरल के अनुभवों के आधार पर फंडामेंटल और टेक्निकल एनालिसिस बराबर से उपयोग करते हुए मार्केट ट्रेंड्स के आधार पर किस प्रकार से ट्रेडिंग कर सकते हैं इसका पूरा विस्तार से विश्लेषण हमने इस लेख में किया हुआ है।

अगर इस लेख को पढ़ने के बाद आपकी ट्रेडिंग की रणनीतियों में थोड़ा भी सुधार की गुंजाइश आप कर सकते हैं तो आप जरूर से करिए इसके साथ ही इस लेख को अपने सभी ट्रेडर भाइयों के साथ अधिक से अधिक साझा करें।

धन्यवाद।

अक्सर पूछे जाने वाले पश्न (FAQ)

Q.1 स्विंग ट्रेडिंग के लिए कौन सा टाइमफ्रेम सबसे अच्छा है?

स्विंग ट्रेडिंग के लिए आमतौर पर एक अच्छे टाइम फ्रेम H4 और D1 माने जाते हैं। एक ट्रेंड को दिन के चार घंटे या फिर सप्ताह के चार्ट को अनुभव करते हुए समय सीमा का निर्धारण करना चाहिए।

Q.2 स्विंग ट्रेडिंग के लिए शेयर कैसे चुने?

स्विंग ट्रेडिंग के लिए जब आप स्टॉक का चुनाव करते हैं तब उसके लिए आपको मुख्य रूप से टेक्निकल एनालिसिस, वॉल्यूम एनालिसिस के साथ-साथ, सपोर्ट और रेजिस्टेंस के लेवल को भी चेक करने के पश्चात अपने अनुभव का भी इस्तेमाल करते हुए स्टॉक का चयन करें।

Q.3 क्या स्विंग ट्रेडिंग में स्टॉप लॉस लगाना जरूरी है?

जी हां, बिल्कुल स्विंग ट्रेडिंग ही नहीं बल्कि हर एक प्रकार की ट्रेडिंग मैं के दौरान आप भले ही अनुभवी ट्रेड या फिर शुरुआती के ट्रेंड हो आपको अपनी जोखिम के प्रबंधन के लिए स्टॉप लॉस का उपयोग करना बहुत जरूरी होता है।

Q.4 स्विंग ट्रेडर्स प्रति माह कितना कमाते हैं?

स्विंग ट्रेडर में आप कितना कमाते हैं इसके लिए आपकी पूंजी आपका शेयर बाजार और स्विंग ट्रेडिंग को लेकर अभी तक के अनुभव आपकी जोखिम का प्रबंधन की पश्चात ही अनुमान लगा सकते हैं कि आप कितना हर एक महीने में कमा सकते हैं।

Q.5 सबसे सफल स्विंग ट्रेडर कौन है?

शेयर बाजार की दुनिया में सबसे सफल स्विंग ट्रेडर की अगर आप बात करें, तो उसमें सबसे प्रमुख नाम आता है मार्क डगलस का जिनकी प्रमुख किताब ट्रेडिंग इन द जोन (Trading In The Zone) थी। जो पूरी दुनिया में आज भी सबसे अधिक लोकप्रिय है। इसके अलावा जैसी लीवरमोर का भी नाम आता है। जो इस सदी का सबसे सफल स्विंग ट्रेडर के रूप में जाने जाते है।

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राहुल कुमार सोनी

राहुल कुमार सोनी एक वित्तीय बाजार लेखक हैं, जिन्हें शेयर बाजार, ट्रेडिंग और निवेश में 6 साल से अधिक का अनुभव है। वह बी.टेक सिविल इंजीनियरिंग में ऑनर्स डिग्री के साथ एक बाजार निवेशक भी हैं।

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