इस लेख में, day trading strategies in Hindi के अंतर्गत 4 प्रमुख रणनीति के साथ-साथ, डे ट्रेडिंग के मुख्य फायदे के बारे में समझाने का प्रयास किया गया है।
डे ट्रेडिंग क्या है? (what is day trading)

डे ट्रेडिंग शेयर बाजार की दुनिया में एक ऐसी शैली के रूप में जानी जाती है, जिसमें आप किसी भी स्टॉक या वित्तीय साधनों को एक ही दिन के अंदर-अंदर खरीदने और बेचने से मुनाफा कमाया जाता है। डे ट्रेडिंग बड़ा ही जोखिम भरा होता है क्योंकि एक दिन के अंदर ही बहुत ही कम समय के अंदर आपको स्टॉक में उतरे चढ़ाओगे बीच लाभ उठाने की कोशिश करनी होती है।
डे ट्रेडिंग में सफल होने के लिए हर एक ट्रेडर को शेयर बाजार के अच्छी जानकारी के साथ-साथ अनुभव का भी होना जरूरी होता है। इसके साथ ही भी अपनी भावनाओं पर नियंत्रित करते हुए, जोखिम के प्रबंधन के बारे में भी जानकारी होनी चाहिए।
डे ट्रेडिंग कैसे करें (How to do day trading)

ट्रेडिंग की शुरुआत करने से पहले आपको एक कोशिश करनी चाहिए क्या जितना ज्यादा से ज्यादा टेक्निकल एनालिसिस, फंडामेंटल एनालिसिस और जोखिम के प्रबंधन किस तरीके से करना है, इसके लिए आपको के प्रमुख वेबसाइट के लेख, अनुभवी लेखकों द्वारा लिखी गई किताबें तथा ऑनलाइन पाठ्यक्रम के माध्यम से सीखने का प्रयास करना चाहिए।
ट्रेडिंग सीखने के पश्चात आप किसी कम चार्ज वाले ब्रोकरेज का चुनाव करते हुए अपनी आवश्यकताओं के अनुसार ट्रेडिंग खाते को खोलें। अपनी खुद की रणनीति को विकसित करने का प्रयास करें। यही एक डे ट्रेडिंग की मुख्य रणनीति होती है जिसके अंतर्गत आपको कब शेयर में एंट्री लेनी है तथा रिस्क रिवॉर्ड रेश्यो को मेंटेन करते हुए कब से स्टॉक से एग्जिट होना होता है।
यही जानकारी आपको ट्रेडिंग में सफलता प्रदान करेगी। शुरुआत में ट्रेडिंग के दौरान आपको अपनी कंपनी का इस्तेमाल करना है, और जैसे-जैसे आपको अनुभव प्राप्त होता है। आप अपने पूंजी को सोते ही बढ़ा सकते हैं।
डे ट्रेडिंग रणनीति के प्रकार (Specific Day Trading Strategies)
डेट रीडिंग रणनीति के प्रकार में कुछ प्रमुख रणनीतियों को भी मुझे बताया हुआ है।
- स्कैल्पिंग ट्रेडिंग रणनीति (Scalping Trading)
- स्विंग ट्रेडिंग रणनीति (Swing Trading)
- मोमेंटम ट्रेडिंग रणनीति (Momentum Trading)
- पैटर्न ट्रेडिंग रणनीति (Pattern Trading)
- ब्रेकआउट ट्रेडिंग रणनीति (Breakout Trading)
- पुलबैक ट्रेडिंग रणनीति (Pullback Trading)
- गैप अप और गैप डाउन ट्रेडिंग (Gap Up & Gap Down Trading)
- प्राइस एक्शन ट्रेडिंग रणनीति (Price Action Trading)
डे ट्रेडिंग की 4 प्रमुख रणनीतियाँ (day trading strategies in Hindi)

मोमेंटम ट्रेडिंग रणनीति (Momentum Trading)
मोमेंटम ट्रेडिंग एक बहुत ही उपयोग की जाने वाली रणनीति होती है, जिसके अंतर्गत आप किसी भी स्टॉक के मूवमेंट का अंदाजा लगाते हुए लाभ उठाने का प्रयास करते हैं।
मोमेंटम ट्रेडिंग के अंतर्गत ट्रेडर ऐसे स्टॉक की तलाश में रहता है, जिनकी कीमत हाल ही में किन्ही कारण की वजह से वृद्धि और गिरावट हुई हो। इस प्रकार के स्टॉक की तलाश करने के बाद से ही ट्रेडर सही समय इंतजार करते हैं। जहां पर वह एंट्री लेकर बाजार से लाभ कमाने का प्रयास करते हैं।
मोमेंटम ट्रेडिंग में ट्रेंड को अधिक लाभ की संभावना बहुत ही कम समय के अंतराल में प्राप्त होता है, साथ में यह बहुत ही आसान रणनीति के रूप में माना जाता है, जिसका उपयोग अधिकतर ट्रेडर करते हैं।
मोमेंटम ट्रेडिंग का उपयोग करते हुए अगर आप RSI या फिर एमएसडी इंडिकेटर के माध्यम से स्टॉक को ढूंढ सकते हैं। इसके साथ ही आपको धैर्य बनाते हुए स्टॉप-लॉस आर्डर का उपयोग करते हैं और अपनी भावनाओं पर नियंत्रण रखते हुए ट्रेडिंग करने से सफलता जरूर प्राप्त होती है।
पैटर्न ट्रेडिंग रणनीति (Pattern Trading)
किसी स्टॉक्स के मूल्य में बंद है चार्ट पेटर्न के आधार पर लाभ की उम्मीद करना एक ऐसी रणनीति के रूप में काम करता है जहां अधिकतर ट्रेंड को लाभ की संभावना रहती है इसी राजनीति को पैटर्न ट्रेडिंग की रणनीति मानी जाती है।
कुछ प्रमुख पैटर्न जैसे, हेड एंड शोल्डर डबल टॉप तथा डबल बॉटम ट्रायंगल पेटर्न तथा फ्लैग पैटर्न जिनका उपयोग अत्यधिक रूप से किया जाता है। ट्रेंड को जब भी उसकी पसंदीदा पैटर्न या इनमें से कोई भी एक पैटर्न की पहचान हो जाए तो ऐसे स्टॉक में एंट्री तथा एग्जिट के बिंदुओं की तलाश करते हुए ट्रेडिंग की रणनीति बनानी चाहिए।
इस प्रकार की रणनीति में आपको किसी और चीजों पर ध्यान नहीं लगाना होता बल्कि स्टॉक में बन रहा है पैटर्न जिस तरीके से बनता जाता है वैसे ही आप उसे पहचान सकते हैं। चार्ट में कभी-कभी किसी विशेष पैटर्न को बनने में समय लग जाता है जिसकी वजह से आपको तुरंत इसका लाभ दिखाई नहीं देता है।
ब्रेकआउट ट्रेडिंग रणनीति (Breakout Trading)
ब्रेकआउट ट्रेडिंग रणनीति सबसे अधिक लोकप्रिय तथा ट्रेडरों द्वारा उपयोग की जाने वाली रणनीति है। जिसका सीधा सा तात्पर्य होता है कि, कम समय में शेयर में होने वाले छल के बीच लाभ उठाने का प्रयास करना होता है।
ब्रेकआउट का सीधा सा मतलब यह होता है कि, एक निश्चित समय सीमा के अंतराल में किसी स्टॉक के मूल्य में अचानक से वृद्धि होने के बाद वह अपनी सीमा से बाहर निकल जाती है। ब्रेकआउट किसी भी स्टॉक में तभी संभव होता है जब उसे स्टॉक का बाजार में किसी भी घटना या फिर खबर के आधार पर उस स्टॉक के खरीदी और बिक्री बढ़ जाती है। देखो ट्रेडिंग करनी थी एक जोखिम भरा राजनीति होता है लेकिन अगर इसका सही तरीके से उपयोग किया जाए तो यह बहुत लाभदायक भी होती है।
इस रणनीति का उपयोग करते हुए एक ट्रेंड को अपने धैर्य तथा अनुशासन को बनाए रखने की आवश्यकता होती है इसके साथ ही उसे अपने जोखिम के प्रबंधन को ध्यान में रखते हुए ही पूंजी का निवेश करने का प्रयास करना चाहिए।
प्राइस एक्शन ट्रेडिंग रणनीति (Price Action Trading)
प्राइस एक्शन ट्रेडिंग की मुख्य तीन रणनीति को समझाने का प्रयास किया गया है। नंबर वन आइडेंटिफिकेशन डाउन ट्रेंड में है तो हमें सेलिंग की अपॉर्चुनिटी को ढूंढना होता है और अगर मार्केट अप ट्रेंड में है, तो हमें खरीदने की अपॉर्चुनिटी को ढूंढना है। इस स्ट्रेटेजी के अकॉर्डिंग हमें साइड वेज मार्केट से दूर रहना है। जो मोस्ट रिसेंट स्विंग लेवल ब्रेक हुआ है, हम उसे मार्क करेंगे तो इस स्ट्रक्चर के अकॉर्डिंग यह वो लेवल है नेक्स्ट अब हमें देखना है, जो लेवल हमने मार्क किया क्या वह पहले भी टेस्ट हुआ है मतलब क्या इस लेवल ने पहले भी काम किया है सो यस यह जो रिसेंट स्विंग लेवल हमने मार्क किया।
यह पहले भी काम किया है यहां इसने एक बार रेजिस्टेंस का काम किया, फिर नेक्स्ट यहां एक बार सपोर्ट का काम किया। इसीलिए यहां हमारा पहला स्टेप कंप्लीट होता है, हमने मार्केट का ट्रेंड आइडेंटिफिकेशन जा सकता है। यही दो चीजें हो सकता है सो अकॉर्डिंग टू डाउन ट्रेंड हमने यहां प्रिडिक्ट किया अगर प्राइस इस लेवल पर आता है तो प्राइस यहां से नीचे जा सकता है सिंपली इस सेकंड स्टेप में हमें खुद से क्वेश्चन पूछना है सपोज प्राइस ऊपर आता है और इस जन में स्टे करता है देन अब हमें प्रिडिक्ट करना है नेक्स्ट क्या हो सकता है यह बहुत सिंपल चीज है बट बिलीव में यह आपको बहुत सारे लूजिंग ट्रेड से बचा सकता है।
तो हमने ट्रेंड को आइडेंटिफिकेशन और प्रेडिक्शन भी कर लिया कि, अगर प्राइस यहां आने के बाद नीचे जाएगा। तो हम यहां सेल करेंगे नाउ अब थर्ड स्टेप देखते हैं, जो है टेक एक्शन एंड एंटर देखिए इसके लिए हम मल्टीपल प्राइस एक्शन एलिमेंट्स का यूज़ करेंगे। कैंडलेस्टिक पैटर्न, चार्ट पैटर्स, ट्रेंड लाइंस एट्स तो ये हम कैसे करेंगे सिंपली हम जिस टाइम फ्रेम में स्टेप वन और स्टेप टू प्रोसेस को पूरा करेंगे। उससे एक टाइम फ्रेम नीचे हम चार्ट पैटर्न या ट्रेंडलाइन ब्रेक का यूज़ करेंगे, कैंडलेस्टिक नॉलेज चार्ट पैटर्न लाइक डबल टॉप एंड बॉटम ट्रिपल टॉप एंड बॉटम, हेड एंड शोल्डर। अब देखिए जब हम इस थ्री स्टेप प्रोसेस के थ्रू ट्रेड लेते हैं तो हम कभी भी कुछ भी ट्रेड नहीं करते हम एक सिस्टम और प्राइस एक्शन के बेस पर ट्रेड कर रहे हैं
मोस्टली बिगिनर्स ट्रेडर्स यही गलती करते हैं, वो रैंडम कहीं भी ट्रेड ले लेते हैं। उनको डेली ट्रेड लेना होता है, देखिए डेली ट्रेड लेने से अच्छा आप एक सेटअप पर डिसिप्लिन के साथ ट्रेड करिये। बहुत से स्टॉक मार्केट में लिस्टेड है, तो जब तक आपको अपने स्ट्रेटेजी के अकॉर्डिंग एक क्लियर ट्रेड सेटम ना दिखे तब तक आप ट्रेड ना लो नाउ अब हम कुछ रियल चार्ट एग्जांपल देखते हैं यहां देखिए ये हमारा पहला चार्ट है फर्स्ट ऑफ ऑल हमें ट्रेंड को आइडेंटिफिकेशन का काम किया फिर मल्टीपल टाइम सपोर्ट का काम किया तो ट्रेंड और स्ट्रक्चर के बेस पर हम यहां अनुमान लगाते हैं प्राइस जब यहां आएगा तो शायद यहां से नीचे चला जाए।
डे ट्रेडिंग के फायदे (Advantages of Day Trading)

समय की प्रतिबध्त्ता।
डे ट्रेडिंग के दौरान समय के समय की प्रतिबद्धता का महत्व आप इसी बात से लगा सकते हैं की डेट ट्रेडिंग में आपको सिर्फ एक ही दिन के भीतर किसी भी शहर को खरीदना और बेचना होता है इसको आपको लंबे समय तक अपने होल्डिंग में रखने की आवश्यकता नहीं होती।
इस प्रकार की ट्रेडिंग ऐसे लोगों के लिए अधिक कारगर होती है जिनके पास निवेश के लिए समय की प्रतिबद्धता है और वे कम समय में ही अपनी पूंजी को कई गुना तक बढ़ाना चाहते हैं। लाइव डे ट्रेडिंग (Live Day Trading) के दौरान आपको अपने समय का विशेष ध्यान रखना होता है।
अधिक लाभ की सम्भावना।
इसमें मार्जिन की सुविधा के कारण एक ट्रेडर को डे ट्रेडिंग के दौरान कम समय में अधिक लाभ कमाने की उम्मीद की जा सकती है। डे ट्रेडिंग रणनीतियाँ (Day Trading Ranneetiyan) में लाभ की अधिक सम्भावना होती है।
इसका मुख्य कारण यह होता है कि, बाजार में किस स्टॉक का किसी विशेष सूचना एवं चार्ट पेटर्न के आधार पर छोटे-छोटे बदलाव होते रहते हैं। जिनका फायदा आप आसानी से ट्रेंड को पहचानते हुए उठा सकते हैं।
नुकसान की कम सम्भावना।
डे ट्रेडिंग के दौरान आपको सीखने का अधिक अवसर मिलता है, क्योंकि उसमें आपको बहुत ही कम समय के अंतराल में ट्रेडिंग करते हुए लाभ कमाने की कोशिश करनी होती है।
डे ट्रेडिंग के दौरान किसी भी स्टॉक को एक ही दिन के भीतर खरीद कर भेज दिया जाता है और मुनाफे को समेट लिया जाता है, लेकिन इसमें आपको रात भर उसे स्टॉक का जॉब उठाना नहीं पड़ता।
डे ट्रेडिंग के नुकसान (Disadvantages of Day Trading)

स्विंग ट्रेडिंग करने से क्या-क्या नुकसान है, स्विंग ट्रेडिंग करने के तो वीडियो के एंड पे हमें यह पता चलेगा कि इसमें ज्यादा फायदे हैं या फिर ज्यादा नुकसान है तो थोड़ा सा पहले कड़वाहट की बात कर लेते हैं कि यार क्या-क्या प्रॉब्लम्स हमें स्विंग ट्रेडिंग में फेस करनी पड़ती है जैसे मैं एक स्विंग ट्रेडर हूं तो मुझे क्या-क्या प्रॉब्लम्स फेस करनी पड़ती है। मार्जिन ना मिलने की वजह से ये थोड़ा सा इशू हमें हम बोल सकते हैं प्रॉब्लम हमें स्विंग ट्रेडिंग में सबसे पहली प्रॉब्लम बन जाती है द सेकंड कॉन एंड द सेकंड प्रॉब्लम इज कि यहां पे इंस्टेंट मोमेंटम नहीं होता है मतलब मतलब आपको टाइम बहुत ज्यादा देना पड़ता है ऐसा नहीं है कि आपने अभी बाय किया और एक घंटे बाद दो घंटे बाद या फिर 15 मिनट बाद आपको रिजल्ट मिल जाएगा जैसे फॉर एग्जांपल हमने कोई ऑप्शन का कॉल लिया या पुट सॉर्ट किया ह।
चाहे वो ऑप्शन बायर हो चाहे वो ऑप्शन सेलर हो हमें इंस्टेंट यानी कि आज की आज हमारा डिसीजन हो जाएगा कि यार आज हमें प्रॉफिट होना है टारगेट जाना है या फिर एसएल जाएगा या फिर लॉस होगा स्विंग ट्रेडिंग में ये होता है कि आपको टाइम बहुत ज्यादा देना पड़ता है। आपको पेशेंस रखने पड़ते हैं अगर आप टाइम दोगे तो उतने ही ज्यादा अच्छे प्रॉफिट्स आपको बनेंगे उतने अच्छे रिटर्न्स बनेंगे लेकिन अगर आप टाइम नहीं दोगे स्विंग ट्रेडिंग में तो आपको प्रॉब्लम बनेगी कि आप बड़े रिटर्न्स कभी भी नहीं बना पाओगे सो दिस इज द मेन प्रॉब्लम यहां पे आपको टाइम देना पड़ता है इंस्टेंट मोमेंटम नहीं आता है स्टॉक्स में द थर्ड कॉन इज कि स्विंग ट्रेडिंग इज वेरी बोरिंग क्योंकि यहां पे आपको सडन स्पाइक्स वगैरह देखने के लिए नहीं मिलते हैं जैसे हमें फिन निफ्टी में निफ्टी में बैंक निफ्टी में देखने के लिए मिलते हैं या फिर कॉल पुट ऑप्शंस बहुत तेजी से ऊपर नीचे हो जाते हैं तो एक एक्साइटमेंट बनी रहती है एक थ्रिल ब रहता है। इंट्राडे ट्रेडिंग के नियम (Intraday Trading Ke Niyam) को भी आप हमारी वेबसाइट में पढ़ सकते है।
एक सस्पेंस बना रहता है तो वो यहां पे नहीं होता है आपको पता है कि आपने कोई स्टॉक बाय कर लिया है तो आप दिन भर उसका चार्ट देख के कोई मतलब नहीं निकलेगा तो जो फुल टाइम स्विंग ट्रेडिंग करना चाहते हैं इट इज गोइंग टू बी वेरी बोरिंग तो आपको साथ में कुछ ना कुछ हॉबीज या फिर अदर इनकम सोर्सेस बना के चलना पड़ेगा नाउ लेट्स टॉक अबाउट द प्रोज क्योंकि कॉन्स में मुझे लगता है प्रॉब्लम्स जो मैंने तीन शेयर की है इसके अलावा मुझे और कोई प्रॉब्लम इसमें समझ में नहीं आती है बाकी अगर आपको लगता है कि यार हां एक प्रॉब्लम ये और स्विंग ट्रेडिंग में होती है तो कमेंट सेक्शन में जरूर बताइएगा अभी बात कर लेते हैं थोड़ी सी तारीफ कर लेते हैं कि यार एक्चुअल में कैलकुलेशंस करनी पड़ती है बहुत ज्यादा आपको दिमाग लगाना पड़ेगा लेकिन ऐसा होता भी नहीं है कि जो आपने रिस्क एपेटाइट फिक्स किया है उस परे आप फॉलो करना द फोर्थ वन इज नो नीड टू बी एक्टिव ऑल डे यानी कि आपको दिन भर स्क्रीन के सामने आंखें फोड़ने की जरूरत नहीं है और अगर ओवरनाइट पोजीशंस जो कॉल पुट बायर्स ले जाते हैं तो भाई वो तो रात भर यह देखते रहते हैं कि नेक डाउ जनस कैसा परफॉर्म कर रहा है।
सोते-सोते देखेंगे सुबह उठ के देखें देखेंगे, प्री मार्केट देखेंगे तो दिन भर कहीं ना कहीं हेक्टिक और बहुत ज्यादा अगर फेवर में है तो अच्छी बात है लेकिन अगर फेवर में नहीं है मान लो कॉल ले रखा है ओवरनाइट और मार्केट गैप डाउन ओपन हो जाता है तो फिर नींद खराब हो जाती है स्ट्रेस फ्री लाइफ स्ट्रेस वाली लाइफ हो जाती है तो सबसे अच्छी बात ये है कि, आपको यहां पे दिन भर एक्टिव ही नहीं रहना है, आपने अपना प्रॉपर स्टॉप लॉस लगा लिया है आप जीटीटी ऑर्डर लगा लो आप ज्यादा है तो ट्रेडिंग व्यू पे अलर्ट सेट कर दो मोबाइल में आप अलर्ट सेट कर सकते हो कि यार 110 पे बाय किया है। 104 स्टॉप लॉस है 104 पे आप अलर्ट सेट कर दोगे तो ऑटोमेटिक आपको अलार्म बच जाएगी या फिर वो नोटिफिकेशन दे देगा ट्रेडिंग व्यू तो आप एग्जिट कर सकते हो तो यह भी अच्छी बात है कि आपको दिन भर आंखें फोड़ने की जरूरत नहीं है और अब आप अपना टाइम अपने बाकी काम में लगा सकते हो आप अपनी फैमिली के साथ स्पेंड कर सकते हो।
डे ट्रेडिंग के लिए स्टॉक्स कैसे चुनें (Stocks for Day Trading)

- चलिए समझते हैं, डे ट्रेडिंग के लिए आपको स्टॉक्स ढूंढने के क्या-क्या तरीके हैं। सबसे पहला और आसान तरीका यह है कि, आप NSE INDIA की वेबसाइट में जाके क्लिक करने के बाद में आपके सामने शेयर्स के लिस्ट आ जाएंगे। सबसे पहले डिफॉल्ट में आपको निफ्टी 50 के ही सारे शेयर्स दिखाई देंगे। पहला ऑप्शन तो ये है कि, आप जितने ऊपर के जो टॉप आपको फाइव शेयर्स दिख रहे हैं। उसमे से आप 4 शेयर में ट्रेड कर सकते हो। ये सबसे बड़े शेयर्स है, तो बड़े शेयर्स का फायदा यह होता है कि, वहां पर आपको लिक्विडिटी इश्यूज नहीं होंगे।
- दूसरा ऑप्शन ये है कि, आप अगर यहां पर वॉल्यूम में क्लिक करोगे तो आज के दिन का सबसे ज्यादा वॉल्यूम कौन से शेयर में है। आपको वही वाले शेयर मिल जाएंगे। अब वॉल्यूम ज्यादा होने का मतलब यह है कि, वहां पर शेयर के ज्यादा ट्रांजैक्शंस हो रहे हैं। ट्रांजैक्शंस कैसे होंगे, जब ज्यादा लोग वहां पर BUY या SELL करेंगे। तो अगर किसी स्टॉक में ज्यादा बाइंग सेलिंग हो रही है, तो उसमें आपको बड़े-बड़े मोमेंटम मिलने के चांसेस सबसे अधिक होते है।
- यहां पर दूसरा मेथड बहुत सरल है। जिसमे आपको आपके फेवरेट टॉप फाइव शेयर्स यूज करने होते हैं। इसमें आपको रोजाना अलग-अलग शेयर्स मिलेंगे क्योकि हर दिन लोग नए-नए शेयर में ट्रेड करते हैं। कभी वॉल्यूम बहुत ज्यादा होता है, तो किसी पर्टिकुलर शेयर में कभी कम होता है। तो आपको ये शफल करते रहना है, लेकिन बेस्ट बात ये है कि, ये सारे निफ्टी 50 के ही शेयर्स हैं। तो निफ्टी 50 के शेयर्स में अगर आप जाके ट्रेड प्लान करोगे और उसमें भी हाई वॉल्यूम वाले शेयर्स में तो आपको कभी भी लिक्विडिटी इश्यूज नहीं होंगे, आपके स्लिपेज कम आएंगे, आपका ऑर्डर प्रॉपर एग्जीक्यूट होगा और बड़े-बड़े मोमेंट्स मिलने के चांसेस भी बहुत अधिक रहेंगे।
- दूसरा ऑप्शन ये है जो मैं पर्सनली उपयोग भी करता हूं कि, आप अपने फेवरेट स्टॉक चूज कर लो। एक दो तीन या पांच मैक्सिमम अब इसका फायदा क्या है कि, अगर मान लीजिये आपने 5 स्टॉक चूज किया, अब इन 5 स्टॉक में कौन-कौन से हो सकते हैं। मैं एक रैंडम नेम ले रहा हूं दो मेरे फेवरेट है जिनमें मैं ट्रेड करता हूं मेरे सिर्फ दो ही है आप चाहो तो मैक्सिमम फाइव भी कर सकते हो। तो मेरे दो कौन-कौन से हैं, पहला हो गया अपना टाटा मोटर्स दूसरा हो गया एसबीआई (SBI) जहां टाटा मोटर्स थोड़ा ज्यादा वोलेटाइल रहता है, वहीं एसबीआई (SBI) थोड़ा ज्यादा स्टेबल रहता है।
- स्लो चलता है इसके अलावा आप चूज कर सकते हो आप फालतू में अपने आप को डिस्ट्रक्ट नहीं करता हूं अब इसका फायदा यह है मेरा सारा फोकस सारा एनर्जी नॉलेज एक ही जगह पर आके लग जाता है। तो जब ज्यादा हमारा फोकस एक ही जगह पे रहेगा, तो वहां पर हम बेहतर ट्रेड्स ले पाएंगे क्योंकि हमारे पास सोचने का समय होगा।
- दूसरा सबसे बड़ा रीजन यह है कि, अगर मान लो मैं टाटा मोटर्स में पिछले 4 साल 5 साल से ट्रेड कर रहा हूं। अब टाटा मोट्स का एक रेंज है एक यूजुअल फ्लो है जो कि, आपको तभी समझ में आएगा जब आप एक ही शेयर को बा बार बार-बार ट्रेड करोगे। उसमे आप मैक्सिमम किस तरीके से वोलेटाइल हो जाता है और मिनिमम कितना रेंज रहता है और आपको एक अंदाजा मिल जाता है पहले से ही। हां इसका इस तरीके से मूव रहता है।
- ये इन शॉर्ट जैसे अभी मैंने पहले स्टार्टिंग में बताया आपको कि, टाटा मोटर्स थोड़ा ज्यादा वोलेटाइल रहता है। एसबीआई (SBI) थोड़ा सा लूज सा है मतलब स्टेबल चलता है तो कैसे पता चला मुझे उसपे ट्रेड करके पता चला कि टाटा मोटर्स एक्चुअली कितने कितने रुप के मोमेंटम कर जाता है कि एक दिन में क्या पता 5-5, 10-10 बार ऊपर चला जाएगा या गिर भी सकता है। ऐसा ही एसबीआई में देखे तो इतना ज्यादा मूव नहीं करेगा वो 10 पर 15 पर का मूवमेंट नहीं देगा मैक्सिमम अगर हुआ तो दोती पर का मूव मिलेगा।
- तो अब मेरे को पता है कि, मिनिमम रेंज कितना है तो मेरे लिए ट्रेड्स को प्लान करना और एग्जीक्यूट करना बहुत आसान हो जाता है और मेरी एक्यूरेसी भी तभी ज्यादा अच्छी आएगी। जब मैं अपना एक रेंज सेट करके उसमें चूज करूंगा। अगर आपको डेली ऐसा समझ में आता है कि, मेरे को डेली डिफरेंट-डिफरेंट शेयर चूज करने हैं तो आप डिफरेंट-डिफरेंट शेयर चूज करो। एज अ बिगनर वो आपको हेल्प भी करेगा। हेल्प इसलिए करेगा क्योंकि एज अ बिगनर आप डिफरेंट-डिफरेंट जब चार्ट में जाके ट्रेड करोगे तो आपको नए-नए एक्सपीरियंस मिलेंगे क्योंकि आपके लिए सब कुछ नया नया होगा।
- लेकिन अगर आपको टाइम हो चुका है, 1 साल 2 साल या तीन साल अगर हो चुके हैं तो बहुत इंपॉर्टेंट है कि, अब आप एक जोन ढूंढ लो मार्केट में अपना और उसी में काम करो ज्यादा शफल करने की जरूरत नहीं क्योंकि अल्टीमेटली अपने को बनाना है पैसा। अब अगर हम मान लो 10 शेयर चूज करके बैठे हुए हैं 10 में से मान लो एक शेयर में मोमेंटम मिला मुझे और पता लगा अगले का मिस हो गया।
- अभी इधर क्या है एक शेयर है या तो मोमेंटम मिलेगा या तो नहीं मिलेगा या तो हम पैसा बनाएंगे या पेशेंस के साथ बैठ के इंतजार करेंगे या सम टाइम्स स्टॉप लॉस भी आएगा हमको बहुत ज्यादा शफल या बहुत ज्यादा परेशान होने की जरूरत नहीं है। तो इसलिए अगर इंट्राडे की बात करें तो ये जो दो मेथड है ये सबसे बेस्ट है। अब जुगाड़ वाली अगर बात करें तो बहुत से लोग स्क्रीनर लगा के वो 200 डीएमए का एवरेज क्रॉस कर रहा है कौन सा स्टॉक ये आप चूज कर सकते हो या फिर आप टिकर टेप (ticker tape) में जाके वहां पे यू नो ब्रेकआउट स्टॉक्स ऐसे करके एंटर कर सकते हो, लेकिन वहां पर प्रॉब्लम यह है वहां पे कोई भी रैंडम स्टॉक आ जाएगा वहां पर आपको मिड कैप का स्टॉक भी दिख सकता है।
- आपको स्मॉल कैप भी दिख सकता है फिल्टर ऐड करके कोशिश करना अगर आप वैसे भी कर रहे हो हमेशा लार्ज कैप स्टॉक ही चूज करो एक और आपको लास्ट पॉइंट बताता हूं मुझे भी याद आ गया तो मैं आपको एक लास्ट बोनस बोल सकते हो थर्ड तरीका है इंट्राडे शेयर्स ढूंढने का आप मॉर्निंग में मार्केट खुला मार्केट खुलने के बाद में आप जाओ कोई भी एप्लीकेशन देख लो मनी कंट्रोल देख सकते हो आप या फिर आप एनएसी इंडिया की वेबसाइट पर भी जाके देख सकते हो वहां पर देखो टॉप गनर्स और टॉप लूजर्स में कौन-कौन से स्टॉक है।
- अगर टॉप गेनर में कोई स्टॉक है जो कि 1 पर या 2 पर के आसपास मोमेंटम दिया है, उस उसमें आप जाके लॉन्ग के सेटअप ढूंढोगे तो आपको बेटर ट्रेड्स मिलेंगी मतलब वहां पर सिर्फ लॉन्ग की ट्रेड प्लान करनी है और जो टॉप लूजर्स में अगर वो एक 2 पर गिरा है एक दो या मैक्सिमम 3 पर की रेंज है तीन से ज्यादा बेकार है कोई फायदा नहीं है। एक या तीन के बीच में अगर वहां पे आपको ट्रेड मिल रहा है, तो फिर आप वहां पर शॉर्ट का ट्रेड प्लान कर सकते हो तो ये भी एक तरीका है। ये स्पेशली मैंने उनके लिए और बताया जिनको डिफरेंट डिफरेंट शेयर्स चाहिए रोजाना मैं एक जोन बना के काम करना पसंद करता हूं तो मेरे लिए निफ्टी, 50 बैंक निफ्टी।
सारांश (Summary)
इस लेख में हम ट्रेडिंग करने से कौन-कौन से फायदे और कौन-कौन से नुकसान एक शुरुआती ट्रेडर को हो सकता है उसके बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान की हुई है। इसके साथ ही हमने मुख्य चार डे ट्रेडिंग जिसके अंतर्गत मोमेंटम ट्रेडिंग रणनीति पैटर्न ट्रेडिंग की रणनीति ब्रेक आउट ट्रेडिंग के साथ-साथ प्राइस एक्शन ट्रेडिंग रणनीति का उल्लेख किया हुआ है। हमने इंट्राडे ट्रेडिंग रणनीति हिंदी (Intraday Trading Strategy Hindi) में बिल्कुल बारीकी से बताने का प्रयास किया है।
इसलिए इसमें हमने डिटेलिंग के लिए आप किस प्रकार से बेहतर स्टॉक का भी चयन कर सकते हैं। इस बारे में भी सभी जानकारियां बताई गई है अगर यह लेख पढ़ने के बाद आपको ट्रेडिंग करने की मैं थोड़ा भी सुधार हुआ हो, तो कृपया करके इस लेख को अधिक से अधिक अपने ट्रेडर भाइयों के साथ शेयर करें।
धन्यवाद।
FAQ
Q.1 डेली ट्रेडिंग कैसे करें?
डिलीवरी सेटिंग करने के लिए आपको किसी भी स्टॉक ब्रोकर के साथ जुड़कर डीमैट खाता खुलवाकर कुछ बेसिक डिटेल डालने के बाद अपनी अकाउंट को ओपन करें इसके बाद वॉलेट के क्षेत्र में जाकर कुछ फंड जमा करें उसके बाद आप रोजाना ट्रेडिंग कर सकते हैं।
Q.2 ट्रेडिंग का नंबर 1 नियम क्या है?
ट्रेडिंग का नंबर वन नियम यही है क्या आप ट्रेडिंग के द्वारा संयम बनाकर रखें क्योंकि ट्रेडिंग के दौरान आपके द्वारा लगाई गई होगी तो उतार-चढ़ाव बड़ी तेजी से होता है और ऐसी स्थिति में आप नहीं चाहती कि आपकी पूंजी किसी भी हालत में काम हो जिसकी वजह से आप अपनी पूंजी को बचाने के लिए जल्दी उसे ट्रेड से निकल जाते हैं या फिर सही तरीके से रणनीति के साथ सेटिंग नहीं करता
Q.3 शुरुआती लोगों के लिए कौन सा ट्रेडिंग सबसे अच्छा है?
शुरुआती लोगों के लिए इंट्राडे ट्रेडिंग अच्छे मानी जाती है लेकिन इसी शुरुआत करने से पहले आपको पहले जमाई अकाउंट तथा पेपर ट्रेडिंग के साथ शुरुआत करके बार-बार अच्छा लाभ अर्जित करना तक प्रयास करना पड़ेगा उसके बाद रियल मार्केट में उतरकर इंफ्रारेड ट्रेडिंग का प्रयास करना चाहिए।
Q.4 कौन सी ट्रेडिंग से पैसा कमाना आसान है?
फ्यूचर और ऑप्शन की ट्रेडिंग में पैसा कमाना आसान होता है लेकिन उसके साथ इस प्रकार की ट्रेडिंग में अच्छा खासा अनुभव के साथ-साथ आपके पास होली पूंजी भी अधिक होनी चाहिए।
Q.5 2 घंटे की ट्रेडिंग रणनीति क्या है?
2 घंटे की ट्रेडिंग रणनीति के अंतर्गत आपको शुरुआत में 2 घंटे जब बाजार खुलता है, उस तरह बाजार में अधिक उतार चढ़ाव होता है। जिसमें कम समय में अधिक मजा हो जाता है।