Intraday Trading mein Risk Management

Intraday Trading mein Risk Management की सही प्रक्रिया।

Swing Trading Strategy

इस लेख में Intraday Trading mein Risk Management का सबसे आसान तरीका हम इस लेख में बताने वाले है। ऑप्शंस के अंदर premium decay होने का खतरा रहता है, लेकिन stocks में ऐसा बिल्कुल नहीं होता है। जहां एक इंडेक्स 1 से 2 प्रतिशत आपको बहुत ही मुश्किल से मूवमेंट होता है। वहीं पर एक स्टॉक 3 से 4 प्रतिशत का आसानी से मूवमेंट दे देता है।

Stock selection for intraday trading

Intraday Trading mein Risk Management
Intraday Trading mein Risk Management

जो शुरुआती के ट्रेडर है, जो भी ट्रेडिंग स्टार्ट कर रहे है। उनके लिए इतना आसान नहीं होता है कि, 5000 स्टॉक्स में से एक स्टॉक्स का चुनाव करके अपने लिए बेस्ट स्टॉक को ढूँढना, best entry और best exit पॉइंट्स को निकालना काफी ज्यादा कठिन कार्य हो जाता है। इस लेख में हमने कैसे आप Best intraday stocks to buy का सही तरीका समझाने वाले है।  

लेकिन एक प्रोसेस है अगर आप इस प्रोसेस को फॉलो करते हो अगर आप इस प्रोसेस के द्वारा अपनी ट्रेडिंग जर्नी क्या बोलते हैं आगे बढ़ाते हो तो आपकी प्रॉफिटेबल होने की प्रोबेबिलिटीज काफी ज्यादा बढ़ जाएंगी।

Intraday Trading mein Risk Management

Intraday Trading Risk Management
Intraday Trading Risk Management

नीचे हमने बहुत जरुरी checklist बनाई हुयी है, जो आपके intraday trading के दौरान stock selection में काफी मदद करने वाली है।

  1. Volatility and risk management in intraday trading

    High liquidity वाले स्टॉक का सीधा सा मतलब ही यही होता है कि, आपको ट्रेड करने के लिए आसानी से entry और exit कर सकते है। जिसकी वजह से आप कभी भी उस stock  में फस नहीं सकते। Intraday trading risk management के तहत हाई लिक्विडिटी वाले स्टॉक्स का ही चयन करे।

    आपने हमेशा देखा होगा कि, जिन स्टॉक में high liquidity होती है, तो ऐसे स्टॉक future में भी अच्छा परफॉर्म करते है। इसके साथ ही intraday trading के अंदर अधिक मूवमेंट भी रहता है। अधिकतर FII और Domestic Institutional Investors (DII) ऐसे ही अधिक लिक्विडिटी वाले स्टॉक का ही चुनाव करते है।

  2. Position sizing in intraday trading

    जब आप high liquidity वाले स्टॉक्स का चयन कर लेते है। तब मान लीजिए कि, आपको स्टॉक्स के अंदर वॉल्यूम दिखा लेकिन आपको उसमें प्राइस एक्शन नहीं दिखाई दिया तो क्या फायदा। स्ट्रांग (strong price action) जब किसी चार्ट में बन रहा हो भले ही वह कोई रेजिस्टेंस लेवल पर हो, या किसी सपोर्ट लेवल पर आपको सपोर्ट लेता हुआ दिख रहा हो, या फिर कोई ट्रेंड लाइन का सपोर्ट ले रहा हो। किसी भी इंडिकेटर का सपोर्ट मिलता हो इंडिकेटर के साथ चलता हुआ मार्केट दिख रहा है तो आपको स्ट्रांग प्राइज एक्शन फॉलो करना है।

    Purely कैंडलस्टिक्स पैटर्न को वहां पर ध्यान रखना है। इसके साथ ही आपको चार्ट पैटर्स को ध्यान भी रखना है। इसीलिए स्ट्रांग प्राइस एक्शन अगर आपको जब तक किसी स्टॉक में नहीं मिल रहा हो। कोई स्टॉक्स जब ब्रेकआउट देने वाला हो, या फिर हो सकता है कि. कोई स्टॉक ब्रेक डाउन देने वाला हो, इसके आलावा यह भी हो सकता है कि, कोई ट्रेंड लाइन पर सपोर्ट ले रहा हो। तो ऐसे स्टॉक्स को हमें watch list में रखना है, जिसके अंदर प्योर आपका प्राइज एक्शन बनता हुआ दिख रहा हो।

  3. Leverage and risk management

    तीसरी सबसे महत्वपूर्ण रणनीति का नाम है वोलैटिलिटी। आप जब भी स्टॉक से चार्ट को देखे होंगे तब हमेशा चार्ट ऐसे एक रेंज में फंसे रहते हैं। जिनमे सबसे ज्यादा एक पॉइंट से दूसरे पॉइंट्स के ही उस स्टॉक का मूल्य up और down होता रहता है। intraday trading me share kaise kharide इसके लिए मुख्य 3 स्टेप्स को बताया गया है। 

    जब कोई स्टॉक एक रेंज में फस जाता है तो सबसे ज़्यदा डोजी पैटर्न ही बनाते रहेगा। डोजी पैटर्न तब ही बनता जब उस स्टॉक में वोलैटिलिटी बहुत ही कम होती है। जब किसी स्टॉक में वोलैटिलिटी ही कम रहेगी तो आप उस ट्रेड में कभी भी अच्छा परफॉर्म नहीं कर पाएंगे। और जब ऐसी स्थिति में आप ट्रेड लेते है तो उसके भाव में मोमेंटम की कमी की वजह से अगर हल्का सा भी डिप आएगा तो आपका स्टॉप लॉस बड़ी जल्दी Hit हो जायेगा।

    इसीलिए आपको ऐसे ही स्टॉक्स का चुनाव करना होगा, जिसमे आपको ट्रेड लेने के बाद ज़्यदा इंतजार न करना पड़े इसका सीधा सा मतलब यह है कि, उस स्टॉक में अधिक से अधिक वोलैटिलिटी मजूद हो। इंट्राडे के अंदर आप जब स्टॉक्स का चुनाव करे तो ध्यान रखे कि, उस स्टॉक्स का मूवमेंट कम से कम 1.5 से 2 प्रतिशत का होना चाहिए। जो अधिक और मोमेंटम वाले स्टॉक्स की श्रेड़ी में माना जाता है।

  4. Stock Price Range

    How to identify good intraday stocks के तहत आप स्टॉक प्राइस रेंज के साथ जब भी कोई नया ट्रेडर शेयर बाजार में आता है तो उसकी सोच हमेशा से यही रहती है कि, उसे सबसे कम रुपयों वाला ही जैसे 10 रुपए से लेकर 50 रुपए तक के शेयर का ही स्टॉक चुनने का प्रयास करता है क्योकि उसे ज़्यदा quantity में शेयर को खरीदना होता है। लेकिन यह सबसे गलत रणनीति होती है।

    आपको स्टॉक्स स्टॉक्स का चुनाव तब ही करना है, जब उसका प्राइस रेंज आपको एटलीस्ट पता होना चाहिए कि, मुझे तो यह प्राइस रेंज सूट करता है। जो प्राइस रेंज आपको समझ में आता है, क्योकि अच्छे प्राइस रेंज वाले स्टॉक्स में खासकर मैक्सिमम जितने हमारे इंस्टिट्यूशन होते हैं, जितने हमारे बड़े ट्रेडर्स होते हैं। वो सभी लोग इन्हीं प्राइस रेंज के अंदर ही मैक्सिमम स्टॉक्स को ट्रेड करते हैं।

    बड़े इंस्टीटूशन और ट्रेडर का मैक्सिमम कैश फ्लो इन्हीं प्राइस रेंज में होता है। तो अगर आप प्राइस रेंज के बेसिस पर स्टॉक सेलेक्ट सिलेक्ट करना चाहते हो तो आपको 250 से 2000 रुपयों तक के स्टॉक्स का चुनाव करना सही रहेगा। 250 से ऊपर कोशिश करो कि, आपका जो स्टॉक का प्राइस रहना चाहिए एटलीस्ट 250 हो या 300, 400, 500 से लेकर 2000 तक के बीच के जो प्राइस रेंज के स्टॉक होने चाहिए। आप उन्हीं को सेलेक्ट करो, उन्हीं में ही ट्रेड करना प्रेफर करो क्योंकि ऐसे स्टॉक्स मैक्सिमम आपको ब्लू चिप स्टॉक्स ही मिलेंगे। अब आप समझ ही गए होंगे कि, How to find stocks for intraday trading के बारे में।

  5. Trending Stocks

    पांचवी रणनीति का नाम है, ट्रैंडिंग स्टॉक्स का चुनाव। ट्रैंडिंग स्टॉक्स को ढूढ़ना आपको इसलिए जरुरी हो जाता है, क्योंकि आप आज स्टॉक को फाइंड नहीं कर रहे है अगर मार्केट ओपन हो रहा है, तो आप अभी स्टॉक को फाइंड नहीं कर रहे हो। आपको उस स्टॉक्स को पहले से ढूढ़ करके रखना है। Intraday stock selection tips के साथ अगर किसी स्टॉक्स के अंदर previous एक या दो दिन से मोमेंटम आना स्टार्ट हो चुका है, तो इसका मतलब ही है कि, अब स्टॉक एक हेल्दी कैंडल देने लग गया है।

    जब कोई स्टॉक्स के चार्ट में आपको 1 से 1.5% का मोमेंटम दिखाई देने लगे तब आपको समझ जाना होगा कि, अब स्टॉक्स एक क्लियर डायरेक्शन दे रहा है उसके Trending होने का। तो आपको ट्रेडिंग के लिए उसी स्टॉक को पिक करना है क्योंकि अगर जिस सेक्टर में मनी फ्लो हो रहा है आप उसी सेक्टर में उसी स्टॉक्स में ट्रेडिंग करना प्रेफर करोगे। तो हाई चांसेस है कि, आप वहां पर अपना प्रॉफिट निकाल के ही बाहर आओगे। इसके साथ ही आप हमारे ट्रेडिंग टुटोरिअल्स हिंदी में पढ़ने से भी अधिक ज्ञान प्राप्त कर सकते है।

इंट्राडे ट्रेडर्स के लिए मुख्य रिस्क मैनेजमेंट तकनीकें।

  1. स्टॉप-लॉस और अपने प्रॉफिट लेवल सेट करें।
  2. उचित पोजीशन साइजिंग का सही तरीके से उपयोग।
  3. लेवरेज का बहुत ही सावधानी से उपयोग करें।
  4. अपनी भावनाओं को नियंत्रित करना।
  5. ओवरट्रेडिंग से बचने का प्रयास करें।

Summary

इस लेख के माध्यम से हमने इंट्राडे स्टॉक्स को ढ़ंढने का सही तरीका, Best stocks for intraday trading in India तथा 5 बहुत ही महत्पूर्ण चेकलिस्ट को बताने का प्रयास किया है जो आपको निश्चित रूप से ट्रेडिंग के दौरान खासतौर पर एक अच्छा और ज़्यदा रिटर्न्स दिलाने में आपको जुरूर मदद करेगी। Stock Market Risk Control करना बहुत ही जरुरी skill होती है।

अगर आपको इस लेख को पढ़ने से अच्छी जानकारी मिली हो तो कृपया करके इस लेख को अधिक से अधिक शेयर करने का प्रयास करे।

धन्यबाद।

FAQ

Q.1 मैं दिन के कारोबार के लिए स्टॉक कैसे ढूंढूं?

दिन के कारोबार (इंट्राडे ट्रेडिंग) के लिए स्टॉक ढूंढने के लिए, निम्नलिखित टिप्स का पालन करें।

  1. वोलाटिलिटी : ऐसे स्टॉक्स चुनें जिनकी कीमत में दिन भर में बड़ा उतार-चढ़ाव हो।
  2. ट्रेंडिंग स्टॉक्स: समाचार या बाजार के अपडेट से ट्रेंड में चल रहे स्टॉक्स को पहचानें।
  3. वॉल्यूम: उच्च ट्रेडिंग वॉल्यूम वाले स्टॉक्स का चयन करें, क्योंकि इनमें तरलता होती है।
  4. तकनीकी विश्लेषण करें: चार्ट और इंडिकेटर्स का इस्तेमाल करें जैसे RSI, MACD, और मूविंग एवरेज।
  5. न्यूज़ और इवेंट्स: कंपनी या उद्योग से संबंधित ताजे समाचारों को ट्रैक करें, क्योंकि ये स्टॉक की कीमत को प्रभावित कर सकते हैं।

Q.2 क्या डे ट्रेडिंग कठिन है?

हां, डे ट्रेडिंग (इंट्राडे ट्रेडिंग) कठिन हो सकती है क्योंकि इसमें तेज निर्णय लेने, बाजार की गति को समझने, और तकनीकी विश्लेषण की गहरी समझ की जरूरत होती है। साथ ही, इसमें उच्च जोखिम होता है और नुकसान भी हो सकता है। सफल होने के लिए रणनीतियों, अनुशासन, और लगातार अध्ययन की आवश्यकता होती है।

Q.3 इंट्राडे में कब बेचना है?

इंट्राडे में स्टॉक बेचने का सही समय तब होता है जब स्टॉक का मूल्य आपके निर्धारित लक्ष्य या ट्रेलिंग स्टॉप लॉस तक पहुँच जाए। इसके अलावा, बाजार के रुझान और तकनीकी संकेतकों जैसे RSI, MACD या मूविंग एवरेज के आधार पर भी फैसला किया जा सकता है। सही समय का चयन जोखिम कम करने और मुनाफा अधिकतम करने में मदद करता है।

Q.4 लिक्विड स्टॉक कैसे खोजें?

लिक्विड स्टॉक खोजने के लिए, ऐसे स्टॉक्स चुनें जिनका ट्रेडिंग वॉल्यूम उच्च हो, यानी जिनकी रोज़ाना ज्यादा खरीद और बिक्री होती हो। इसके अलावा, स्टॉक्स की स्प्रेड कम होनी चाहिए, ताकि ट्रेडिंग में आसानी हो।

Q.5 क्या ट्रेडिंग छात्रों के लिए अच्छी है?

ट्रेडिंग छात्रों के लिए अच्छी हो सकती है यदि वे सही ज्ञान, जोखिम प्रबंधन और अनुशासन के साथ इसमें भाग लें। हालांकि, यह जोखिमपूर्ण है और अगर सावधानी से न किया जाए, तो वित्तीय नुकसान हो सकता है। छात्रों को अपनी पढ़ाई को प्राथमिकता देते हुए ही ट्रेडिंग करनी चाहिए।

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राहुल कुमार सोनी

राहुल कुमार सोनी एक वित्तीय बाजार लेखक हैं, जिन्हें शेयर बाजार, ट्रेडिंग और निवेश में 6 साल से अधिक का अनुभव है। वह बी.टेक सिविल इंजीनियरिंग में ऑनर्स डिग्री के साथ एक बाजार निवेशक भी हैं।

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