इस लेख में risk reward ratio hindi के माधयम से जोखिम और लाभ को समझने का सही तरीके को उदाहरण सहित बताने प्रयास किया गया है।
ट्रेडिंग में जोखिम लाभ अनुपात क्या होता है? (risk reward ratio hindi)
स्विंग ट्रेडिंग या फिर किसी भी प्रकार की ट्रेडिंग के दौरान रिस्क रिवॉर्ड रेश्यो (Risk Reward Ratio in Trading) एक ऐसी रणनीति होती है, जो किसी भी स्टॉक में होने वाले संभावित लाभ और जोखिम के बीच आपस में तुलना करते हुए यह प्रदर्शित करता है कि, आप उस स्टॉक में निवेश या ट्रेडिंग के बाद कितना लाभ प्राप्त कर सकते हैं या फिर इसी के विपरीत कितना नुकसान उठाने के लिए तैयार है।
रिस्क रिवॉर्ड रेश्यो को ज्ञात करने के लिए अक्सर पश्न रहता है कि, How to Calculate Risk Reward Ratio जिसके लिए हम निम्नलिखित सूत्र के माध्यम से रिस्क रिवॉर्ड रेश्यो को ज्ञात कर सकते हैं।
जोखिम रिवॉर्ड रेश्यो = निवेशक या ट्रेडर का संभावित लाभ / संभावित नुकसान
जोखिम लाभ अनुपात का निर्धारण कैसे करें (How to Determine Risk Reward Ratio)
रिस्क रिवॉर्ड रेश्यो को निकालने के लिए हम एक उदाहरण से समझने का प्रयास करते हैं। यदि किसी भी स्टॉक को आप मात्र ₹100 में खरीदने के बाद आपको लगता है कि, इसकी कीमत 130 तक जा सकता है।
लेकिन कुछ समय के बाद यहीं स्टॉक आपकी उम्मीद की विपरीत जाते हुए 70 रुपए ही रह जाता है। तब इस ऐसी स्थिति में आप उस स्टॉक को ना चाहते हुए भी बेच देंगे। लेकिन इस पूरी प्रक्रिया में आपका रिस्क रिवॉर्ड रेश्यो 3:1 का होगा।
नीचे हमने कुछ महत्वपूर्ण बिंदुओं के माध्यम से रिस्क रिपोर्ट रेश्यो को ज्ञात करने की सही रणनीति को समझाने का प्रयास किया है।
ट्रेडिंग योजना बनाना (Ideal Risk Reward Ratio for Traders)
ट्रेडिंग की योजना बनाते समय आपको सही तरीके से रिस्क रिवॉर्ड रेश्यो का भी उपयोग करना बहुत ही जरूरी होता है। यह एक प्रकार से संख्या के रूप में यह प्रदर्शित करती है कि, आपके द्वारा निवेश किए गए पूंजी पर आपको कितना लाभ प्राप्त होने या कितना नुकसान होने की संभावना है।
इस रणनीति के तहत आप अपने लाभ तथा टारगेट को निर्धारित कर सकते हैं। इसके साथ ही आप स्टॉप लॉस भी सेट कर सकते हैं जिसकी मदद से अगर आपका टारगेट प्राप्त नहीं होता। तो उस स्थिति में जब आपको लॉस होने लग जाता है, तब ऑटोमेटिक ही स्टॉप-लॉस ऑर्डर होने की वजह से वह ट्रेड समाप्त हो जाता है।
उदाहरण के लिए मान लीजिए कि, यदि आपका रिस्क रिवॉर्ड रेश्यो 1:3 है। तो इसका सीधा सा मतलब यह होता है कि, आप अपने ₹1 के नुकसान के बदले ₹3 का लाभ कमाने की उम्मीद रखते हैं।
स्टॉप-लॉस और टारगेट प्राइस का चुनाव (Good Risk Reward Ratio for Profit)
रिस्क रिवॉर्ड रेश्यो की मदद से आप अपने जोखिम को काफी हद तक कम कर सकते हैं। उसके साथ ही यह आपको अपने निश्चित लाभ को प्राप्त करने में आपकी मदद करता है।
जब आप स्टॉप लॉस ऑर्डर को सेट कर देते हैं, तब आपको ट्रेडिंग के दौरान निर्णय लेने में अच्छी मदद मिलती है। इसकी वजह से आप आसानी से और बड़ी ही जल्द अपने टारगेट प्राइस तक पहुंच सकते है।
जोखिम लाभ अनुपात को कैसे सुधारें (How to Improve Risk Reward Ratio)
नीचे हमने 4 महत्वपूर्ण बिंदुओं के माध्यम से रिस्क रिवॉर्ड रेश्यो को सुधारने के लिए सही और सटीक तरीके बताए हुए है। जिनके माध्यम से आप अपनी रणनीति में और अधिक सुधार ला सकते हैं।
- इसके लिए आपको किसी भी ट्रेड में एंट्री करने से पहले अच्छी तरीके से उस स्टॉक या सेक्टर की पूरी तरह से रिसर्च कर लेनी चाहिए। इसके बाद ही बाजार की गतिशीलता का फायदा उठाने की कोशिश करनी चाहिए।
- आपको अपने टारगेट को अच्छे तरीके से निर्धारित करना चाहिए। टारगेट को बार-बार बदलने का प्रयास नहीं करना चाहिए। जब आपका निवेश आपके टारगेट तक पहुंच जाता है, तब आपको उसी क्षण अपनी पोजीशन को समाप्त कर देना चाहिए।
- ट्रेडिंग के दौरान अपनी पोर्टफोलियो में अलग-अलग स्टॉक को रखना चाहिए, ताकि बाजार के किसी भी प्रकार के उतार-चढाव के दौरान आपके पोर्टफोलियो पर बहुत ही मामूली फर्क दिखाई दे। जिसकी वजह से आप लम्बे समय तक मानसिक रूप से अधिक मजबूत बने रहते हैं।
- आपको अपनी ट्रेडिंग को रोजाना समीक्षा करने की आवश्यकता होती है। इसके साथ ही आपको समय के साथ बाजार की बदल रही स्थितियों को भी ध्यान में रखना होगा। इसके आलावा आपको अपनी रणनीति में बदलाव करने की भी आवश्यकता हो सकती है। इसके लिए भी आपको तैयार रहना होगा।
समर्थन और प्रतिरोध स्तर कैसे निकाले (Support and Resistance Levels)
सपोर्ट और रेजिस्टेंस के लेवल को निकालने के लिए आप निम्नलिखित तरीके का उपयोग कर सकते हैं।
- आप अलग-अलग तरीके के टेक्निकल इंडिकेटर जैसे कि, मूविंग एवरेज, RSI तथा बोलिंजर बैंड्स इत्यादि का उपयोग करके इन लेवल को पहचान सकते हैं।
- कुछ प्रमुख चार्ट पेटर्न जैसे कि, हेड एंड शोल्डर, फ्लैग पैटर्न तथा ट्रायंगल पेटर्न इत्यादि की मदद से आप रेजिस्टेंस और सपोर्ट लेवल को आसानी से पहचान सकते हैं।
- प्रत्येक स्टॉक में जब ट्रेडिंग की जाती है, उस दौरान जब भी स्टॉक का प्राइस 100, 200, 250, 300 इस प्रकार के भाव पर पहुंच जाती है। तब उस स्थिति में भी आपको सपोर्ट और रेजिस्टेंस के लेवल को देखने में मदद मिल सकती है।
- सभी स्टॉक में उसके हिस्टॉरिकल डाटा के आधार पर उच्चतम तथा निम्नतम बिंदुओं को देखकर आप यह अंदाजा लगा सकते हैं कि, जब भी इस स्टॉक का भाव अपने उच्च भाव के आस-पास नजर आती है। तो वह उसका महत्वपूर्ण रजिस्टेंस का लेवल हो सकता है।
- इसी के विपरीत जब इस स्टॉक की कीमत उसके सबसे निम्नतम बिंदु के आसपास नजर आती है, तो वही उसका सपोर्ट लेवल कहलाता है।
निष्कर्ष (Conclusion)
इस लेख में हमने रिस्क रिवॉर्ड रेश्यो क्या होता है? इसके साथ ही आप रिस्क रिवॉर्ड रेश्यो की सूत्र के माध्यम से अपने लाभ तथा नुकसान की गणना कर सकते हैं।
इसी के साथ हमने रिस्क रिवॉर्ड रेश्यो को आप किस प्रकार से निर्धारित कर सकते हैं? साथ ही वास्तविक ट्रेडिंग के दौरान आप अपने रिस्क रिवॉर्ड रेश्यो को कैसे सुधार पाएंगे। इसकी संपूर्ण व्याख्या हमने इस लेख में की हुई है। रेजिस्टेंस और सपोर्ट लेवल को निकालने के संपूर्ण विधि हमने विधिवत तरीके से समझाने का प्रयास किया है।
इस पोस्ट को पढ़ने के बाद यदि आप रिस्क रिवॉर्ड रेश्यो को अच्छी तरीके से समझ गए हो तो कृपया करके इस लेख को अपने सभी ट्रेडर भाइयों के साथ साझा करते हुए उन्हें भी इस कांसेप्ट को समझने में मदद करिए।
धन्यवाद।
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